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ट्रैक्टर से कुचलकर गार्ड की मौत

दुखद...मुख्य सड़क पर बाइक ने स्कूटी में मारी टक्कर, सड़क पर गिरे गार्ड

दुखद…मुख्य सड़क पर बाइक ने स्कूटी में मारी टक्कर, सड़क पर गिरे गार्ड

अस्पताल से ड्यूटी कर स्कूटी से जा रहे थे घर बांदीपुर

फोटो,,,11,अस्पताल में जुटी भीड़.

फोटो,12, अस्पताल में रोते-बिलखते परिजन.

प्रतिनिधि, रामगढ़

मंगलवार की सुबह रेफरल अस्पताल रामगढ़ से ड्यूटी कर अपने गांव बांदीपुर जा रहे 62 वर्षीय अस्पताल के गार्ड बालेश्वर चौबे की मौत ट्रैक्टर के कुचलने से हो गयी. खास बात यह रही कि मृतक का शव एंबुलेंस के अभाव रेफरल अस्पताल के स्ट्रैक्चर पर चार घंटे तक पड़ा रहा, जिसे कोई देखने वाला नहीं था. दरअसल, पिछले पांच वर्षों से आर्मी से रिटायर होने के बाद बालेश्वर रामगढ़ के रेफरल अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे. मंगलवार की सुबह रात्रि पाली की ड्यूटी खत्म कर सुबह में अपनी स्कूटी से गांव बंदीपुर जा रहे थे. इसी दौरान बाजार की मुख्य सड़क पर पंजाब नेशनल बैंक के समीप एक बाइक ने पहले उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी. वह सड़क पर गिर गये. इसी दौरान सड़क से गुजर रहे बालू लदे ट्रैक्टर ने उन्हें कुचल डाला. इस घटना के बाद चालक ट्रैक्टर समेत भागने में कामयाब रहा. इधर, दुर्घटना में घायल को राहगीरों ने रेफरल अस्पताल लाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित किया. घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. एक तरफ पति की मौत के बाद पत्नी पुष्पा के चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो रही थीं, तो पिता की असामयिक मौत के बाद इकलौते बेटे विकास अपने दोनों बच्चों के साथ अस्पताल में बेसुध पड़े रहे. मृतक के भांजे खरेंदा गांव के रहने वाले वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि मंगलवार की सुबह ड्यूटी पूरी कर मामा अपनी स्कूटी से गांव जा रहे थे. इसी दौरान मुख्य सड़क पर हादसा हो गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल ले जाने के लिए चार घंटों से एंबुलेंस के इंतजार में बैठे हैं.

अस्पताल नहीं दे रहा एंबुलेंस

इस बाबत थानाध्यक्ष ने कहा कि शव को ले लाने के लिए वाहन देना मेरा काम नहीं, बल्कि अस्पताल का है. अस्पताल के लोग एंबुलेंस होने के बाद भी शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेज रहे हैं. इस संबंध में ओपीडी में ड्यूटी पर ट्रेनिंग में आये आयुष चिकित्सक सुशील कुमार ने कहा कि प्रभारी छुट्टी पर हैं. मैंने उनको सूचित कर दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य प्रबंधक को भभुआ से शव वाहन भेजने के लिए बोला है. अस्पताल के प्रभार अभी डॉक्टर संजय हैं, जो इस समय अस्पताल से बाहर हैं. हालांकि, चार घंटों के बाद दिन के साढ़े 12 बजे अस्पताल पहुंचे शव वाहन से गार्ड का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

# क्या कहते हैं थानाध्यक्ष

इस संबंध में थानाध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि लावारिस शव को पुलिस अपने इंतजाम से पोस्टमार्टम के लिए भेजती है. पुलिस के पास अलग से कोई शव वाहन नहीं मिला है. भभुआ सदर अस्पताल को शव वाहन के लिए बोला गया है.

#क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी मैं छुट्टी पर हूं. मृतक अस्पताल के गार्ड थे. इसीलिए, जिले में फोन कर शव वाहन को बुलाया गया है. जल्द ही शव पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल जायेगा.

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