हथियार के बल पर दिनदहाड़े कंपनी के कर्मी से लैपटॉप व मोबाइल की लूट
स्थानीय थाना क्षेत्र के मुठानी गांव के पास एनएच-दो पर एक कंपनी के कर्मी से हथियार के बल पर लैपटॉप व मोबाइल फोन लूट लिया.
मोहनिया शहर. स्थानीय थाना क्षेत्र के मुठानी गांव के पास एनएच-दो पर एक कंपनी के कर्मी से हथियार के बल पर लैपटॉप व मोबाइल फोन लूट लिया. इस मामले में प्राथमिकी के लिए थाने में छिनतई का आवेदन लिखवाया गया. यह सब कुछ सोमवार को हुआ, जब पूरे देश में नया कानून को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा था. दरअसल, गोपालगंज के सिसई गांव निवासी स्वर्गीय बच्चन उपाध्याय के पुत्र सतेंद्र उपाध्याय वर्तमान में मोहनिया में महिंद्रा एंड महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी डंगोस्ट्रेशन एंड स्पेरलीस्ट के पद पर कार्यरत है. उन्होंने बताया कि सोमवार को करीब 10.30 सुबह मोहनिया से सासाराम जाने के लिए निकले थे. मुठानी ओवरब्रिज के पास एक बिना नंबर के काले रंग की अपाची बाइक पर सवार तीन लोग हमारी बाइक के आगे आकर ओवरटेक कर लिया. इसमें दो लोग गमछे से मूंह ढंके हुए थे. उसी दौरान मारपीट व गाली-गलौज करने लगे, जिसे देख हम भागने का प्रयास किये. लेकिन, ओवरब्रिज के किनारे मिट्टी में बाइक फिसलने लगी, जिसे देख फिर पीछे से आकर हथियार दिखा बैग और पैकेट में रखे मोबाइल लेकर भाग गये. # आवेदन में कट्टा का जिक्र ही नहीं सोमवार को पूरे देश में नया कानून लागू हुआ, जिसकी जानकारी को लेकर थाना स्तर पर कार्यक्रम आयोजन कर जागरूक किया जा रहा था. लेकिन मुठानी के पास एक कंपनी के कर्मी से हथियार के बल पर हुए लैपटॉप व मोबाइल लूट के बाद जब थाना कर्मी पहुंचा, तो उसे थाना में बैठाया गया और शाम में लूट के बदले छिनतई का आवेदन देने की बात कही गयी. उसका रिसीव भी थाना द्वारा दिया गया. इस संबंध में कर्मी ने बताया कि पहले हम जो घटना हुई थी उसका आवेदन दिये, लेकिन थाने के कर्मी ने समझाया गया. इसके बाद दूसरा आवेदन दिया, जिसमें कट्टा का जिक्र नहीं किया. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मोहनिया पुलिस लूट की घटना को आखिर क्यों छिनतई का आवेदन देने की बात कही गयी, जो जांच का विषय है. #क्या कहते हैं थानाध्यक्ष# इस संबंध में थानाध्यक्ष प्रियेश प्रियदर्शी ने बताया हम छुट्टी पर थे, सोमवार की शाम में आये मामले की जानकारी मिली है. आवेदक को बुलाया गया हैं, जिसे कहा गया है कि जो भी घटना हो, उसे लिख दीजिये कार्रवाई की जायेगी. साथ ही बताया अब तो कम्प्लेन भी नहीं करना चाहता है. आवेदक बार-बार अपना बयान बदल रहा हैं. मामले में स्वयं जांच कर रहे हैं.
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