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Bihar News: कैमूर में बढ़ती गर्मी के साथ सूखने लगे नदी-नहर, लोगों को हो रही परेशानी

कैमूर के नुआंव में तपिश के बीच गोरिया नदी, करगहर नहर व गारा चौबे नहर पूरी तरह सूख चुके हैं. क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर खुदाई किये गये ताल-तलैये भी सूखते जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2022 12:06 PM

कैमूर के नुआंव में तपिश के बीच गोरिया नदी, करगहर नहर व गारा चौबे नहर पूरी तरह सूख चुके हैं. क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर खुदाई किये गये ताल-तलैये भी सूखते जा रहे हैं. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र से वर्षों पूर्व मैदानी भाग में आये वन्यजीव अपनी प्यास बुझाने के लिए खेत-बधार में इधर-उधर भटकते देखे जा रहे हैं.

जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे है 

इंसान अपनी प्यास बुझाने के इंतजाम सरकारी या गैर सरकारी तौर पर लगाये गये संसाधन से कर ले रहे हैं, लेकिन इन बेजुबान पशुओं की पीड़ा को ना कोई देखने वाला है और ना ही कोई सुननेवाला है. ऐसे में यह जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते देखे जा रहे हैं.

नदी के सूख जाने से प्यास कैसे बुझेगी

दरअसल, अप्रैल माह में प्रखंड क्षेत्र के छह गांव चंदेश, एवती, भटवलिया, देउरिया, गोड़सरा गांवों के किनारे से होकर गुजरने वाली गोरिया नदी के हलक सूख जाने से छह गांव के सैकड़ों पशुओं व वन्यजीवों की प्यास कैसे बुझेगी यह काफी चिंतनीय विषय है.

करगहर नहर भी सूखी हुई है

चंदेश के किसान रविशंकर राय उर्फ टिंकू राय ने कहा कि गोरिया नदी के साथ-साथ रोहतास जिले के चितौली से निकली करगहर नहर भी सूखी हुई है. गेहूं की कटाई के दौरान खेत बधार में पानी की तलाश में वन्य जीव व पशु पक्षी इधर उधर भटकते देखे जा रहे हैं.

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हजारों एकड़ खेतों को सिंचित करनेवाली गारा चौबे नहर भी सूखी

नुआंव के किसान राम सिंहासन सिंह, नजबुल होदा व लालन पांडेय ने कहा कि प्रखंड के हजारों एकड़ खेतों को सिंचित करनेवाली गारा चौबे नहर पूरी तरह सूख चुकी है. पहले सरकारी भूमि पर खुदाई हुए ताल-तलैया भी बरसात के दिनों में पानी से भर जाते थे, जो गर्मी के दिनों में वन्य जीवों के प्यास बुझाने के काम आते थे, पर ग्रामीणों ने सरकारी ताल तलैयों को पाटते हुए उसे अतिक्रमण कर लिया है. पशुपालकों व ग्रामीणों ने प्रशासन से नहरों व ताल-तलैया में पानी छोड़ने की मांग करते हुए अतिक्रमण से पोखर व ताल-तलैयों को मुक्त करा कर पानी की समुचित व्यवस्था की मांग की है.

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