सदर अस्पताल का हर पांचवां मरीज डायरिया का शिकार

इस बार बरसात और उमस के पहले गर्मी के मौसम में ही जिले में डायरिया खतरनाक हो चला हैं, जिसके चलते सरकारी अस्पतालों सहित निजी क्लिनिक में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 11, 2024 8:36 PM

भभुआ सदर. इस बार बरसात और उमस के पहले गर्मी के मौसम में ही जिले में डायरिया खतरनाक हो चला हैं, जिसके चलते सरकारी अस्पतालों सहित निजी क्लिनिक में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है. फिलहाल सदर अस्पताल में ही 10 से 15 मरीज भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है. सदर अस्पताल में फिजिशियन डॉ विनय कुमार तिवारी का कहना है कि इस बार गर्मी के शुरुआती मौसम में ही डायरिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या ज्यादा है. अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी में हर दूसरा-तीसरा मरीज डायरिया से ग्रस्त होकर आ रहा है. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में जरूरत है सावधान रहने की, अन्यथा आप उल्टी, दस्त, बुखार, पेट में दर्द व डायरिया जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. = बच्चों के लिए डायरिया बहुत खतरनाक अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार के अनुसार, बासी खाना और गंदगी व दूषित पेयजल से सभी आयु वर्ग के लोग बीमार हो सकते हैं व डायरिया की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन यह रोग बच्चों के लिए खतरनाक होता है. ख़ासकर, अगर नवजात शिशु को डायरिया हुआ है, तो डाॅक्टर को दिखाने में देरी बिल्कुल भी न करें, क्योंकि बड़े व्यक्ति को पानी पिलाते रहा जा सकता है, जबकि छोटे बच्चे को ऐसा करना मुश्किल रहता है और डायरिया शरीर में पानी की कमी ज्यादा हो जाने से मरीज की मौत हो सकती है. = अपने आप दवा लेने से बचें डॉ विनोद के अनुसार मरीज को दस्त या बुखार होने पर अपने आप दवा लेकर खाने से मरीज को बचना चाहिए, क्योंकि मरीज आपने मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाने से बीमारी बढ़ने के चांस ज्यादा रहते हैं. कई बार मरीज को लगता है कि दूसरे को भी डॉक्टर ने यही दवा थी और मुझे भी वही बीमारी है तो यही दवा ले लेनी चाहिए. साथ ही डॉ विनय तिवारी ने कहा कि हम सभी को अपने घरों में ओआरएस घोल जरूर रखना चाहिए, क्योंकि यह ऐसा संक्रमण वाला रोग है, जहां थोड़ी भी लापरवाही बरते जाने पर हम या आप कोई भी इसके चपेट में आ सकता है. = ऐसे मौसम में स्वस्थ खानपान की है जरूरत . बाजार में जलजीरा व गन्ने का रस पीने से बचें . कटे व कई दिन के बचे हुए फल आदि खाने से बचे . ताजे भोजन का सेवन जरूरी . घर से बाहर जाएं तो पीने का पानी साथ रखे, बाहरी पानी से बचें = डायरिया के लक्षण– . जल्दी-जल्दी दस्त होना . पेट में तेज दर्द होना . पेट में मरोड़ पड़ना . उल्टी आना . बुखार होना . कमजोरी महसूस होना

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