15 लाख लोगों को खिलायी जायेगी फाइलेरिया की दवा

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन-एमडीए) के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 8:46 PM
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भभुआ सदर. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन-एमडीए) के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा. अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी अपने समक्ष ही लोगों को दवा खिलायेंगे और इस बार दवा किसी भी सूरत में बांटी नहीं जायेगी. स्कूलों में मध्याह्न भोजन के बाद ही बच्चों को दवा खिलायी जायेगी. लेकिन यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खिलायी जायेगी. दवा सेवन खली पेट में नहीं करना है. दवा सेवन के उपरांत यदि किसी भी तरह की परेशानी दिखती है तो इससे निबटने के लिए रैपिड रिस्पांस रीम का गठन किया गया है. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वरी रजक ने सीफार के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा शुक्रवार को आयोजित मीडिया कार्यशाला में कहीं. = फाइलेरिया की दवा सेवन से कोई नही होता दुष्प्रभाव कार्यशाला में सीएस डॉ रजक ने बताया कि हर साल फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान चलाया जाता है और इस अभियान के दौरान फाइलेरिया संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दवा दी जाती है. जिला में चलने वाले इस अभियान में अल्बेंडाजोल व डीइसी दवा शामिल हैं और जिले के लगभग 15 लाख लोगों को यह दवा खिलायी जायेगी. इन दवाओं की शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी को समाप्त करने में अहम भूमिका होती है. केंद्र सरकार के फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों को देखते हुए बिहार में एमडीए अभियान की शुरुआत की गयी है और वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य निर्धारित किया गया है. = अभियान के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका हुई तय गौरतलब है कि सर्वजन सेवा कार्यक्रम के लिए जिले में 740 टीम तैयार की गयी है. इनमें दो स्वास्थ्य कर्मी दवा सेवन कराने का काम करेंगे. जबकि, 72 सुपरवाइजर इनका सहयोग करेंगे. सीएस ने बताया कि टीम की मदद से अभियान को 17 दिनों तक चलाया जायेगा. 10 से 23 तारीख तक घर घर जाकर, 24, 25 व 27 को बूथ लगाकर दवा खिलायी जायेगी. उन्होंने बताया कि दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी परेशानियां होती हैं, तो यह फाइलेरिया संक्रमण का संकेत है. उन्होंने मीडियाकर्मियों को दवा के डोज के बारे में विस्तार से बताया. शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में तमाम मीडिया सहयोगियों के अलावा सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वरी रजक, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सत्य स्वरुप, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राज नारायण, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार व उत्तम कुमार, सिफार की तरफ से नवनीत सिन्हा, अशोक कुमार व रमेश कुमार, पीरामल स्वास्थ्य से राज्य प्रतिनिधि प्रसंजित प्रमाणिक, सोहेल अहमद, अमलेश कुमार, राकेश कुमार उपस्थित रहे.

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