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रामपुर की पूर्व सीओ विभागीय कार्रवाई में पायी गयी दोषी, एक वेतन वृद्धि पर रोक

रामपुर की पूर्व सीओ लवली कुमारी पर राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने विभागीय कार्रवाई में दोषी पाते हुए एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का दंड दिया है.

भभुआ कार्यालय. रामपुर की पूर्व सीओ लवली कुमारी पर राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने विभागीय कार्रवाई में दोषी पाते हुए एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का दंड दिया है. रामपुर में अंचलाधिकारी रहते लवली कुमार द्वारा कार्यों में बड़े पैमाने पर लापरवाही बरतते हुए विभागीय नियमों को ताक रखकर कई गड़बड़ियां की गयी थीं, जिसे डीएम सावन कुमार द्वारा गंभीरता से लेते हुए उन पर आरोप गठित कर विभागीय कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया था. डीएम द्वारा गठित आरोपों की जांच व लवली कुमारी के स्पष्टीकरण की समीक्षा के बाद लवली कुमारी पर लगे आरोपी के अधिकतर मामले में विभाग द्वारा उन्हें दोषी पाया गया, जिसके बाद उनके एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाते हुए दंडित किया गया है. वर्तमान में अंचलाधिकारी वैशाली के पद पर कार्यरत है. डीएम सावन कुमार द्वारा रामपुर अंचल का औचक निरीक्षण किया गया था, साथ ही मासिक बैठक में उनके कार्यों की समीक्षा भी की गयी थी, जिसमें डीएम द्वारा व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां पायी गयीं. इसके बाद डीएम द्वारा छह फरवरी 2024 को उनके खिलाफ दाखिल खारिज के दो मामलों को पहले अस्वीकृत करने के बाद दोबारा स्वीकृत किये जाने का मामला, दाखिल खारिज के अधिकतर मामलों को बगैर मजबूत कारण के खारिज करने व 63 दिनों से ऊपर के 74 मामलों को लंबित रखना, साथ ही मासिक बैठक में संतोषप्रद उत्तर नहीं देने सहित ऑनलाइन परिमार्जन लंबित रखना व आपदा के समय कार्य स्थल से गायब रहने सहित अन्य कई मामलों में आरोप गठित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग को भेजा गया था. डीएम द्वारा गठित आरोप के खिलाफ जब सीओ लवली कुमारी से स्पष्टीकरण की मांग विभाग द्वारा की गयी, तो उनके द्वारा जो स्पष्टीकरण दिया गया उसमें विभाग ने समीक्षा के क्रम में उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया. यहां नियम के अनुसार दाखिल खारिज के जिन मामलों को उनके द्वारा पहले अस्विकृत कर दिया गया था, उसे भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पास अपील करने के लिए भेजा जाना चाहिए था, लेकिन उनके द्वारा दोबारा उसे स्वीकृत कर दिया गया, जो विभागीय नियमों के विपरीत है. उनके द्वारा स्पष्टीकरण में यह कहा गया कि राजस्व कर्मचारी व राजस्व पदाधिकारी की अनुशंसा के आधार पर उनके द्वारा दोबारा स्वीकृत किया गया है, जिसे विभाग ने नहीं माना और बताया गया कि विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि जिस मामले में उनके द्वारा दाखिल खारिज को अस्वीकृत किया गया है उसे किसी भी परिस्थिति में दोबारा स्वीकृत नहीं करना है. अगर राजस्व कर्मचारी या राजस्व पदाधिकारी अनुशंसा भी करते हैं, तो स्थल निरीक्षण कर उसे अस्वीकृत कर देना है. लेकिन, उनके द्वारा विभागीय नियमों को दरकिनार कर कार्य किया गया, जिसके लिए उन्हें दोषी पाते हुए उनके एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का दंड दिया गया है. = पूर्व के आठ सीओ के खिलाफ चल रही है विभागीय कार्रवाई दो साल पहले पदस्थापित जिले के आठ अंचलाधिकारियों के खिलाफ जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा डीएम द्वारा की गयी है, जिसमें अभी विभागीय कार्रवाई चल रही है. इस तरह के मामले सिर्फ रामपुर की पूर्व अंचलाधिकारी द्वारा ही नहीं किये गये हैं, बल्कि जिले के कई अन्य अंचल के सीओ द्वारा भी इस तरह के कार्य किये गये हैं, जिन पर भी विभागीय कार्रवाई चल रही है. उनके ऊपर भी विभाग की तरफ से कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

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