भभुआ सदर. सुहागिन महिलाओं के सबसे बड़े त्योहार करवाचौथ में अब मात्र दो दिन शेष रह गये हैं. करवाचौथ का त्योहार इस बार राज योग में 20 अक्तूबर को मनाया जायेगा. इधर, करवाचौथ पर महिलाओं के सोलह शृंगार को पूरा करने के लिए भभुआ शहर के बाजार भी सज कर तैयार है और इस बार करवाचौथ पर जमकर खरीदारी होने की उम्मीद है. करवाचौथ को लेकर शहर के बाजारों में अभी से महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है और इस समय महिलाओं के सोलह शृंगार को पूरा करने वाली दुकानें भी देर शाम तक खुली रखी जा रही है. करवाचौथ पर शृंगार सामग्री की दुकानों के अलावा कपड़ा-जूतों, पूजा सामग्री, मेवों तथा सराफा बाजार में खरीदारी होती है, लिहाजा इन दुकानों पर महिलाओं की चहल-पहल लगातार बढ़ रही है और खरीदारी को लेकर इस उत्साह को देख दुकानदार भी नयी-नयी वैरायटी पेश कर रहे हैं. करवाचौथ पर्व को लेकर पंडित उपेंद्र तिवारी ने बताया कि करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के चतुर्थी तिथि को रखा जाता, जो 20 अक्तूबर रविवार को पड़ रहा है. चतुर्थी तिथि 19 अक्तूबर को रात 9 30 बजे से आरंभ हो जायेगा, जो 20 की रात 09.19 पर समाप्त होगा. = सात बजकर 54 मिनट पर होंगे चंद्र दर्शन करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में किया जाता है. महिलाएं पति के मंगल व दीर्घायु की कामना के लिए निर्जला रहकर इस व्रत को रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ देकर इस व्रत को पूरा माना जाता है. करवाचौथ इस बार 20 अक्तूबर रविवार को है और इस दिन राज योग भी है. माना जाता है इस मुहूर्त में किया गया हर कार्य सफल होता है और इस दौरान की गयी पूजा, व्रत का लाभ ज्यादा मिलता है. करवा चौथ का पूजन महिलाएं सौभाग्य की वृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं. करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं द्वारा दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल यानी, गोधुली बेला में व निशीथ काल मध्य रात के बीच भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कुमार कार्तिकेय आदि देवताओं की षोडोषोपचार विधि से पूजन करने के साथ-साथ सुहाग के वस्तुओं की भी पूजा की जाती है. पंडित उपेंद्र तिवारी व्यास बताते है कि चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ देने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है. इस बार इस दिन का आरंभ सर्वार्थ सिद्धी योग से हो रहा है. जिले में इस दिन चंद्रमा रात 7 बजकर 54 मिनट पर उदय होंगे. इस समय विधि-विधान से पूजा पाठ शुरू किया जा सकता हैं. लेकिन ,इस बार राज योग में पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी. इसलिए इसी अवधि में पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ देना अति उत्तम होगा. = बाजार में उमड़ रही सुहागिनों की भीड़ नवरात्र के बाद करवा चौथ आते ही बाजारों में चहल-पहल शुरू हो गयी है. करवा चौथ को लेकर साड़ियों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ इस समय जबर्दस्त देखी जा रही है. हालांकि, महंगाई के चलते इस बार महंगी साड़ियों का क्रेज बहुत नहीं है, लेकिन फैंसी साड़ियों की डिमांड खूब बनी हुई है. आम महिलाएं एक हजार रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की साड़ियां बाजार में जमकर खरीद रही हैं. एकता चौक, पश्चिम बाजार आदि जगहों के साड़ी बाजारों में इन दिनों महिलाओं की जबर्दस्त भीड़ है. = चांदी के कलश की हो रही डिमांड शहर के स्वर्ण व्यापारी अमित सेठ का कहना था कि करवाचौथ को लेकर महिलाओं की खरीदारी शुरू है. हमने भी अपनी दुकान में चांदी के कलश मंगाये हैं. इन कलश की कीमत छह हजार से शुरू होती है, अभी तो इनकी ही मांग हो रही है. इसके अलावा सौंदर्य के आभूषण भी खरीदे जा रहे हैं. धनतेरस व दीपावली पर्व के हिसाब से चांदी के सिक्के, गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां हैं. सिक्के 600-800 रुपये व गणेश लक्ष्मी की कीमत एक हजार रुपये से शुरू हैं. स्वर्ण व्यापारी राजू रस्तोगी ने बताया कि करवाचौथ को लेकर दुकान पर महिलाओं की भीड़ बढ़ी है. कुछ नयी वेराइटी आये है, जिसे महिलाओं द्वारा भी काफी पसंद किया जा रहा है. = पूजा का शुभ मुहूर्त कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ-रविवार 20 अक्तूबर, रात 06:46 बजे कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त-सोमवार 21 अक्तूबर, 04:16 बजे करवा चौथ व्रत का समय-रविवार 20 अक्तूबर , सुबह 06:25 – रात 07:54 तक करवा चौथ पूजा का समय- 20 अक्तूबर शाम 05:46 – रात 07:02 तक करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय-20 अक्तूबर , रात 07:54 पर
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