कोर्ट फीस व वेलफेयर टिकट के लिए हो रही मारामारी
नुमंडलीय व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित दी सासाराम-भभुआ सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सासाराम द्वारा संचालित आथराइज्ड कलेक्शन सेंटर पर इन दिनों कोर्ट फीस व वेलफेयर टिकट के लिए मारामारी की स्थिति बनी हुई है.
मोहनिया सदर. अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित दी सासाराम-भभुआ सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सासाराम द्वारा संचालित आथराइज्ड कलेक्शन सेंटर पर इन दिनों कोर्ट फीस व वेलफेयर टिकट के लिए मारामारी की स्थिति बनी हुई है. टिकट के लिए अधिवक्ताओं व आम लोगों को लंबी कतारें लग जा रही हैं, जहां अक्सर दोनों के बीच टिकट के लिए तीखी नोकझोंक भी हो रही है. वहीं, गुरुवार को न्यायालय के मुख्य पथ पर टिकट लेने वालों की लगी लाइन को सुव्यवस्थित तरीके से लगवाने, रास्ते को अवरुद्ध होने से बचाने व अधिवक्ताओं, लिपिकों व आम लोगों के बीच टिकट को लेकर हो रही तीखी नोकझोंक के बीच दर्जनों बार पुलिस को बीच बचाव को लेकर हस्तक्षेप करना पड़ा. लेकिन, टिकट के लिए भीड़ इतनी बेताब दिखी कि हर 10 मिनट बाद बहस की स्थित हो जा रही थी, जैसे ही तेज आवाज में शोरगुल शुरू होता, कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी व जवान दौड़ कर पहुंचते और लोगों को समझा-बुझा कर शांत करवाते देखे जा रहे थे. हाल यह था कि अधिवक्ता व उनके ताईद सोचते कि हम काउंटर से पहले टिकट ले लें, जबकि लाइन में खड़े लोग इसका विरोध करने लगते. इसकी वजह से कई बार झगड़ा होते-होते टला. जबकि, टिकट को लेकर मारामारी की इस समस्या का सामना लोगों को बुधवार से ही करना पड़ रहा है. यहां उक्त टिकट काउंटर से प्रतिदिन 233-235 टिकट की बिक्री होती है व प्रतिदिन 40-50 हजार रुपये का राजस्व भी विभाग को प्राप्त होता है. वैसे तो देखा जाये तो उक्त कलेक्शन सेंटर में तीन काउंटर बनाये गये हैं, लेकिन एक ही कर्मी की नियुक्ति की गयी है. इसकी वजह से तीन में सिर्फ एक ही काउंटर से कोर्ट फीस व वेलफेयर टिकट का वितरण किया जाता है. इस समय पिछले दो-तीन दिनों से विभागीय सर्वर व साफ्टवेयर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, जिसके कारण लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गयी है. लोगों की भारी भीड़ व बढ़ती समस्याओं को लेकर कलेक्शन सेंटर के कर्मी द्वारा अपने वरीय पदाधिकारी को जानकारी देना तक मुनासिब नहीं समझा गया. यदि संबंधित कर्मी वरीय पदाधिकारी को इन समस्याओं से अवगत कराया गया होता, तो निश्चित तौर पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था अवश्य की जा सकती थी. # क्यों इन दिनों बढ़ गयी है टिकट की मांग भूमि सर्वे से संबंधित कार्य को लेकर वंशावली व पारिवारिक सदस्यता को लेकर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट व नोटरी से शपथ पत्र बनवाने को लेकर टिकट के लिए मारामारी की स्थिति बनी है. हर व्यक्ति चाहता है कि भूमि सर्वे के लिए कैंप लगने से पूर्व वंशावली सहित अन्य सभी कागजातों को पूर्ण कर लिया जाये, ताकि उस समय किसी तरह की कागजी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े. लेकिन, सभी तरह के नोटरी व प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा निर्गत होने वाले शपथ पत्रों के लिए उपयोग में आने वाले टिकट को लेकर सभी लोगों को काफी परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है. मोहनिया सिविल कोर्ट में वंशावली व पारिवारिक सदस्यता के लिए शपथ पत्र बनवाने के लिए अनुमंडल के पांच प्रखंडों मोहनिया, कुदरा, दुर्गावती, रामगढ़ व नुआंव प्रखंड सहित सात थाना क्षेत्र के लोग मोहनिया सिविल कोर्ट पहुंच रहे हैं. # बारिश में भी कतार में खड़े रहे लोग गुरुवार की दोपहर करीब 01:45 बजे शुरू हुई बारिश के बीच भी लोग भींगते रहे, लेकिन लाइन में डटे रहे. इससे आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि किस तरह कोर्ट फीस व वेलफेयर टिकट को लेकर लोग परेशान हैं. उनको इस बात का डर है कि काफी देर से लाइन में खड़े रहने के बाद यदि बारिश में भींगने के डर से कतार से हट गये, तो बाद में सबसे पीछे लाइन में खड़ा होना पड़ेगा और इस तरह हमारा पूरा दिन गुजर जायेगा और उनका कार्य भी टिकट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में नहीं हो पायेगा, ऐसे में लाेग बारिश के बावजूद लाइन से बाहर नहीं निकले और भींगना ही उचित समझा. # बोले अवर निबंधक इस संबंध में पूछे जाने पर अवर निबंधन पदाधिकारी अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि उक्त आथराइज्ड कलेक्शन सेंटर के लिए एक ही कर्मी नियुक्त किया गया है. इन दिनों साफ्टवेयर पर कार्य चल रहा है, जिसकी वजह से टिकट वितरण में समस्या आ रही है. प्रतिदिन 233-235 कागज निकलता है और 40-50 हजार का राजस्व अर्जित होता है. कर्मी द्वारा बताया भी नहीं गया है कि लोगों की इतनी ज्यादा भीड़ लग रही है, अन्यथा वैकल्पिक व्यवस्था भी जा सकती थी. फिलहाल बहुत जल्द समस्या का समाधान कर लिया जायेगा.
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