महीनों पहले गड्ढे खोद संवेदक ने सड़क निर्माण का काम रोका
जनता के पैसे पर सरकारी काम किस प्रकार कराये जाते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भभुआ शहर के वार्ड 12 में सुखपाल गली से लेकर खादी भंडार तक पीसीसी सड़क और गली के कराये जा रहा निर्माण कार्य में देखा जा सकता है
भभुआ सदर. जनता के पैसे पर सरकारी काम किस प्रकार कराये जाते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भभुआ शहर के वार्ड 12 में सुखपाल गली से लेकर खादी भंडार तक पीसीसी सड़क और गली के कराये जा रहा निर्माण कार्य में देखा जा सकता है, जहां निर्माण के लिए संवेदक द्वारा लगभग चार महीने पहले ही गड्ढा खोद होम पाइप डाल तो दिया गया, लेकिन अब तक सड़क व नाली का निर्माण शुरू नहीं हो सका है. अब सड़क निर्माण के लिए खोदे गये गड्ढे की स्थिति यह है कि पिछले चार महीने से लोग नारकीय स्थिति झेल रहे है और चारपहिया तो दूर साइकिल और मोटरसाइकिल से भी आना-जाना मुश्किल हो रहा है. इधर, संवेदक द्वारा नाली व सड़क का निर्माण नहीं कराये जाने को लेकर वार्ड के लोगों द्वारा डीएम को आवेदन भी दिया था. इस पर डीएम द्वारा जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया, लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. अब संवेदक का कहना है कि जबतक जांच नहीं हो जाती तब तक वह कार्य शुरू नहीं करेगा. वार्ड 12 के पार्षद प्रमोद कुमार पाठक ने बताया कि दो साल पूर्व मुख्यमंत्री शहरी योजना अंतर्गत 38 लाख की राशि से वार्ड 12 में सुखपाल गली से खादी भंडार तक पीसीसी सड़क व नाली निर्माण का कार्य कराया जाना है. इसके लिए नगर पर्षद ने शिवमूरत बिंद नामक संवेदक को कार्य कराने की जिम्मेदारी दी थी. जबकि, नाली निर्माण के लिए होम पाइप लगाने का कार्य मालती देवी नामक संवेदक को दिया गया था. इसके लिए लगभग चार माह पहले संवेदक द्वारा पुरानी सड़क को खोद दिया गया, लेकिन गड्ढा किये जाने और नाली के लिए होम पाइप लगाये जाने के बाद सड़क को उसी हाल में छोड़ दिया गया है. अब संवेदक का कहना है कि जिलाधिकारी स्तर से जब तक जांच नहीं हो जाती है, तब तक वह काम शुरू नहीं करेगा. वहीं, वार्ड पार्षद का कहना था कि नाली के लिए गड्ढा खोदकर छोड़ देने और सड़क निर्माण नहीं होने के चलते लोग काफी परेशान हैं. खासकर स्कूली बच्चों व बुजुर्ग लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. = कार्रवाई नहीं होने से संवेदकों का मनोबल रह रहा ऊंचा दरअसल, नगर पर्षद भभुआ में सरकारी योजनाओं में घालमेल और घोटाला जड़ तक फैला हुआ है. इसके चलते जांच सहित कार्रवाई होने के बावजूद शहर में घटिया निर्माण कार्य, कमीशनखोरी और सरकारी राशि के लूट पर लगाम नहीं लग पा रहा है. जाहिर है किसी भी स्तर से कार्रवाई नहीं होने और लूटखसोट पर लगाम नहीं लगाये जाने से अधिकारियों सहित घटिया निर्माण कराने वाले संवेदकों का मनोबल भी ऊंचा रह रहा है. वार्ड पार्षद प्रमोद पाठक के अनुसार नाली निर्माण के लिए गड्ढा खोद छोड़ दिये जाने को लेकर उनके द्वारा कई बार नगर पर्षद कार्यालय में आवेदन दिया गया, लेकिन उनके आवेदन पर भी सुनवाई नहीं हुई. उनका कहना था कि नगर पर्षद में इतनी मनमानी है कि कार्य करनेवाले संवेदक जनप्रतिनिधियों की भी नहीं सुनते हैं. = संवेदक को कार्य पूर्ण कराने का दिया गया है निर्देश इस मामले में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि लोगों द्वारा आवेदन दिये जाने के बाद डीएम स्तर से तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट अभी नहीं आयी है. संवेदक का कहना है कि वह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्य शुरू करेगा. वैसे संवेदक से काम शुरू कराने का निर्देश दिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है