भभुआ शहर. प्रखंड क्षेत्र की बहुअन पंचायत के खैरा गांव में मनरेगा की क्रियान्वित योजना पौधारोपण में लूट की होड़ मची हुई है. बहुअन पंचायत में मधुपुर माइनर से भूतिया पोखरा तक चार सौ पौधे, तो भूतिया पोखरा से छवरा तक चार सौ पौधे लगाने थे. यहां कुल मिलाकर आठ सौ पौधों में मात्र 25 पौधे ही लगाये गये हैं, लेकिन मनरेगा विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत से पूरे पौधारोपण की मजदूरी निकाली जा रही है. वहीं, खैरा गांव के दक्षिण तालाब के पास रोड के किनारे भी पौधारोपण कराना था, लेकिन वहां भी देखने पर एक भी पौधे का कहीं पता नहीं चल रहा. लेकिन, विभाग के कागज पर चल रहे पौधारोपण के नाम पर मजदूरी निकाली जा रही है. इस संबंध में बाली यादव, दीपक प्रजापति, वशिष्ठ राम, मंटू राम आदि ग्रामीणों ने बताया कि कुछ पौधों को लगाकर पौधारोपण का कोरम पूरा कर दिया गया है. साथ ही इन लगे पौधों की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है, लेकिन इसके नाम पर विभाग से मजदूरी की वसूली की जा रही है. जबकि, इन पौधों की घेराबंदी करने के लिए लगाये गये बांस की जाली को भी लोग जलावन के उपयोग में या अपने निजी जमीन को घेरने में कर लिये हैं, जिससे कुछ लगाये गये पौधों का भी नुकसान हो रहा है. यहां पौधाें की देखभाल के नाम मिल रही राशि का मिलीभगत से दुरुपयोग हो रहा है. ग्रामीण मजदूरों के पलायन रोकने के लिए केंद्र प्रायोजित मनरेगा योजना मजदूरों को घर पर ही काम उपलब्ध कराने और चेहरे पर खुशहाली लाने के बजाय लूट खसोट का जरिया बन कर रह गया है. यह योजना पंचायत प्रतिनिधियों व मनरेगा कर्मचारी सहित अन्य के लिए आमदनी का साधन बन गया है. वहीं धरती को हरा भरा बनाने के लिए पंचायत में हर वर्ष पौधे लगाये जा रहे हैं, फिर भी गांव में साठ प्रतिशत जमीन जैसे नहर का किनारा, बाहा का किनारा, फिल्ड, छवरा आदि जगह खाली ही रह जा रहे हैं कहते हैं ग्रामीण – खैरा गांव निवासी वशिष्ठ राम ने बताया कि गांव में सरकार द्वारा चलायी जा रही हरियाली योजना सिर्फ कागजों पर ही चल रही है, जिस जगह पर ज्यादा पेड़ लगाने की योजना है वहां सिर्फ कुछ पौधे ही लगाकर पौधों की देखभाल के नाम पर मजदूरी की अवैध रूप से निकासी की जा रही है. इसमें जिसको जांच करने की जिम्मेदारी दी गयी है, वह खुद इसमें हिस्सेदार बनकर इस योजना को विफल बना रहा है. इसका नतीजा है कि भूतिया पोखरा के बाहा पर सिर्फ कुछ ही पौधे दिखाई दे रहे हैं, वह भी बिना देखभाल और बिना सुरक्षा के ही हैं. इसकी सुरक्षा के लिए लगाये गये बांस के घेरा को भी लोग खुद की जमीन घेरने या जलावन के काम में उपयोग कर लिये. -खैरा गांव निवासी दीपक प्रजापति ने बताया कि लगाये गये पौधों की देखभाल नहीं होती है, सिर्फ मजदूरी के नाम पर पैसे निकाले जाते है. मनरेगा योजना के तहत कहीं भी पेड़ नहीं लगाया गया है, अगर इसकी जांच करायी जाये, तो सब कुछ समझ में आ जायेगा. – खैरा गांव निवासी मंटू राम ने बताया कि कुछ पौधा लगाकर पौधारोपण का कोरम पूरा किया गया है. इसी पौधारोपण की देखभाल के नाम पर मजदूरी की उगाही हो रही है, तो वहीं गांव के दक्षिण ताल पर कुछ पौधे लगाये गये थे, लेकिन दो-चार दिन में ही सुख गये, तो कुछ को पशु ने अपना निवाला बना लिया. वैसे आज के दिन गांव के दक्षिण ताल रोड पर एक भी पौधा नहीं है, लेकिन उस जगह पर पौधारोपण के नाम पर भी मजदूरी लिया जा रहा है. कहते हैं पदाधिकारी इस संबंध में पूछे जाने पर मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि पौधारोपण में कुछ शिकायत आ रही है, जिसकी जांच करायी जायेगी.
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