मुआवजे को लेकर 21 जनवरी को 93 मौजों में किसान करेंगे सड़क जाम

जिले से गुजरने वाले भारत माला परियोजना में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा के भुगतान को लेकर 21 जनवरी को भूमि अधिग्रहण किये गये जिले के 93 मौजों में किसानों द्वारा एक ही समय पर अपने-अपने गांवों के सामने सड़क जाम किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2025 9:15 PM

भभुआ. जिले से गुजरने वाले भारत माला परियोजना में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा के भुगतान को लेकर 21 जनवरी को भूमि अधिग्रहण किये गये जिले के 93 मौजों में किसानों द्वारा एक ही समय पर अपने-अपने गांवों के सामने सड़क जाम किया जायेगा. इसे लेकर शुक्रवार को किसानों द्वारा जिला पदाधिकारी के कार्यालय को सड़क जाम करने की तिथि का सूचना आवेदन दिया गया. गौरतलब है कि पिछले ढाई साल से जिले में बनने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण और निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के उचित मुआवजा के बीच चल रहा जद्दोजहद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसान किसी भी हालात में उचित मुआवजा के भुगतान लिए बगैर एक्सप्रेसवे निर्माण का काम आरंभ नहीं करने देने का मूड बना चुके हैं. इसे लेकर सड़क निर्माण कंपनी के जिला स्थित बेस कैंप पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना भी लगातार जारी है. इसके पूर्व किसान एनएचएआइ और उसके अधिकारियों का पुतला दहन करने, सामूहिक उपवास करने से लेकर विभिन्न तरह के आंदोलन करने के साथ जेल भरो आंदोलन भी चलाने का एलान कर चुके हैं. इधर, इस संबंध में किसान मोर्चा के नेता पशुपतिनाथ सिंह सहित किसान अमित रंजन सिंह, प्रीतम कुमार आदि ने बताया कि 21 जनवरी को जिले के 93 मौजों में सड़क जाम करने का निर्णय लिया गया. इसकी सूचना जिला पदाधिकारी कार्यालय को दे दी गयी है. आवासीय व व्यवसायिक भूमि का मुआवजा हो चार गुना अधिक वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे में सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि का किसान एक करोड़ 28 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से कृषि भूमि के उचित मुआवजा की मांग कर रहे हैं. किसान नेता पशुपतिनाथ सिंह ने बताया कि अभी चार साल पहले दुर्गावती प्रखंड में पावर ग्रिड के लिए किये गये जमीन अधिग्रहण में सरकार ने खंदेउरा गांव के किसानों को एक करोड़ 28 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया है. इसी तरह मोहनिया प्रखंड में गैस प्लांट को लेकर अधिग्रहित भूमि का मुआवजा डंडवा गांव के किसानों को एक करोड़ 20 लाख रुपये की दर से दिया गया है. लेकिन, एक्सप्रेसवे निर्माण में सरकार चार साल पुराने सर्किल रेट पर एक एकड़ कृषि भूमि का मुआवजा भुगतान मात्र 12 लाख रुपये करने की बात बोल रही है. इसी तरह एक्सप्रेसवे निर्माण में सीवों गांव के बोलेरो मौजा की जमीन जो नगरपालिका क्षेत्र में आती है और व्यवसायिक या आवासीय है. उसका मुआवजा सरकार 80 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से देने की बात कह रही है, जो कहीं से उचित नहीं है. आवासीय और व्यवसायिक भूमि का मुआवजा तो कृषि भूमि के मुआवजा से भी चार गुना अधिक होना चाहिए. इन्सेट मुआवजा भुगतान के लिए लगे कैंप का भी किसानों ने किया बहिष्कार भभुआ. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण में उचित मुआवजा को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन अभी भी पटरी पर नहीं लौट रहा है. एक तरफ प्रशासन आर्बिट्रेटर बहाल कर मुआवजा दो गुना करने की बात कह रहा है और किसानों के मुआवजा भुगतान को लेकर कैंप का आयोजन करवा रहा है, तो दूसरी तरफ किसान संघ की अपील पर किसान मुआवजा भुगतान कैंप का बहिष्कार कर रहे हैं. किसान संघ किसानों से कैंप में किसी तरह का कोई कागजात जमा नहीं करने की अपील भी कर रहा है. गौरतलब है कि गुरुवार को चांद अंचल के गोई मौजा के किसानों को अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान को लेकर जिला प्रशासन द्वारा गोई शहबाजपुर टोला पंचायत भवन पर कैंप का आयोजन किया गया था. लेकिन, शिविर में पहुंचे किसान लाला सिंह, वकील सिंह आदि ने बताया कि शिविर का किसानों ने बहिष्कार किया है और शिविर में किसानों द्वारा कोई भू संबंधित कागजात जमा नहीं कराया गया है.

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