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नगर पर्षद में टेंडर डालने को ले जमकर हंगामा

शनिवार को नगर पर्षद में यह स्थिति हो गयी कि टेंडर डालने के दौरान जमकर हंगामा हुआ. स्थिति यह उत्पन्न हो गयी कि संवेदकों द्वारा टेंडर का कागजात रिसीव कर रहे नजीर के हाथ से संवेदकों ने कागजात छीन लिया

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2024 9:07 PM

भभुआ कार्यालय. भभुआ नगर पर्षद की स्थिति काफी नारकीय हो गयी है. यहां टेंडर को लेकर होने वाला विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को नगर पर्षद में यह स्थिति हो गयी कि टेंडर डालने के दौरान जमकर हंगामा हुआ. स्थिति यह उत्पन्न हो गयी कि संवेदकों द्वारा टेंडर का कागजात रिसीव कर रहे नजीर के हाथ से संवेदकों ने कागजात छीन लिया और वहीं पर हंगामा शुरू कर दिया. देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि मारपीट की नौबत आ गयी थी. किसी तरह से मामले को शांत कराया गया. संवेदकों द्वारा नगर पर्षद में जमकर बवाल काटा गया. = शेड्यूल रेट पर टेंडर डालने की बनी थी सहमति नगर पर्षद में टेंडर को लेकर होने वाला खेल कोई नया नहीं है. कभी बगैर टेंडर के काम कराये जाने तो कभी नगर पर्षद द्वारा कम कर कर पैसा भुगतान नहीं करने कभी बगैर काम कराये ही योजनाओं का पैसा निकाल लेने को लेकर भभुआ का नगर पर्षद हमेशा से सुर्खियों में रहा है. हाल के दिनों में भभुआ का नगर पर्षद की योजनाओं में मोटा कमीशन लेने व घटिया काम करने को लेकर सुर्खियों में है. शनिवार को भभुआ के नगर पर्षद में संवेदकों द्वारा जमकर बवाल काटा गया. इसके पीछे महत्वपूर्ण कारण यह रहा कि कुछ दिनों पहले नगर पर्षद में ही संवेदकों की बैठक हुई थी, जिसमें संवेदकों के बीच यह तय किया गया था कि सभी संवेदक शेड्यूल रेट आने वाले दिनों में नगर पर्षद का टेंडर डालेंगे. इसी बीच जब शहर के 22 वार्डों में एक-एक योजना का टेंडर लगभग एक करोड़ रुपये का निकला, तो शनिवार को उक्त टेंडर को डालने का अंतिम दिन था. संवेदक के बैठक में शेड्यूल रेट पर टेंडर डालने का जो बात तय हुई थी, उससे अलग जाकर कुछ संवेदक द्वारा नीचे के दर पर टेंडर डाला जाने लगा. इसे अन्य संवेदकों द्वारा विरोध किया जाने लगा. संवेदक इसे लेकर हंगामा शुरू कर दिये कि नगर पर्षद में ही पिछले दिनों शेड्यूल रेट पर टेंडर डालने की सहमति सभी संवेदक के बीच में बनी थी, लेकिन अब कुछ पार्षद द्वारा ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से धोखाधड़ी कर शेड्यूल रेट से नीचे जाकर टेंडर डाला जा रहा है. इसी बात को लेकर संवेदक हंगामा शुरू कर दिये और संवेदक जहां टेंडर के रिसीविंग का कागजात जहां छीन लिये, वहीं दूसरी तरफ या दबाव बनाने वालों की जो लोग शेड्यूल रेट से नीचे जा कर टेंडर डाल रहे हैं उनका टेंडर रिसीव नहीं करें. साथ ही नजीर के कमरे में ही संवेदक का दो पक्ष उलझ गया, स्थिति मारपीट की उत्पन्न हो गयी. काफी हंगामे के बाद किसी तरह मामला शांत कराया गया. कुल मिलाकर शनिवार को नगर पर्षद कार्यालय में अराजक स्थिति उत्पन्न हो गयी. = क्या अब टेंडर सेटिंग का भी काम करने लगा नगर पर्षद नगर पर्षद के बाहर खड़े कुछ संवेदक द्वारा यह आरोप लगाया गया कि उनका टेंडर नहीं दिया जा रहा है, वह 1:00 बजे से यहां खड़े हैं. 3:00 बजे तक टेंडर लिया जाना है, लेकिन टेंडर नहीं लिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है. यहां पर सेटिंग कर टेंडर डाला जा रहा है. पूर्व वार्ड पार्षद व वर्तमान में वार्ड नंबर एक की पार्षद उर्मिला देवी के पति बलदाऊ सिंह द्वारा यह आरोप लगाया गया कि वह टेंडर का कागज दिये हैं, लेकिन उन्हें रिसीविंग नहीं दिया जा रहा है. यहां सेटिंग के जरिए टेंडर देने का प्रयास किया जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत है. सेटिंग के जरिए टेंडर का नतीजा है कि आज शहर में काफी घटिया स्तर का काम किया जा रहा है. सड़क बनने के साथ टूटने लगा रही है. टेंडर को मैनेज कर सरकार का पैसा लूटने की योजना नगर पर्षद में ही बनायी जा रही है =क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि शेड्यूल रेट पर टेंडर डाले जाने की बैठक मेरी जानकारी में नहीं हुई है, जहां तक निर्धारित समय के अंदर टेंडर रिसीव नहीं करने का आरोप है, तो यह नियम है कि जिनके टेंडर रिसीव नहीं भी किया जाये वह लोग ऑनलाइन टेंडर डाल सकते हैं. ऐसे में रिसीविंग की समस्या नहीं है. यहां आरोप पूरी तरह से गलत है. टेंडर डालने के शेड्यूल रेट को लेकर हुई बैठक की जानकारी हमें नहीं है, बस हमें एक ही चीज से मतलब है कि जिसे भी टेंडर मिले, वह मानक के अनुकूल काम करना सुनिश्चित करें.

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