कुदरा. खनन विभाग द्वारा एक जुलाई से 15 अक्तूबर तक बालू खनन के रोक के बाद भी बालू माफिया कुदरा नदी के विभिन्न घाटों से अवैध बालू की निकासी कर सरकार के लाखों रुपये राजस्व का चूना लगा रहे हैं, जबकि प्रशासन बेफ्रिक है. पुलिस से लेकर खनन विभाग के अधिकारी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे. दरअसल, कुदरा नदी का कुछ इलाका करहगर थाना क्षेत्र में पड़ता है, जहां चिलबिली गांव के पास कुदरा नदी से अवैध बालू का खनन प्रतिदिन बालू माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा. करहगर पुलिस द्वारा भी कभी बालू के अवैध खनन के प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जा रही, जिसका नतीजा है कि बेखौफ होकर बालू माफिया खनन पर रोक के बाद भी बालू की निकासी कर रहे हैं. हालांकि, कुदरा नदी घाट का बालू खनन का टेंडर रिशभ प्रताप सिंह उर्फ रिशु सिंह को मिला है. लेकिन, एनजीटी द्वारा एक जुलाई से 15 अक्तूबर तक खनन पर रोक लगा दी गयी है. बालू खनन के रोक का दुरुपयोग कर बालू माफिया अवैध खनन कर सरकार व बालू के संवेदक के लाखों का नुकसान कर रहे हैं. विभागीय उदासीनता व प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि आये दिन बालू माफिया बेरोकटोक कुदरा नदी से सैकड़ों ट्राॅली बालू की निकासी कर प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं. इस संबंध में पूछे जाने पर करहगर थानाध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि अगर अवैध बालू निकासी हो रही, तो मैं इसे देखवाता हूं, पकड़े जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
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