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अपहरण के बाद हत्या कर लाश छिपाने मामले में दोषी को आजीवन कारावास

एडीजे तृतीय आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने मोहनिया थाना अंतर्गत इस्लामगंज मोहनिया निवासी धर्मेंद्र सिंह यादव के पुत्र अविनाश कुमार यादव को अपहरण के बाद हत्या कर लाश को छिपाने का दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है.

भभुआ कोर्ट. एडीजे तृतीय आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने मोहनिया थाना अंतर्गत इस्लामगंज मोहनिया निवासी धर्मेंद्र सिंह यादव के पुत्र अविनाश कुमार यादव को अपहरण के बाद हत्या कर लाश को छिपाने का दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही 30000 रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अपर लोक अभियोजक सतीश कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि मृतक सुधांशु शेखर के पिता संतोष कुमार द्वारा अपने प्राथमिकी में बताया गया था कि विगत 20 दिसंबर 2021 को उसका पुत्र घर वापस नहीं आया, तो पता करने पर पता चला कि उसके पुत्र को दोपहर में अभियुक्त अविनाश कुमार यादव के साथ मोटरसाइकिल पर जाते हुए देखा गया था. इसी प्राथमिक के आधार पर विगत 25 दिसंबर 2021 को पुलिस द्वारा अभियुक्त अविनाश कुमार यादव को पकड़ा गया और कड़ाई से पूछताछ करने पर अभियुक्त ने अपने स्वीकृति बयान में बताया कि संतोष कुमार सिंह का मकान हमारे मुहल्ले में तेजी से बन रहा था, जिसको देखकर हमें काफी जलन हो रही थी. इसी कारण मैंने उनके पुत्र की हत्या कर दी है. हत्या के बाद डस्टबिन में फेंक दिया था शव अभियुक्त ने अपने स्वीकृति बयान में बताया है कि मैंने उनके पुत्र सुधांशु शेखर को बैडमिंटन खरीदने का लालच देकर अपने मोटरसाइकिल पर बैठाया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव डस्टबिन में डाल दिया, जिसकी निशानदेही पर पुलिस द्वारा मृतक सुधांशु की लाश बरामद कर ली गयी थी. इस मामले में न्यायालय ने दोषी पाते हुए उक्त सजा दी है.

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