पुलिस वैन ने बाइक सवार युवक को मारी टक्कर, घायल को अस्पताल पहुंचा हुए फरार
गुरुवार की सुबह 10 बजे मुख्य सड़क से बाइक पर सवार होकर घर जा रहा एक युवक पुलिस वाहन 112 नंबर की टक्कर से बुरी तरह से घायल हो गया. उसे रेफरल अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने वाराणसी के ट्राॅमा सेंटर रेफर किया है.
रामगढ़. गुरुवार की सुबह 10 बजे मुख्य सड़क से बाइक पर सवार होकर घर जा रहा एक युवक पुलिस वाहन 112 नंबर की टक्कर से बुरी तरह से घायल हो गया. उसे रेफरल अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने वाराणसी के ट्राॅमा सेंटर रेफर किया है. खास बात यह रही कि घायल युवक को रेफरल अस्पताल पहुंचाने के महज तीन मिनट बाद ही पुलिस पदाधिकारी दुर्घटनाग्रस्त वाहन से अस्पताल से फरार हो गये. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची रामगढ़ थाने की पुलिस अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगालती दिखी. जानकारी के अनुसार, गुरुवार की सुबह रामगढ़ गांव के रहने वाले अनिल सिंह पिता रमाकांत सिंह रामगढ़ बाजार से अपना काम पूरा करके बाइक से घर आ रहे थे, इसी दौरान रामगढ़ थाने के उत्तर महज 50 मीटर की दूरी पर रामगढ़ से मोहनिया जा रहे 112 नंबर के पुलिस वैन द्वारा बाइक में जोरदार टक्कर लगी, जिससे बाइक सवार दूर जा गिरा. दुर्घटना के बाद वाहन के पुलिसकर्मियों द्वारा घायल को रेफरल अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक इलाज के बाद घायल को वाराणसी के ट्राॅमा सेंटर रेफर किया गया. इधर, घायल के सिर से बहते खून को देख पुलिस पदाधिकारी अस्पताल से महज तीन मिनट के अंदर ही वाहन सहित फरार हो गये. घटना की जानकारी मिलने के बाद समाजसेवी सुनील सिंह, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि गौतम खरवार सहित अन्य लोग अस्पताल पहुंच गये, जिनके द्वारा पुलिस को इसकी सूचना दी गयी. रेफरल अस्पताल पहुंचे सब इंस्पेक्टर द्वारा जब अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया, तो उसमें ड्राइवर सहित एक सब इंस्पेक्टर के साथ तीन लोग दिखाई दिये, इसमें वह 10:14 बजे अस्पताल में प्रवेश करते हैं और महज तीन मिनट बाद ही वाहन सहित गेट से बाहर जाते देखे गये. ऐसे में सवाल उठता है कि सड़क दुर्घटना में घायल होने पर पुलिस द्वारा अक्सर पीड़ितों की मदद करने की बात बतायी जाती है, जबकि धरातल पर वैन से घायल युवक को गंभीर हालत में ऐसे ही छोड़ कर चले जाना कहा तक उचित है. # क्या कहते हैं थानाध्यक्ष इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष रामजी प्रसाद ने कहा कि अभी मैं सरकारी काम से भभुआ आया हुआ हूं, घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल पर सब इंस्पेक्टर को वाहन व आरोपित पदाधिकारी की पहचान के लिए भेजा गया हैं, रामगढ़ थाने के किसी भी 112 नंबर की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त नहीं है, मामले में पुलिस बारीकी से सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है.
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