आने वाले समय में शेरों के दहाड़ से गूंजेगा कैमूर का 1515 वर्ग किमी जंगल

समय के दस्तावेजों पर शेरों के दहाड़ का हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो रहे कैमूर वन प्रमंडल का 1515.53 वर्ग किलोमीटर में फैला जंगल क्षेत्र चंपारण के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के बाद बिहार के दूसरा टाइगर रिजर्व फारेस्टर बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 9:00 PM

भभुआ. समय के दस्तावेजों पर शेरों के दहाड़ का हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो रहे कैमूर वन प्रमंडल का 1515.53 वर्ग किलोमीटर में फैला जंगल क्षेत्र चंपारण के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के बाद बिहार के दूसरा टाइगर रिजर्व फारेस्टर बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है. इको सेंसेटिव जोन की हरी झंडी मिलते ही तैयारियों को अंतिम जामा पहनाने का काम शुरू कर दिया जायेगा. गौरतलब है कि कैमूर वन प्रमंडल क्षेत्र में बिहार के दूसरे बाघ अभ्यारण्य क्षेत्र बनाने की पुष्टि राज्य के वन पर्यावरण व जलवायु मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने अक्तूबर 2024 में ही कर दी थी. इधर, टाइगर रिजर्व बनाने के बारे में डीएफओ कैमूर चंचल प्रकाशम ने बताया कि टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी वन प्रमंडल द्वारा शुरू की जा चुकी हैं. इस क्रम में वन प्रमंडल कैमूर द्वारा 459.12 वर्ग किमी क्षेत्र को इको जोन घोषित करने का प्रस्ताव बिहार सरकार को भेजा है और बिहार सरकार ने इसे केंद्र को भेजा दिया है. केंद्र सरकार से अनुमति मिलते ही टाइगर रिजर्व फारेस्टर बनाने की पूर्व तैयारियों को अंतिम जामा पहनाने का काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि इको सेंसेटिव जोन वन प्रमंडल के बाउंड्री एरिया के बाद का दो किलोमीटर का क्षेत्र होता है. इसमें किसी तरह के कारखाने या खनन आदि नहीं हो सकते हैं. यह क्षेत्र पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल रहेगा. इसके पूर्व कोर एरिया का क्षेत्र जिसमें सिर्फ बाघों का निवास रहेगा और बफर एरिया जिस क्षेत्र में टाइगर रिजर्व के जीव जंतुओं को देखने के लिए लोगों को जाने की अनुमति होगी, जिसपर काम किया जा रहा है. गौरतलब है कि 1515 वर्ग किलोमीटर में फैला कैमूर वन प्राणी आश्रयणी राज्य का सबसे बड़ा अभ्यारण्य तथा राज्य में सबसे अधिक 34 प्रतिशत हरित क्षेत्र है.

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