भभुआ. सरकार द्वारा जमीन का नया सर्वे कराने के एलान के बाद किसानों की बेचैनी बढ़ गयी है. नतीजा है बाप-दादों के खतियान के लिए जिला अभिलेखागार के गेट पर सुबह आठ बजे से ही लोग चिरकुट फॉर्म के साथ जम जा रहे हैं. गौरतलब है कि सरकार ने जमीन के सर्वे का एलान कर दिया है. सर्वे को लेकर गांवों में आमसभा भी शुरू हो गयी है. भूमि मालिकों से उनके भूमि स्वामित्व के जरूरी कागजात जैसे दाखिल खारिज, लगान रसीद, वंशावली, खतियान आदि की मांग की जा रही है. इसे लेकर किसान बेचैन हो गये हैं. किसी के पास खतियान नहीं है तो किसी की जमीन का अभी म्यूटेशन नहीं हुआ है, तो किसी की जमीन का परिमार्जन लटके रहने के कारण सालों से लगान रसीद नहीं कट रही है. मतलब इस गर्मी में कागजातों को जमा करने में किसानों का खून और पसीना दोनों सोख रहा है. क्योंकि, कागजात या चिरकुट फाॅर्म का टिकट प्राप्त करने के लिए किसान न्यायालय परिसर से लेकर अंचल और जिला समाहरणालय तक का प्रतिदिन चक्कर काट रहे हैं. शनिवार को जिला अभिलेखागार पर खतियान निकालने के लिए पहुंचे विजय कुमार ने बताया कि वे सुबह आठ बजे ही जिला अभिलेखागार के नीचे पहुंच गये थे. यहां पहले से ही कुछ लोग जमे हुए थे. हमें नुआंव मौजा का खतियान लेना है. चांद प्रखंड के सिरिहरा गांव के किशोरी रमण शर्मा ने बताया कि दो दिन से वे खतियान और टिकट के लिए न्यायालय से लेकर जिला अभिलेखागार में आ रहे हैं. लेकिन, अभिलेखागार के गेट पर ताला बंद है. अंदर कुछ लोग जो पहले से आये हैं, उन्हें बारी-बारी से बुलाकर काम किया जा रहा है. हमें सिरिहरा व अइलाय मौजा का खतियान लेना है. रामगढ़ के मसौढा के बिरन तिवारी ने बताया कि अभिलेखागार के अंदर इतनी कम जगह है कि बड़ा बाबू के कुर्सी के चारों ओर बड़ा मजमा लगा है. लोग धक्का-मुक्की कर रहे हैं. इस गर्मी में लगता है आदमी बेहोश हो जायेगा. जिला प्रशासन को यहां उचित व्यवस्था करानी चाहिए. उन्होंने बताया कि इस तरह फॉर्म पर लगने वाले 25 रुपये के टिकट के लिए भी न्यायालय परिसर में मारामारी हो रही है. टिकट और खतियान निकालना कमजोर लोगों के बस का मामला नहीं है. = जिला अभिलेखागार पर उमड़ रही भारी भीड़ इधर, अपनी जमीन से संबंधित बाप-दादों के खतियान निकालने को लेकर पिछले एक सप्ताह से जिला अभिलेखागार पर भारी भीड़ उमड़ने लगी है, जिसके बाद जिला अभिलेखागार का पहला गेट बंद कर दिया गया है. लेकिन, जैसे ही गेट अंदर गये व्यक्ति को बाहर निकालने के लिए खुलता है, वैसे ही लोग धक्का- मुक्की करके अंदर घुसने का प्रयास कर रहे हैं. इसे लेकर जब अभिलेखागार के बड़ा बाबू से किसी वैकल्पिक व्यवस्था या इस हालात की जानकारी जिला प्रशासन को दी गयी है या नहीं का सवाल किया गया, तो उनका कहना था कि खतियान के लिए जुट रही भारी भीड़ को देखते हुए जिला अभिलेखागार का मुख्य गेट बंद कर दिया गया है और जो लोग जब आ रहे हैं उन्हें एक से लेकर आगे के नंबर का सिलसिलेवार टोकन दिया जा रहा है. टोकन को जमा करने के बाद अब सिलसिलेवार टोकन नंबर से लोगों को अंदर बुलाकर उनको खतियान उपलब्ध कराया जा रहा है.
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