जीवन रक्षक दवा व स्पेशल वार्डों को दुरुस्त रखें

लू से बचाव को लेकर डीएम ने सदर अस्पताल को अलर्ट मोड में रहने के दिये निर्देश

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 9:32 PM
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लू से बचाव को लेकर डीएम ने सदर अस्पताल को अलर्ट मोड में रहने के दिये निर्देश भभुआ सदर. इस बार जिले में सामान्य से अधिक तापमान रहने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग बिहार के निर्देश पर जिलाधिकारी सावन कुमार ने सदर अस्पताल प्रबंधन को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश जारी किया है. बुधवार को डीएम के निर्देश के आलोक में जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से सदर अस्पताल के अलावे सभी प्रखंडों को हीट वेव (लू) की स्थिति से निबटने के लिए सभी तैयारियों को दुरुस्त रखने का निर्देश जारी कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि इस बार तापमान सामान्य से अधिक है. ऐसे में जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहेंगे. डीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देश के आलोक में सदर अस्पताल समेत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आइवी फ्लूइड, ओआरएस पाउडर इत्यादि समेत अन्य जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने निर्देश दिया है कि मोबाइल टीम का गठन, ड्यूटी रोस्टर तैयार करऐ, लू से पीड़ित व्यक्तियों के समुचित इलाज के लिए अलग वार्ड व बेड की व्यवस्था करने, लू से पीड़ित व्यक्तियों को ससमय समुचित इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें. -लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार सामान्य से अधिक तापमान में वृद्धि हुई है और लोग भी हीट वेव की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में लू से बचाव जरूरी है. इसके लिए इलाज संबंधित बेड व दवा की व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा गया है. -लू लगने पर तत्काल कराएं उपचार जिला प्रतीरक्षण पदाधिकारी डॉ आरके चौधरी ने बताया कि गर्म हवा या लू लगने पर अधिक पसीना आना, तेज गति से सांस का चलना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी या दस्त या दोनों का होना, अधिक प्यास, तेज बुखार आना या कभी-कभी मूर्छा आना मुख्यत: लू के लक्षण हैं. ऐसी स्थिति में तौलिया या गमछे को ठंडे पानी में भिगोकर सिर पर रखें और पूरे शरीर को गीले कपड़ों से बार-बार पोछते रहें. इसके अलावा आम का पन्ना, सत्तू का घोल एवं नारियल पानी का भी इस्तेमाल करें. ओआरएस का घोल व ग्लूकोज को भी नियमित रूप से लेते रहें. गंभीर स्थिति होने पर तुरंत नजदीक के अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा चिकित्सक की सलाह लें.

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