अनलॉक तीन में बाजार तो खुल गये, पर लौटी नहीं बाजार की रौनक

भभुआ : कोरोना काल के बीच अनलॉक तीन में जिला प्रशासन के आदेश के बाद भभुआ व मोहनिया सहित अधिकतर बाजार तो खुल गये हैं, लेकिन अभी तक जिले में कारोबार अपनी रफ्तार नहीं पकड़ सका है. बाजार में ग्राहकों के नहीं आने या कम आने से यहां की रौनक गायब है. नगर की सड़कों पर भी कम लोग दिख रहे हैं. हालांकि, बाजार की रौनक कब तक लौटेगी. दुकानदार इसका इंतजार कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2020 8:25 AM
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भभुआ : कोरोना काल के बीच अनलॉक तीन में जिला प्रशासन के आदेश के बाद भभुआ व मोहनिया सहित अधिकतर बाजार तो खुल गये हैं, लेकिन अभी तक जिले में कारोबार अपनी रफ्तार नहीं पकड़ सका है. बाजार में ग्राहकों के नहीं आने या कम आने से यहां की रौनक गायब है. नगर की सड़कों पर भी कम लोग दिख रहे हैं. हालांकि, बाजार की रौनक कब तक लौटेगी. दुकानदार इसका इंतजार कर रहे हैं. अनलॉक तीन में प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद सभी चौक-चौराहों और बाजारों में दुकानें खुल गयी हैं. लेकिन, दुकानें खुलने के बाद भी बाजार में ग्राहक नाममात्र के दिखाई पड़ रहे हैं. उसमें से भी अधिकतर बेहद जरूरी सामान की खरीदारी के लिए ही बाजार का रुख कर रहे हैं. शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी संजय जायसवाल ने बताया कि अभी लोग कोरोना महामारी के डर से उबर नहीं पाये हैं. लोग बाजार आने से परहेज कर रहे हैं. वहीं दवा व्यवसायी रवि अग्रवाल का कहना था कि मॉल आदि छोड़ कर सभी प्रकार की दुकानें खोलने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दे दी गयी है. लेकिन, आम लोगों में कोरोना महामारी का डर पूरी तरह बैठा हुआ है. लोग इतनी जल्दी इस स्थिति से उबर नहीं पायेंगे. लोगों को इस महामारी से बचने के उपाय के साथ जागरूक करना होगा. तब जाकर बाजार में कारोबार पटरी पर लौट सकेगा. इस संबंध में एसडीएम जनमेजय शुक्ला ने कहा कि शहर में अब दुकानें खुल रही हैं. कोविड 19 एक ऐसी महामारी है, जिससे हर व्यक्ति अपनी सावधानी से निबट सकता है. लोग शारीरिक दूरी का पालन कर व मास्क पहन कर ही बाजार में आये. नगर पर्षद द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है. धीरे-धीरे बाजार की रौनक भी लौट आयेगी.

वाहन बाजार भी सुस्त, पूछताछ ज्यादा, पर खरीदारी कम

भभुआ : अनलॉक तीन में सरकार की अनुमति से जिले में वाहन बाजार स्टार्ट तो हो गये. लेकिन, अभी कई दिनों से यह फ‌र्स्ट गियर में ही चल रहे हैं. हर ब्रांड की गाड़ियों की बिक्री अभी कम हो रही है. हालांकि, गाड़ियों के संबंध में पूछताछ खूब हो रही है. इससे वाहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आनेवाला वक्त बेहतर होने की उम्मीद है. पिछले सप्ताह वाहन बाजार को खोलने की अनुमति मिलने के बाद वाहन एजेंसियां खुलने लगी हैं. एजेंसी मालिकों को भी बेहतर शुरुआत की उम्मीद थी. बाजार ने भी उन्हें निराश नहीं किया और हर एजेंसी में एक-दो गाड़ियां बिक गयीं. हालांकि, कारोबारी इसे अभी शुरुआती ट्रेंड बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह उनके व्यवसाय का ऑफ सीजन होता है और लगन और बड़े पर्व त्योहारों में काफी गाड़ियां बिकती हैं. नये नियमों के तहत अधिकतर एजेंसी संचालकों ने पहले ही बीएस-6 मानक की गाड़ियां मंगवा ली थीं. लेकिन, लॉकडाउन लगने के कारण यह अभी स्टॉक में पड़ी हैं. टीवीएस मोटर के उपेंद्र सिंह ने बताया कि यह मुश्किल घड़ी सबके लिए है और बाजार का रुख देख लग रहा है कि जल्द वे लोग इस संकट से निकलेंगे. वाहन कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि भले ही गाड़ियां कम बिक रही हों, लेकिन इन्क्वायरी खूब आ रही है. लोग नये मॉडल की गाड़ियों के फीचर के बारे में बात कर रहे हैं और लॉकडाउन में कुछ ढील होने पर आने की बात कर रहे हैं. दोपहिया वाहन एजेंसी के एक कर्मी ने बताया कि लॉकडाउन में गांव से लोग नहीं आ रहे हैं, लेकिन जब लॉकडाउन खत्म होगा या अधिक छूट मिलेगी तो वाहन बाजार को पंख जरूर लगेंगे.

सोने-चांदी में उछाल से बोहनी पर भी आयी आफत

भभुआ : कोरोना काल में सोना और चांदी के दामों में अचानक उछाल से शहर सहित पूरे जिले में आभूषण का कारोबार पूरी तरह प्रभावित हो गया है. इसका सीधा असर दुकानदारों पर पड़ रहा है. जिस कारण उनकी आमदनी भी प्रभावित हो रही है और कुछ दुकानदारों की तो ऐसी स्थिति है कि बोहनी तक बंद हो गयी है. शहर स्थित कुछ सोने-चांदी के दुकानदारों ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पिछले छह साल में पहली बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, पिछले दो महीने से सोना और चांदी के दाम में उछाल आने से इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है. शहर के स्वर्ण व्यवसायी अमित कुमार ने बताया कि दो महीने से खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं. पहले भी बरसात के मौसम में बाजार सुस्त रहता था, लेकिन ऐसी हालत कभी नहीं रही. इस कारण दुकान के मेंटेनेंस की चिंता बढ़ गयी है. वहीं, व्यवसायी राजू रस्तोगी का कहना था कि सोना और चांदी के दामों में जिस प्रकार बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में एकाएक ग्राहक को दाम बताने में डर लग रहा है. स्वर्ण व्यवसायी दिलीप सेठ ने बताया कि जब तक भाव में स्थिरता नहीं आयेगी. दुकानदारों को दिक्कत होगी. ऐसे में पिछले दो महीनों में आभूषण की खरीदारी में थोड़ी गिरावट हुई है. वैसे बाजार के हिसाब से धनतेरस तक दामों के घटने की उम्मीद है.

posted by ashish jha

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