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शराब की तस्करी करते जिला उप निर्वाची पदाधिकारी की गाड़ी व चालक धराया

कैमूर में शराब तस्करी की एक नयी तरकीब का उद्भेदन जिला पुलिस द्वारा सोमवार की रात को यूपी- बिहार के बॉर्डर कर्मनाशा में जीटी रोड पर किया गया. कैमूर पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान शराब की तस्करी में जिला उपनिर्वाची पदाधिकारी की गाड़ी व उसके चालक समेत एक महिला व एक पुरुष को पकड़ा गया है

दुर्गावती. शराब की तस्करी के लिए तस्करों द्वारा लगातार नयी-नयी तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है, जब पुराने तरकीब से शराब पकड़ी जा रही है, तो कोई नयी तरकीब शराब तस्कर निकल ले रहे हैं. इसी क्रम में कैमूर में शराब तस्करी की एक नयी तरकीब का उद्भेदन जिला पुलिस द्वारा सोमवार की रात को यूपी- बिहार के बॉर्डर कर्मनाशा में जीटी रोड पर किया गया. कैमूर पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान शराब की तस्करी में जिला उपनिर्वाची पदाधिकारी की गाड़ी व उसके चालक समेत एक महिला व एक पुरुष को पकड़ा गया है. पुलिस को शक ना हो इसके लिए तस्करों द्वारा जिला उपनिर्वाची पदाधिकारी की गाड़ी पर जिला प्रशासन कैमूर का बोर्ड लगाकर अगली सीट पर एक महिला को बैठा दिया गया था, ताकि पुलिस को किसी भी परिस्थिति में यह शक ना हो कि इस गाड़ी से शराब की तस्करी की जा रही है. सोमवार की रात लगभग 2:30 बजे यूपी-बिहार के बॉर्डर पर कर्मनाशा के पास कैमूर पुलिस जब वाहन चेकिंग कर रही थी, तब हरियाणा नंबर की स्विफ्ट कार को देखकर पुलिस को कुछ आशंका हुई. लेकिन, गाड़ी पर जिला प्रशासन कैमूर का बोर्ड लगा हुआ था व अगली सीट पर एक महिला बैठी थी, इसके बाद पुलिस की आशंका समाप्त हो गयी थी कि इसमें शराब होगी. लेकिन, सभी गाड़ियों को जैसे चेक किया जाता है, उसी क्रम में उस गाड़ी को भी जब चेक किया गया, तो उसमें बड़ी मात्रा में शराब बरामद हुई. इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. गाड़ी चालक विनय प्रकाश पिता अशोक सिंह, सुरभि कुमारी पिता विनय प्रकाश दोनों चैनपुर थाना के डोभारी गांव के रहने वाले के साथ भभुआ थाना के कूड़ासन गांव के रहने वाले सोनू कुमार को गिरफ्तार लिया गया. साथ ही गाड़ी से कुल 692 पैकेट शराब बरामद की गयी, जिसकी कुल मात्रा लगभग 131.66 लीटर आंकी गयी है. इस संबंध में प्रेसवार्ता करते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप कुमार द्वारा बताया गया कि दुर्गावती पुलिस सोमवार की रात कर्मनाशा के निकट वाहन चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार संख्या एचआर-55 एएफ 6618 यूपी से आती दिखायी दी, जिसे दुर्गावती पुलिस की जांच टीम द्वारा रोक कर जांच की गयी, तो कार से लगभग 132 लीटर शराब बरामद की गयी. शराब मिलते ही वाहन सवार एक महिला व दो पुरुष को हिरासत में लेकर आगे की करवाई शुरू की गयी. सत्यापन के दौरान पाया गया कि बिहार सरकार जिला प्रशासन कैमूर लिखा यह वाहन उपनिर्वाची पदाधिकारी कैमूर के यहां 25 हजार पर मासिक अनुबंध पर चल रहा था, जिसकी जांच की जा रही है. साथ ही चालक के पास से जिला प्रशासन कार्यालय के नाम से एक आइकार्ड, लैपटॉप व मोबाइल भी मिला है, जिसे जब्त कर आगे की कार्रवाई करते हुए मामले की जांच की जा रही है. इसके बाद ही मामला स्पष्ट हो पायेगा. मौके पर थानाध्यक्ष के अलावा एसआइ विनय कुमार आदि पुलिसकर्मी मौजूद रहे. = जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी परिचय पत्र भी बरामद पकड़ी गयी कार 25000 रुपये महीना अनुबंध पर जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी के यहां चलती थी. गाड़ी का चालक विनय प्रकाश था. पुलिस द्वारा उसे पकड़े जाने पर उसके पास से जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी परिचय पत्र भी बरामद किया गया है. विनय प्रकाश दिन में जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी की गाड़ी चलाता था और रात में उसी गाड़ी से शराब की तस्करी करता था. गाड़ी पर जिला प्रशासन का बोर्ड लगा दिया था, ताकि किसी को यह शंका न हो कि इस गाड़ी से शराब की तस्करी की जा रही है. = पुलिस से बचने के लिए चालक ने अगली सीट पर अपनी बेटी को बैठाया पुलिस किसी भी परिस्थिति में उक्त गाड़ी पर शराब तस्करी किये जाने की कोई शंका न करें, इसके लिए वह जिला प्रशासन का बोर्ड लगाने के साथ-साथ अगली सीट पर अपनी ही बेटी को बैठा दिया था, ताकि ऐसा लगे की किसी को बनारस से घुमाकर या इलाज कराकर उक्त गाड़ी वापस लौट रही है और उक्त गाड़ी की पुलिस कभी जांच ही ना करें और आसानी से शराब की तस्करी किया जा सके. पुलिस द्वारा यह भी अनुसंधान किया जा रहा है कितनी बार पहले शराब की तस्करी की गयी है, साथ ही इनके गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. = पटना मीटिंग में हिस्सा लेने गये थे जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी उक्त मामले में जब जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी पवन कुमार से बात की गयी, तो उन्होंने बताया गया कि वह मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए पटना आये हुए हैं. जिस गाड़ी को शराब के साथ पकड़ी गयी है वह गाड़ी 25000 रुपये प्रतिमाह अनुबंध पर मेरे यहां चलती थी. रात में गाड़ी का मालिक उक्त गाड़ी को लेकर अपने घर चल जाया करता था. घर जाने के बाद ही इस तरह का काम शायद कर रहा होगा, इसकी जानकारी हमें नहीं थी, हम इधर मीटिंग में हिस्सा लेने आये हैं.

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