पांच जनवरी को 93 मौजों में किसान जलायेंगे एनएचएआइ का पुतला
जिले से गुजरने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में किये गये भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं मिलने को लेकर किसान पांच जनवरी यानी रविवार को अधिग्रहित भूमि से संबंधित जिले के विभिन्न प्रखंडों के 93 मौजों में एक्सप्रेसवे निर्माण कराने वाली कंपनी एनएचएआइ का पुतला दहन करेंगे.
भभुआ. जिले से गुजरने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में किये गये भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं मिलने को लेकर किसान पांच जनवरी यानी रविवार को अधिग्रहित भूमि से संबंधित जिले के विभिन्न प्रखंडों के 93 मौजों में एक्सप्रेसवे निर्माण कराने वाली कंपनी एनएचएआइ का पुतला दहन करेंगे. उक्त निर्णय गुरुवार को किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर व भारतीय किसान यूनियन कैमूर के नेतृत्व में आयोजित किसान सम्मान समारोह में लिया गया. इधर, इस संबंध में किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के जिलाध्यक्ष विमलेश पांडेय ने बताया कि सरकार किसानों को उचित मुआवजा नहीं देकर किसानों की रोजी-रोटी औने-पौने दाम देकर छीनने पर उतारू है. इसे लेकर किसान पिछले दो साल से शांतिपूर्ण ढंग से उचित मुआवजा को लेकर धरना व प्रदर्शन जिलाधिकारी के समक्ष से लेकर तमाम स्तर पर कर रहे हैं. यही नहीं पिछले एक साल से किसान एक्सप्रेसवे निर्माण कंपनी के बेस स्थल पर भी धरना दे रहे हैं. गुरुवार को इस धरने का 365 दिन भी पूरा हो चुका है. इस धरना-प्रदर्शन में अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा की घोषणा नहीं किये जाने के कारण सदमे में अधिग्रहित किये जा चुके भूमि से जुड़े दो किसानों की जान भी जा चुकी है. बावजूद इसके सरकार किसानों के दर्द को समझने के लिए तैयार नहीं है. लाचार किसानों ने करो या मरो की नीति पर पैर डाल दिया है. अब या तो सरकार किसानों की जान ले ले या फिर किसानों को उचित मुआवजा देकर उनके बाल-बच्चों की रक्षा करे. लेकिन, किसानों के साथ अगर किसी तरह ज्यादती की गयी, तो इसका जिम्मेदार सिर्फ सरकार और जिला प्रशासन होगा. क्योंकि, किसान अब एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. परिणाम जो भी हो, उसे सहने के लिए किसान कमर कस चुके हैं. सम्मान समारोह में किसान संघ के नेता पशुपति नाथ सिंह, अनिल सिंह, अभिमन्यु सिंह सहित अवधेश सिंह, मंशा सिंह, लाला सिंह, राजेश पासवान, प्रभात सिंह, विकास उपाध्याय, हरिऔंध कुमार आदि शामिल थे. गौरतलब है कि इसके पूर्व 20 दिसंबर को किसान संघों के नेतृत्व में किये गये किसानों के साथ बैठक में किसान पहले ही जब तक उचित मुआवजा का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे में एक इंच जमीन का भी जिले में निर्माण कार्य नहीं होने देने का एलान कर चुके हैं. यही नहीं उचित मुआवजा को लेकर दिसंबर माह में ही जिले के 93 मौजों में एक समय एक साथ किसानों द्वारा अपने-अपने मौजों में धरना भी दिया गया था. उक्त बैठक में मसोई, सहबाजपुर, ठकुरहट, विजरा, जिगना, चांद, बबुरहन, बेतरी, सिहोरियां, सीवों, ददरा, बिरना, कुशडेहरा, भैरोपुर सहित कई गांवों के किसान शामिल थे. इन्सेट 1 कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे किसानों को किया गया सम्मानित प्रतिनिधि भभुआ. गुरुवार को वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली कंपनी पीएनसी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के मसोई गांव के पास बने बेस स्थल पर इस कड़ाके की ठंड में भी धरना पर डटे रहने और धरना के एक साल पूरा होने को लेकर किसान सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इसमें अधिग्रहित किये गये 93 मौजों के भूमि से संबंधित एक-एक किसानों को शॉल देकर सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वाले किसानों में संजय जयसवाल, इंद्रजीत यादव, अलगू राम, निर्मला देवी, विकास उपाध्याय सत्यम सिंह आदि शामिल थे. इस समारोह का आयोजन मानव भारती विद्यालय चांद द्वारा किया गया था. सम्मान समारोह शुरू करने पूर्व धरना प्रदर्शन से थके हारे शहीद हो चुके किसानों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. विद्यालय के प्रबंधक विवेक पांडेय ने कहा कि किसानों के आंदोलन को मानव भारती हर तरह से सम्मान करेगा. सरकार को किसानों के उचित मांग पर विचार करना चाहिए. इधर, किसान सम्मान समारोह में उचित मुआवजा को लेकर चल रहे लंबे संघर्ष को देखते हुए आर्थिक सहयोग राशि की देख-रेख को लेकर किसान भुपेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक 10 सदस्यों की समिति का भी गठन किया गया. किसानों को सम्मानित करने वालों में रूचिका प्रिंटर्स के प्रतिक जयसवला, समाजसेवी अजित सिंह भी शामिल थे. इन्सेट 2 आने वाले दिनों में जेल भरो आंदोलन भी चलायेंगे किसान प्रतिनिधि भभुआ. भारत माला परियोजना के तहत जिले से वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण में अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजा को लेकर आंदोलन कर रहे किसान आने वाले दिनों में जेल भरो आंदोलन भी चलायेंगे. इसकी घोषणा गुररुवार का आयोजित किसान सम्मान समारोह में किसान संघों के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया. किसान संघ के सचिव अनिल सिंह ने कहा कि मुआवजा को लेकर उत्तरप्रदेश और बिहार में दो रंगी नीति चला रही सरकार अगर रास्ते पर नहीं आती है, तो किसान जेल भरो आंदोलन भी आने वाले दिनों में चलायेंगे. महासचिव पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि जब तक सरकार अधिग्रहित किये गये कृषि भूमि का एक करोड़ 28 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का घोषणा नहीं करती है, तब तक अपने हक को लेकर लड़ रहे किसानों का आंदोलन किसी न किसी रूप में लगातार चलते रहेगा. इधर, किसान सम्मान समारोह में ही समाज सेवी अजित सिंह ने किसानों के पक्ष में पदयात्रा अभियान चलाने का भी एलान किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है