नयी पेंशन स्कीम के विरोध में स्वास्थ्यकर्मियों ने किया प्रदर्शन
केंद्र सरकार की ओर से लाये गये एनपीएस व यूपीएस यानी पेंशन स्कीम का विरोध अब जिले में भी होना शुरू हो गया है. कैमूर जिले में भी सोमवार को नयी पेंशन स्कीम के विरोध में सदर अस्पताल भभुआ के स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन किया
भभुआ सदर. केंद्र सरकार की ओर से लाये गये एनपीएस व यूपीएस यानी पेंशन स्कीम का विरोध अब जिले में भी होना शुरू हो गया है. कैमूर जिले में भी सोमवार को नयी पेंशन स्कीम के विरोध में सदर अस्पताल भभुआ के स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध-प्रदर्शन किया और पेंशन स्कीम के खिलाफ ओपीडी के बाहर जमकर नारे लगाये. पुराने पेंशन नीति को बहाल करने के लिए डॉक्टरों ने भी विरोध जताया और सदर अस्पताल के सभी डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी अपनी बांह पर काला बिल्ला या काला बैच लगाकर कार्य करते नजर आये. सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष, महिला वार्ड, पुरुष वार्ड, प्रसव केंद्र, आइसीयू, एसएनसीयू, दवा वितरण केंद्र, ओपीडी सहित अन्य विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी विरोध प्रदर्शन करते हुए काला बिल्ला लगाकर मौन रूप से अपना कार्य निष्पादित किया. सदर अस्पताल में तैनात व नये व पुराने पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे अध्यक्ष पुष्पेंद्र शर्मा और सचिव श्याम बाबू साहनी द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा एनपीएस के बाद नयी स्कीम यूपीएस लाया गया है, जो स्वास्थ्यकर्मियों के हित में बिल्कुल नहीं है. इसलिए जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाता और पुरानी पेंशन नीति बहाल नहीं कर दी जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. इसको लेकर दो से छह सितंबर तक अपने कार्य स्थल पर शांतिपूर्ण तरीके से कार्य को संपादित करते हुए अपना प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया जायेगा. इधर, सोमवार को ओपीडी के बाहर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का कहना था कि केंद्र सरकार के एनपीएस और यूपीएस पेंशन स्कीम से स्वास्थ्य कर्मियों को काफी नुकसान होगा और जब स्वास्थ्य कर्मी रिटायर्ड होंगे, तो उन्हें काफी कम पैसा मिलेगा. इतना कम पैसा मिलेगा कि स्वास्थ्यकर्मी अपना परिवार भी नहीं चला पायेंगे. नयी पेंशन स्कीम हम लोगों के लिए गलत साबित होगा. इसलिए हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं और विरोध स्वरूप सभी स्वास्थ्य कर्मी अलग-अलग विभाग में अपना विरोध करते हुए काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी रामचंद्र प्रसाद, अशोक कुमार, अनिता कनौजिया आदि का कहना था कि इस व्यवस्था के कारण सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा अंधकारमय हो गया है. पुरानी पेंशन व्यवस्था में जहां सेवानिवृत्ति के पश्चात सुनिश्चित रकम का प्रावधान था. वहीं, पुरानी पेंशन कर्मचारियों की बुढ़ापे की लाठी है, उनका आत्मसम्मान स्वाभिमान है, जिसे बाजार के हवाले करके हमारे हितों पर कुठाराघात किया गया है. कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन को पाने के लिए सरकार से निवेदन करता है और साथ ही चेतावनी भी देता है कि अगर कर्मचारियों के बुढ़ापे के हितों की रक्षा न की गयी, तो कर्मचारी सड़क पर आंदोलन करेगा. नयी पेंशन नीति धोखा है. इसे हटा कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाये. सोमवार को सदर अस्पताल स्थित ओपीडी के बाहर काला बिल्ला लगा विरोध-प्रदर्शन के दौरान शिखा, अनीता भगत, रीमा कुमारी, अरुण कुमार, सिंपल कुमारी, संजू, लाली राय, चेतना गायत्री, किरण कुमारी,सरोज आदि स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे.
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