भभुआ. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में कैमूर जिले के किसानों के किये गये भूमि अधिग्रहण के मुआवजा दर को लेकर पिछले 168 दिनों से निर्माण कंपनी के बेस कैंप चैनपुर के मसोई में धरना दे रहे किसानों का कुशल-क्षेम पूछने गुरुवार काे जिलाधिकारी सावन कुमार धरना स्थल पर पहुंचे. यहां उन्होंने किसानों के साथ लिट्टी चोखा के आनंद उठाते हुए मुआवजे की दर को लेकर अपने स्तर से हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया. गौरतलब है कि पिछले दो सालों से किसान एक्सप्रेसवे निर्माण में सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा को लेकर जिला स्तर पर धरना- प्रदर्शन करने के साथ पदयात्रा, ताला बंदी आदि कर रहे हैं. यही नहीं कैमूर के किसानों की इस लड़ाई में किसानों के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत भी कैमूर में किसानों की महापंचायत लगा कर सरकार को इस मामले में आगाह कर चुके हैं. किसानों का कहना है कि सरकार 10 साल पुराने सर्किल रेट पर मुआवजा दे रही है. बहरहाल लंबे समय से चल रही इस लड़ाई में पिछले कुछ माहों से नया मोड़ आया है. इसके तहत कुछ मौजों के किसानों ने अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर मध्यस्थ कोर्ट सह पटना आयुक्त के न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया. इसके बाद कुछ मौजों के किसानों के अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पूर्व में दिये जा रहे मुआवजा से दोगुना दर पर करने का आदेश कमिश्नर पटना द्वारा दिया गया, जिसे जिला स्तर से अब भुगतान को लेकर एनएचएआइ को भी भेज दिया गया है. इधर, धरनास्थल पर पहुंचे डीएम को किसान संघर्ष मोर्चा के नेता विमलेश पांडेय, पशुपतिनाथ पारस आदि ने जिले में डीएपी खाद की किल्लत, मुआवजा संबंधित कागजात के नकल लेने में हो रही देरी आदि समस्याओं से अवगत कराते हुए दुर्गावती जलाशय का पानी जगदहवां डैम में गिराने की भी मांग की. धरने में चांद, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ, रामपुर प्रखंड के तमाम किसान शामिल थे. = किसानों से उचित मुआवजे को लेकर मांगे कागजात इधर, किसानों के धरना स्थल पर पहुंचे डीएम ने किसानों को उनके उचित मुआवजा की मांग में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. साथ ही किसानों के साथ लिट्टी चोखा खाते हुए डीएम ने कहा कि कैमूर जिले में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित कई किसानों का मुआवजा बढ़ा कर दूना कर दिया गया है. आगे भी किसानों का मुआवजा बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा. इधर, इस संबंध में किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विमलेश पांडेय ने बताया कि डीएम द्वारा कमिश्नर कोर्ट में गये अन्य किसानों की तरह जिले के उन किसानों जिनकी जमीन एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित की गयी है, उनसे भी उचित मुआवजा को लेकर कागजात की मांग की गयी है. ताकि उन किसानों का भी मुआवजा दर दोगुना किया जा सके. लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है. कमिश्नर कोट से जिन किसानों की जमीन का मुआवजा दर दोगुना किया गया है, वह अभी बाजार रेट के बराबर है. किसान दोगुना नहीं बल्कि भू अधिग्रहण कानून के तहत चार गुना मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक धरना चलता रहेगा. इन्सेट एक्सप्रेसवे निर्माण के बाद कैमूर में बनेगा औद्योगिक गलियारा : डीएम भभुआ. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा को ले धरना दे रहे किसानों के धरना स्थल पर पहुंचकर डीएम ने कहा कि जिले में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद औद्योगिक गलियारा भी बनाया जायेगा. इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है. डीएम ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद जिले में आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी. यही नहीं संपर्क बढ़ेंगें तो रोजगार सहित कई तरह के आर्थिक व्यापार के अवसर भी बढ़ जायेंगे. स्थानीय स्तर पर भरपूर विकास होगा, साथ ही लोगों की आय तेजी से बढ़ेगी.
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