शराबी पिता ने दिव्यांग बेटे की हत्या कर चाकू से आंख निकाली, पैर की अंगुली काटी
कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के अखलासपुर पटिया गांव में गुरुवार की देर रात एक पिता ने शराब के नशे में अपने दिव्यांग बेटे की गला दबाकर हत्या कर उसकी एक आंख चाकू से निकाल कर पैर की अंगुलियां काट ली
भभुआ सदर. कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के अखलासपुर पटिया गांव में गुरुवार की देर रात एक पिता ने शराब के नशे में अपने दिव्यांग बेटे की गला दबाकर हत्या कर उसकी एक आंख चाकू से निकाल कर पैर की अंगुलियां काट ली. आरोपित गांव के आंबेडकर टोले का विनोद डोम है और मृतक आजाद कुमार है, जो विनोद का बेटा था और चलने-फिरने में असमर्थ था. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. इधर घटना की सूचना पर एसपी ललित मोहन शर्मा, एसडीपीओ शिवशंकर कुमार भी मौके पर पहुंचे व छानबीन की. भभुआ एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार है.उसकी तलाश में टीम बनाकर छापेमारी की जा रही है. जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. जानकरी के अनुसार, आरोपित शराब के नशे में अक्सर पत्नी और बेटे-बहू को डराता धमकाता और मारता-पिटता रहता था. गुरुवार शाम को भी वह शराब के नशे में आया और पत्नी और बेटों के साथ बहू के साथ मारपीट करने लगा. मारपीट के भय से पत्नी अपने छोटे बेटे के साथ भागकर अपनी ननद कुदरा निवासी सोमरी देवी के यहां चली गयी थी, बड़ा बेटा भीष्म डोम अपनी पत्नी व एक भाई के साथ भागकर भभुआ शहर के वार्ड 14 में रहनेवाले फूफा सोमारू डोम के यहां चले गये. घर में सिर्फ विनोद डोम और उसका दिव्यांग बेटा आजाद कुमार बच गये. शराबी पिता ने रात दो बजे नशे की हालत में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद मृत बेटे की बायीं आंख में चाकू घोंप दिया और आंख निकाल ली और उसने दाहिने पैर की एक अंगुली काट दी. सुबह जब उसकी पत्नी व बच्चे घर लौटे, तो घटना की जानकारी हुई. तब तक आरोपित मौके से भाग चुका था. आरोपित के आतंक से पूरा परिवार था परेशान मृत किशोर की मां चिंता देवी ने बताया उसका पति अक्सर शराब पीकर मारपीट करता था. वह एक निजी स्कूल में काम करती है, जिससे उसके पूरे परिवार का खर्चा चलता है. गुरुवार को भी वह विद्यालय से आने के बाद घर में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी. इसी बीच पति नशे में धुत होकर आया और मारपीट करने लगा. मारपीट के भय से वह अपने छोटे बेटे को लेकर ननद के यहां चली गयी थी. साथ ही उसका बड़ा बेटा भीष्म और बहू भी पिटाई के भय से भाग गये. दिव्यांग होने के चलते आजाद घर में ही रह गया था.
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