Loading election data...

एकीकृत रोग निगरानी में कैमूर देश में चौथे व बिहार में पहले स्थान पर

विभिन्न बीमारियों के नियमित रिपोर्टिंग करने और इसकी जानकारी देने में कैमूर पूरे देश में चौथे और बिहार में प्रथम स्थान पर आया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल के जारी किये गये आंकड़ों में चौथे स्थान पर रहे कैमूर जिले को 99.03 अंक प्राप्त हुए हैं

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2024 8:58 PM

भभुआ सदर. विभिन्न बीमारियों के नियमित रिपोर्टिंग करने और इसकी जानकारी देने में कैमूर पूरे देश में चौथे और बिहार में प्रथम स्थान पर आया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल के जारी किये गये आंकड़ों में चौथे स्थान पर रहे कैमूर जिले को 99.03 अंक प्राप्त हुए हैं. जबकि, एकीकृत रोग निगरानी में 99.09 अंकों के साथ प्रथम स्थान पर ओडिशा का देवगढ़ रहा. वहीं, द्वितीय स्थान पर 99.08 अंकों के साथ गुजरात का अहमदाबाद और तीसरे स्थान पर भी 99.7 अंकों के साथ गुजरात का आनंद जिला रहा. दरअसल, एकीकृत रोग निगरानी देश का एक विकेंद्रीकृत राज्य आधारित संक्रामक रोग निगरानी कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य रोगों के प्रकोपों के प्रारंभिक चेतावनी व संकेतों का पता लगाना और समय पर प्रभावी कार्रवाई करने में मदद करना है. गौरतलब है कि वर्ष 2004 में विभिन्न रोगों के प्रकोप का शीघ्रता से पता लगाने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम शुरू किया था. = कार्यक्रम के तहत बीमारियों की होती है रियल टाइम रिपोर्टिंग सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी के तहत कुल 36 प्रकार के बीमारियों और सिंड्रोम की निगरानी की जाती है. कार्यक्रम के तहत ही विभिन्न बीमारियों की रियल टाइम रिपोर्टिंग तीन स्तर पर की जाती है, जिसमें हेल्थ सब सेंटर में कार्यरत पारा चिकित्सा कर्मियों व समुदाय के सदस्यों द्वारा पूर्व के लक्षणों और उसके उपचार के पैटर्न के आधार पर करते है. इसके अलावा इसमें पारंपरिक पूर्व लक्षणों और निदान संबंधित जांच के आधार और समुचित प्रयोगशाला द्वारा क्लीनिकल जांच के आधार पर की जाती है. जिले में स्थापित स्वास्थ्य संस्थान और सरकारी लैब के माध्यम से प्रतिदिन एकीकृत रोग निगरानी संबंधित डाटा संग्रह कर भेजा जाता है. = बीमारियों के रोकथाम में मिलती है मदद डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल ने बताया कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बीमारियों के लक्षण की पुष्टि हो जाने के बाद प्रतिदिन के डाटा को संग्रह कर उसे इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, जिससे संबंधित क्षेत्र में बीमारियों के प्रकोप को कंट्रोल करने और समय से राहत प्रदान करने में काफी मदद मिलती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version