सरहुला फीडर से अतिरिक्त आठ गांव जुड़ने से हमेशा हो रहा ब्रेक डाउन, लोग परेशान
सरहुला फीडर संख्या दो में अतिरिक्त आठ गांवों की बिजली आपूर्ति जुड़ने से इन दिनों 19 गांवों के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है.
मोहनिया सदर. सरहुला फीडर संख्या दो में अतिरिक्त आठ गांवों की बिजली आपूर्ति जुड़ने से इन दिनों 19 गांवों के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. आलम यह है कि फीडर दो पर अधिक लोड बढ़ने की वजह से जहां-तहां तार व फ्यूज (जंफर) गल कर गिर जा रहा है. वहीं, ब्रेक डाउन के चलते बिजली कटौती इतना बढ़ गयी है कि इस उमस भरी गर्मी में हजारों उपभोक्ताओं का हाल बेहाल हो गया है. एक बार ब्रेक डाउन होने पर कई-कई घंटे तक बिजली गुल रह रही है. इतना ही नहीं कभी हाई, तो कभी बिल्कुल लो वोल्टेज से पंखा, कूलर खराब हो जा रहे या नहीं चल पा रहे हैं. वहीं, घरों में बिजली से संचालित होने वाले उपकरण खराब होने से उपभोक्ताओं को दोहरे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जब से फीडर संख्या दो पर आठ गांवों का लोड बढ़ाया गया है बिजली की अधिक कटौती के साथ कभी हाई, तो कभी बिल्कुल लो वोल्टेज ने उपभोक्ताओं के नाक में दम कर रखा है. जबकि, इसके पहले जब फीडर दो से सिर्फ 11 गांवों की बिजली सप्लाई होती थी उस समय उक्त फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं को 20-22 घंटे निर्बाध रूप से बिजली मिल जाती थी. लेकिन, जब से उक्त फीडर से अतिरिक्त गांवों को जोड़ा गया है उपभोक्ताओं की परेशानी इतनी बढ़ गयी है कि विभागीय अधिकारियों के प्रति लोगों का आक्रोश चरम पर है. बढ़ते बिजली बिल के साथ बिजली पर्याप्त मात्रा में मिले या नहीं, लेकिन कंपनी को समय पर खपत ऊर्जा के बिल का भुगतान अवश्य चाहिए, भले ही उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण समय पर हो या न हो. बिजली विभाग के इसी ढुलमुल रवैये से लोगों में असंतोष फैलते जा रहा है. गौरतलब है कि इसी तरह उसरी फीडर से बेलौड़ी को जोड़ा गया था, जिससे बेलौड़ी के ग्रामीण भी ब्रेक डाउन से इतना परेशान हो चुके थे कि वर्ष 2023 में बिजली कार्यालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया था, जिसके बाद उसमें सुधार किया गया. # ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी के साथ हो रहा हीटर का उपयोग सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का दोहन किया जा रहा है, खपत ज्यादा व बिजली बिल कम आये इसके लिए अधिकांश उपभोक्ता कनेक्शन के बावजूद बाइपास के माध्यम से बिजली की चोरी कर रहे हैं. इतना ही नहीं खाना बनाने के लिए भी सुबह व शाम में हीटर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है. वहीं, खास बात यह है कि कुछ संपन्न्स लोग तो बाइपास का सहारा लेकर एसी भी चला रहे हैं, जिसका परिणाम है कि बिजली खपत अधिक व राजस्व कम अर्जित हो रहा है. हालांकि, इसे विभागीय लापरवाही ही कही जायेगी, क्योंकि यह सब कुछ जानते हुए भी कुछ गांवों में विभाग कार्रवाई करने से भी कतरा रहा है, जबकि उसे अच्छी तरह पता है कि किस गांव में कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं की संख्या कितनी है और उनका वास्तविक खपत ऊर्जा क्या होनी चाहिए? इसके बाद उक्त फीडर पर यदि लोड अधिक आ रहा है तो ऐसा कहां से और क्यों हो रहा है यह देखना भी विभाग की ही जिम्मेदारी बनती है. जबकि, ऐसा नहीं है कि विभाग इन सभी मामलों से अनभिज्ञ है. भले ही बिजली चोरी व धारा प्रवाहित खुले तारों से होने वाले हादसों से लोगों को बचाने के लिए केबल तार लगाया गया है. कनेक्शन देने के लिए सभी खंबों पर डीपी लगाया गया है. इसके बाद भी बहुत से लोग बिना एग्रीमेंट के ही घरेलू उपयोग के अलावा कृषि कार्य के लिए भी बिजली का उपयोग बिना किसी डर भय के कर रहे हैं, जिसका नतीजा है कि फीडर पर लोड अधिक बढ़ जाने से बाधित होने वाली बिजली का खामियाजा वैसे उपभोक्ता भी भुगत रहे हैं जो नियमों का अनुपालन करते हैं. # ब्रेक डाउन से कर्मियों की बढ़ जाती है परेशानी सरहुला फीडर संख्या दो से आठ अतिरिक्त गांवों की बिजली सप्लाई जुड़ने से फीडर पर पड़ने वाले अत्यधिक लोड के कारण किसी भी समय ब्रेक डाउन होता रहता है, जिसका खामियाजा सबसे अधिक कर्मियों व अधिकारियों को भी भुगतान पड़ रहा है. इन दिनों बारिश के समय में खेतों में पानी भरे होने के बाद भी कर्मी दिन हो या रात किस जगह से ब्रेक डाउन हुआ है उसकी खोज करने व उसको ठीक करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करते है. बारिश के समय वैसे भी जहरीले सांप, बिच्छुओं व अन्य जहरीले जीव जंतुओं का खतरा काफी बढ़ जाता है. इसके बावजूद कर्मी रात के समय भी इसका पता लगाने के लिए पानी भरें खेतों में इधर-उधर भटक कर फाल्ट को खोज निकालने व उसको ठीक करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं. # शुरुआती दौर में फीडर दो से जुड़े थे केवल 11 गांव यदि हम सरहुला फीडर दो की बात करें तो शुरुआती दौर में इससे सिर्फ 11 गांवों को जोड़ा गया था. इसमें सरहुला, अधवार, बघिनी, बहदुरा, दसौंती, टेकारीकला, अलाडाही, रजियाबांध, बेर्रा, हसनपुर, व तुलसीपुर का नाम शामिल है. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से उक्त फीडर से जिन आठ अतिरिक्त गांवों को जोड़ दिया गया है, उनमें भरखर, पतेलवां, बसंतपुर, भुण्डीटेकारी, जिगिना, पट्टी, दुघरा व लुरपुरवां का नाम शामिल है. इन अतिरिक्त गांवों के जुड़ते ही फीडर पर लोड इतना बढ़ गया है कि उपभोक्ताओं का सिरदर्द भी दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. – कहते हैं अधिकारी इस संबंध में पूछे जाने पर विभाग के जेइ प्रदीप कुमार ने कहा कि पिछले साल फीडर दो से आठ गांवों को कृषि कार्य के लिए बिजली उपलब्ध कराने के लिए जोड़ा गया था. केबल को भी बदलवा दिया गया है. ब्रेकर के सही होते ही फीडर दो से कृषि कार्य के लिए जोड़े गये सभी आठ गांवों का कनेक्शन हटा दिया जायेगा. इससे सरहुला फीडर पर अतिरिक्त लोड समाप्त हो जायेगा.
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