भभुआ में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

भारत बंद़ सड़क से समाहरणालय तक किया गया प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2024 9:09 PM

भारत बंद़ सड़क से समाहरणालय तक किया गया प्रदर्शन

भभुआ़

बुधवार को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आरक्षण के विरोध में बंद की अपील को लेकर जिले में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन काफी हंगामेदार रहा. कार्यकर्ताओं के आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन को लेकर पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा. प्रदर्शन में बसपा तथा एससी-एसटी, ओबीसी संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह रोड जाम किया. समाहरणालय पर भी प्रदर्शन किया गया. हाथ में डंडा लिये कार्यकर्ता समाहरणालय में प्रदर्शन के बाद जब वापस लौट रहे थे, तो मुख्य बाजार में सिनेमा हाल के पास जबरदस्ती दुकानों को बंद कराने लगे. यहीं नहीं, बाइक आदि से जाने आने वालों को भी कार्यकर्ताओं की ओर से रोक कर बाइक खड़ी करने का दबाव बनाया जाने लगा. इस तरह हंगामे की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कार्यकर्ताओं का खदेड़ा. इसके बाद कार्यकर्ता भाग कर एकता चौक की तरफ निकल गये और अवरोधकों को भी तोड़ कर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने खदेड़ते हुए लाठी भांजनी शुरू कर दी. इसके बाद लोग तीतर-बीतर हो गये. पुलिस की मुस्तैदी के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. इधर, भारत बंद को लेकर सुबह 10 बजे से ही संघर्ष मोर्चा और बसपा कार्यकर्ताओं का जमावड़ा जिला मुख्यालय में होने लगा था. कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारा लगाते दोपहर में पटेल चौक को जाम कर दिये. इसके बाद सड़क पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने एकता चौक को भी जाम किया. वहां से जाम हटाने के बाद कार्यकर्ता जिला समाहरणालय पहुंचे और समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन करने लगे. कार्यकर्ताओं के जमावड़े को देख कर जिला प्रशासन के स्तर से समाहरणालय गेट को बंद करा दिया गया था. बावजूद इसके कार्यकर्ता समाहरणालय गेट पर जमे रहे और जमकर नारेबाजी करते हुए भाषण शुरू कर दी. वक्ताओं ने कहा कि एससी-एसटी के आरक्षण में वर्गीकरण असंवैधानिक है, जिससे एससी और एसटी वर्ग में विभेद पैदा होगा और आरक्षण निष्प्रभावी हो जायेगा. केंद्र सरकार से अनुरोध है कि तत्काल सत्र बुलाकर अध्यादेश के जरिये इस फैसले को निष्प्रभावी करे. क्योंकि, आरक्षण में वर्गीकरण का फैसला, क्रिमी लेयर की सोच आरक्षण को खत्म करने की प्रक्रिया के समान है. समाहरणालय पर प्रदर्शन के बाद बहुजन समाज पार्टी की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम भी एक ज्ञापन सौंपा गया. इधर, भारत बंद के समर्थन में किये जा रहे विरोध को लेकर शहर की तमाम दुकानों को भी बंद कराया जा रहा था. कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थीं. प्रदर्शन में बसपा जिला अध्यक्ष छोटेलाल राम, रामएकबाल राम, प्रभात कुमार, मुकेश कुमार, पप्पू पासवान, दिनेश पाल, आनंद दिनकर, दिनेश रजक, जमील खां आदि शामिल रहे.

= माले व राजद ने भी बसपा के साथ भारत बंद में मिलाया अपना सुरभभुआ. आरक्षण वर्गीकरण विरोधी भारत बंद को लेकर माले और राष्ट्रीय जनता दल ने बसपा और संघर्ष मोर्चा के समर्थन में अपना सुर में सुर मिलाया. माले कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर कर सरकार विरोधी और आरक्षण के वर्गीकरण के विरोध में नारे लगा रहे थे. पार्टी कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल कर आरक्षण वर्गीकरण का विरोध किया. साथ ही शहर में दुकानों को बंद कराके चक्का जाम में शामिल हुए. कार्यकर्ता आरक्षण खत्म करने की साजिश बंद करो और संविधान पर हमला नहीं सहेंगे का नारा लगा रहे थे. प्रदर्शन में मोरध्वज सिंह, रामएकबाल राम, लुटावन प्रसाद, लालजी सिंह, सियाराम आदि शामिल थे. इधर, भारत बंद को लेकर राजद की एक बैठक भी बुधवार को आयोजित की गयी. इसमें कहा गया कि भाजपा की सरकार शोषितों, वंचितों, गरीबों और कमजोर वर्गों का अधिकार छिन रही है. राष्ट्रीय जनता दल आरक्षण के वर्गीकरण के पक्ष में नहीं है. केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर इसमें सुधार लाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. राजद इसका घोर विरोध करते हुए भारत बंद का नैतिक समर्थन करता है. बैठक में जिला अध्यक्ष अकलू राम, प्रधान महासचिव भोलानाथ सिंह मिलन सिंह, सुभाष सिंह, भरत सिंह, इस्लाम अंसारी समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

इन्सेटसड़क जाम होने से आवागमन में परेशानीप्रतिनिधि भभुआ. आरक्षण वर्गीकरण विरोधी प्रदर्शन में बहुजन समाज पार्टी और एससी एसटी, ओबीसी संघर्ष मोर्चा की ओर से शहर के विभिन्न चौक-चौराहों को जाम किये जाने के कारण लोगों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कार्यकर्ता रोषपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. कई कार्यकर्ताओं के हाथ में छोटे-बड़े डंडे भी देखे जा रहे थे. कार्यकर्ताओं ने शहर के पटेल चौक और एकता चौक को जाम कर दिया. इससे आने-जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पुलिस बल के हस्तक्षेप के बाद रोड जाम हटाया गया. इसके बाद आवागमन सुगम बन सका. यही नहीं, समाहरणालय गेट पर भी प्रदर्शन के कारण समाहरणालय के अंदर जाने आने का दरवाजा बंद हो गया था.

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