भभुआ. रामगढ़ व दुर्गावती प्रखंड के चार रोजगार सेवकों को उपविकास आयुक्त द्वारा चयन मुक्त कर दिया गया हैं. इन चारों पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा अपने पंचायत में मानव दिवस सृजन में घोर लापरवाही बरतने तथा गंभीर अनुशासनहीनता का मामला पाया गया था. इधर, उपविकास आयुक्त द्वारा निकाले गये आदेश के अनुसार रामगढ़ प्रखंड की बडौरा पंचायत में सितंबर माह तक 18278 मानव दिवस सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन, समीक्षा के क्रम में लक्ष्य के आलोक में बडौरा पंचायत में मात्र 22.21 प्रतिशत ही लक्ष्य पाया जा सका था. इसके बाद रामगढ़ के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा गया, लेकिन रोजगार सेवक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. इनका प्रदर्शन आधार सीडिंग और योजना की पूर्णता में भी काफी निराशाजनक पाया गया था, जिसके बाद जिला स्तर से भी रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा गया था. लेकिन, इनके द्वारा दिया गया जवाब असंतोषजनक पाया गया. इसी तरह महुअर पंचायत में भी निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध केवल 17.96 प्रतिशत ही मानव दिवस सृजन पाया गया था. कम मानव दिवस को देख जिला स्तर से महुअर पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक सुंदरी कुमारी से स्पष्टीकरण पूछा गया था, लेकिन इनके द्वारा स्पष्टीकरण का कोई जवाब नहीं दिया गया. इनका प्रदर्शन मनरेगा के अन्य बिंदुओं पर भी निराशाजनक पाया गया. इसी तरह दुर्गावती प्रखंड की जेवरी, मसौढ़ा के पंचायत रोजगार सेवक कृपा शंकर द्वारा भी लक्ष्य के आरोप में मात्र 2.50 प्रतिशत मानव दिवस का सृजन करने का मामला पाया गया था. यहां इनके स्पष्टीकरण में भी जवाब असंतोषजनक पाया गया था. इसी प्रखंड की सावठ पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक विनोद कुमार का भी मानव दिवस सृजन को लेकर लक्ष्य के आलोक में मात्र 20.35 प्रतिशत उपलब्धी पायी गयी थी. साथ ही एनएमएस पर गलत हाजिरी बनाने को लेकर भी स्पष्टीकरण पूछा गया था. इनका भी जवाब असंतोषजनक पाया गया था. आदेश में कहा गया है कि इन चारों पंचायत रोजगार सेवकों को मानव दिवस सृजन कम करने व गंभीर अनुशासनहीनता के आरोप में पद से चयन मुक्त किया जाता है.
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