घर व सड़कों पर आग की भट्ठी का अहसास, छटपटा रहे लोग
प्रचंड धूप और 12 किमी की रफ्तार से चल रही गर्म पछुआ हवाओं के चलते कैमूर जिला आग की भट्ठी बना हुआ है. शुक्रवार को तो जिले का न्यूनतम तापमान भी रिकॉर्ड 34 डिग्री पर जा पहुंचा, तो अधिकतम तापमान भी 46 डिग्री के पार कर गया.
भभुआ सदर. प्रचंड धूप और 12 किमी की रफ्तार से चल रही गर्म पछुआ हवाओं के चलते कैमूर जिला आग की भट्ठी बना हुआ है. शुक्रवार को तो जिले का न्यूनतम तापमान भी रिकॉर्ड 34 डिग्री पर जा पहुंचा, तो अधिकतम तापमान भी 46 डिग्री के पार कर गया. इसके चलते घर, मकान सहित सड़कें, गलियां यहां तक की पानी की टंकियां भी आग की तरह तप जा रहे हैं. जबर्दस्त पड़ रही गर्मी से मनुष्यों के साथ साथ जानवर भी परेशान है. गर्मी और लू से लोग हिट स्ट्रोक के शिकार हो जा रहे हैं. भभुआ शहर में शुक्रवार का दिन इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा. चिलचिलाती धूप और 12 किमी की रफ्तार से चली गरम हवाओं के कारण दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. हालत यह थी कि दिन के तीन घंटे पारा 46 डिग्री से अधिक रहा, तो इसमें भी दो घंटे 45 डिग्री पर स्थिर रहा. शुक्रवार सुबह से दोपहर होते-होते लू और गर्म थपेड़ों की मार बढ़ती गयी. इसका असर सड़कों व मोहल्लों में देखने को मिला. = तेज धूप और गर्म हवाओं से राह चलना हो गया दुश्वार शुक्रवार को आलम यह रहा कि सुबह आठ बजे ही धूप गर्मी बरसाने लगीं और गर्म हवाओं के थपेड़े सितम ढाने लगे. तीखी धूप ने लोगों को झुलसाया, तो रही सही कसर 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चले गर्म हवा के थपेड़ों ने पूरी कर दी. तेज धूप के कारण शहर में तो राह चलना दुश्वार हो गया. लोगों के हलक सूखने लगे. गर्मी के चलते दिन में घरों और दफ्तरों में कूलर व एसी फुल पर चलते रहे. लोग पूरा शरीर ढक कर बाहर निकले या फिर छाता उनके हाथों में दिखा. प्रचंड धूप ने पसीना बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इधर, चिकित्सक भी सलाह दे रहे हैं कि धूप में जाने से बचें, लेकिन मजबूरी में लोगों को काम पर जाना पड़ता है. गर्मी बढ़ने से शहर के विभिन्न बाजारों में घूमने वाले लोग लस्सी, कोल्ड ड्रिंक्स, गन्ने का रस, फलों के जूस, नारियल पानी, सत्तू ड्रिंक समेत अन्य पेय पदार्थों का सेवन करते दिखायी पड़े. इधर, गर्मी और गर्म हवाओं के चलते सरकारी कार्यालयों में भी शुक्रवार को लोग कम पहुंचे. = गर्मी से शहर में सताने लगा जल संकट इधर, बढ़ते तापमान के बीच शहर के लोगों को अब जल संकट की समस्या भी सताने लगी है. भीषण गर्मी और गर्म हवाओं से पशु-पक्षी भी आहत है. ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन पानी की तलाश में भटक रहे है, तो झुलसाती धूप से बचने के लिए दोपहर के समय पेड़ों की छांव भी उन्हें नहीं मिल रही है. मौसम के इन तेवरों से हैंडपंप जवाब देने लगे हैं, जिसके चलते ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में पेयजल की समस्या ने विकराल रूप लेने लगा है. पेयजल की समस्या को लेकर क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है