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सिंचाई विभाग के कई उपयोगी सामानों को भी कर दिया नीलाम

सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा बहुत से उपयोगी सामानों को अनुपयोगी बता कर नीलाम कर दिया गया, जिसका खुलासा होने के बाद अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग द्वारा नीलाम किये गये सामानों की जांच के लिए छह सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया है.

भभुआ/ रामपुर. सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा बहुत से उपयोगी सामानों को अनुपयोगी बता कर नीलाम कर दिया गया, जिसका खुलासा होने के बाद अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग द्वारा नीलाम किये गये सामानों की जांच के लिए छह सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया है. जानकारी के अनुसार, अप्रैल माह में जल संसाधन विभाग बिहार सरकार के संयुक्त सचिव द्वारा एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें बिहार के सभी जगहों पर जल संसाधन विभाग के जिला स्तरीय कार्यालयों में अनुपयोगी सामान, उपयोगी सामान तथा नीलामी योग्य नहीं रह जाने वाले रद्दी सामान की अलग-अलग श्रेणी तैयार कर अनुपयोगी सामानों को नीलाम करवाने का निर्देश दिया गया था. इसके आलोक में लगभग डेढ़ माह पहले जुलाई 2024 में सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ के अनुपयोगी सामानों को कार्यपालक अभियंता ई-हरिनाथ की देखरेख में नीलाम किया गया. नीलामी में 13 आवेदकों में 10 शामिल हुए थे, जिनके द्वारा सरकारी नियमानुकूल अनुपयोगी सामानों की नीलामी ली गयी थी. जानकारी के अनुसार, अनुपयोगी सामानों की नीलामी लगभग 13 लाख रुपये से कुछ अधिक राशि में हुई थी, जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़कर नीलाम कर्ताओं से राशि जमा करा ली गयी थी. कार्यपालक अभियंता सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ इ-हरिनाथ बैठा के अनुसार यह राशि सरकार को ट्रेजरी के माध्यम से जमा करा दिया गया. गौरतलब है कि इस नीलामी प्रक्रिया में विभाग द्वारा नहर प्रमंडल के विभिन्न तरह के 172 यंत्र, संयंत्र और उपस्करों की सूची अनुपयोगी सामान के तौर पर तैयार कर दी गयी थी, जिसमें दो जीप, एक जिप्सी, एक स्टेशन बैगन, स्टील के आलमारी, कुर्सी, टेबल, टाइपराइटर, रेफ्रीजरेटर सहित कई सामान अनुपयोगी सूची में शामिल किये गये थे. जबकि, नीलाम योग्य नहीं पाये जाने वाले अथवा रद्दी की सूची में 61 सामानों को चिह्नित किया गया था. = अधीक्षण अभियंता का चालू जेनरेटर भी कर दिया गया नीलाम सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा नीलाम किये गये अनुपयोगी सामानों में अधीक्षण अभियंता अजय कुमार के आवास पर लगाया गया चालू हालत का जेनरेटर भी नीलाम कर दिया गया, जिसके बाद अधीक्षण अभियंता द्वारा इस मामले में संज्ञान लिया गया है. इधर, इस संबंध में शुक्रवार को अधीक्षण अभियंता द्वारा बताया गया कि कार्यपालक अभियंता सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल भभुआ द्वारा इस नीलामी में बड़ा हेरा-फेरी किया गया है. कई उपयोगी सामानों को भी अनुपयोगी बता कर नीलाम कर दिये गये, जिसमें मेरे आवास का सरकारी जेनरेटर भी शामिल था. हालांकि, मामले में संज्ञान लेने के बाद मेरा सरकारी जेनरेटर मेरे आवास के बाहर फिर पुनर्स्थापित करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि ऐसी भी जानकारी प्राप्त हुई थी कि कुछ सामानों को इधर, उधर भी कर दिया गया. बहरहाल मामला जो भी इसके जांच के लिए एक छह सदस्यों की कमेटी गठित कर दी गयी है. इसमें मोहनिया प्रमंडल के तीन कार्यपालक अभियंता, दो सहायक अभियंता तथा एक कनीय अभियंता को रखा गया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद वस्तु स्थिति और साफ हो सकती है. क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता इधर, इस संबंध में जब कार्यपालक अभियंता सोन उच्च स्तरीय प्रमंडल भभुआ इ-हरिनाथ बैठा से बात की गयी, तो उनका कहना था कि अधीक्षण अभियंता द्वारा लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं, जो भी समान अनुपयोगी पाये गये उन्हीं सामानों को नीलाम किया गया था. अनुपयोगी सामानों के मूल्यांकन के लिए सरकार स्तर से ही डिहरी प्रमंडल के लिए एक टीम गठित की गयी थी. उसके मूल्यांकन के बाद नीलामी प्रक्रिया आरंभ करायी गयी थी. उन्होंने बताया कि अधीक्षण अभियंता द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जाता है, अधीक्षण अभियंता के खिलाफ मैंने सरकार को भी लिखा है.

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