मोहनिया शहर. स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में एक बार फिर अस्पताल कर्मी की लापरवाही से प्रसव के लिए आयी एक महिला की जान चली गयी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. साथ ही उपाधीक्षक को लिखित आवेदन भी दिया गया है. दरअसल, मोहनिया प्रखंड के अर्रा गांव के धर्मेंद्र कुमार सिंह अपनी पत्नी संध्या कुमारी को प्रसव के लिए रविवार की सुबह छह बजे अनुमंडलीय अस्पताल ले आये. यहां अस्पताल में भर्ती किया गया. महिला ने एक बच्चे को करीब 11:07 बजे जन्म दिया. जन्म के बाद जच्चा और बच्चा दोनों ठीक थे, लेकिन कुछ देर बाद ही महिला काे रक्त स्राव होने लगा और धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ने लगी, तो अंतिम समय में आनन-फानन में अस्पताल कर्मी द्वारा रेफर कर दिया गया. लेकिन, कुछ देर बाद ही निजी अस्पताल ले जाते ही महिला ने दम तोड़ दिया. इसके शव को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे और अस्पताल के कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. इसकी सूचना पर जिला पार्षद गीता पासी भी पहुंची और पूरे मामले की जानकारी वरीय अधिकारी को दी गयी. साथ ही अस्पताल कर्मी की लापरवाही मानते हुए लिखित आवेदन उपाधीक्षक को दिया गया, जिसके बाद मामला शांत हुआ और शव को परिजन अपने साथ ले गये. # तीन बच्चों से सिर से उठ गया मां का साया मोहनिया अस्पताल में प्रसव के लिए आयी एक महिला की मौत के बाद एक नवजात सहित तीन मासूम बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है, जहां बच्चों का रो रोकर बुरा हाल था. जानकारी के अनुसार, मृतक महिला संध्या कुमारी को पहले दो लड़की थी, जिसमें तीन वर्ष की अर्ध्या कुमारी, डेढ़ वर्ष की अनन्या कुमारी जिसके बाद रविवार को एक जन्मे नवजात के सिर से मां का साया उठ गया है. परिजनों में काफी खुशी थी कि दो लड़की के बाद एक लड़का हुआ है, लेकिन अधिक रक्त स्राव के बाद उसकी मौत हो गयी, जिससे पल भर की खुशी मातम में बदल गया. # प्रसुति महिला को देखने तक नहीं गया कोई डॉक्टर मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल की लापरवाही इस कदर रविवार को देखने को मिली कि प्रसव के लिए आयी महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद भी देखने तक कोई डॉक्टर भी नहीं गया. जीएनएम द्वारा ही प्रसव कराया गया और स्थिति खराब होने पर उसे रेफर कर दिया गया, जबकि अस्पताल में ऑन कॉल महिला डॉक्टर उपलब्ध रहती है और इमरजेंसी में भी डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं, लेकिन इस कदर लापरवाही बरती गयी कि किसी भी डॉक्टर को मरीज को देखने तक के लिए नहीं बुलाया गया. साथ ही हेमासिल पानी को इमरजेंसी से लेकर अस्पताल कर्मी प्रसव कक्ष में ले गयी, लेकिन उसे मरीज को लगाया तक नहीं गया, आखिरकार हालत यह हुआ कि अधिक रक्त स्राव के कारण महिला की मौत हो गयी. # बिना सूचना के ही ड्यूटी बदल कर रही थी जीएनएम मोहनिया अस्पताल में मनमाने तरीके से कर्मी ड्यूटी करते हैं, जिसका खुलासा रविवार को प्रसव के लिए आयी महिला की मौत के बाद जांच के दौरान हुआ. इसमें रविवार को समय आठ बजे से दो बजे तक रोस्टर के अनुसार बिंदु कुमारी और विजेता कर्माकर की ड्यूटी थी, लेकिन ड्यूटी में स्वीटी कुमारी और विजेता कर्माकर उपस्थित थी, जिसकी जांच कर कार्रवाई करने की बात उपाधीक्षक द्वारा कही गयी. # बोले मृतक महिला के पति इस संबंध में मृतक महिला के पति धर्मेंद्र कुमार ने बताया प्रसव के लिए अपनी पत्नी को लेकर रविवार की सुबह अस्पताल आये, जहां करीब 11:07 बजे बच्चा का जन्म हुआ. लेकिन, कुछ देर बाद ही रक्त स्राव शुरू होने लगा, लेकिन ड्यूटी में तैनात कर्मी की लापरवाही से आखिर में रेफर किया गया. इससे निजी अस्पताल में ले जाते समय महिला की मौत हो गयी, जिसका लिखित आवेदन उपाधीक्षक को दिया गया है. # बोलीं महिला डॉक्टर इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल की महिला डॉक्टर अंबर ने बताया हमें किसी तरह की सूचना जीएनएम द्वारा नहीं दी गयी. इसमें लास्ट समय में डीएस को जानकारी दी गयी, तब अस्पताल आकर जांच कर रही हूं कि आखिर किसकी लापरवाही है. अस्पताल कैंपस में मैं हमेशा उपस्थित रहती हूं, लेकिन हमें सूचना नहीं दी गयी. # बोले अस्पताल उपाधीक्षक इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ बदरुद्दीन अंसारी ने बताया अस्पताल कर्मी की लापरवाही से एक महिला की मौत होने का आरोप परिजन द्वारा लगाया जा रहा हैं, जिसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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