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Bihar News: 3000 में पिस्टल और 5000 में राइफल, झोपड़ी में बनाकर युवक बेच रहे थे अवैध हथियार, पुलिस ने किया गिरफ्तार

कैमूर पुलिस ने एक मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा किया है. यह फैक्ट्री एक झोपड़ी में संचालित की जा रही थी. जहां हथियार बनाने के बाद पिस्तौल तीन हजार और राइफल पांच हजार में बेची जाती थी. पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.

By Anand Shekhar | March 9, 2024 4:00 PM

लोकसभा चुनाव से पहले कैमूर पुलिस ने सोनहन थाना क्षेत्र के अमाढ़ी गांव में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा किया है. यहां से एक देसी पिस्टल, 27 खोखा व हथियार बनाने की सामग्री बरामद की गई है. इसके साथ ही पटना से बुलवाकर जिस कारीगर से हथियार बनवाया जाता था, उस कारीगर समेत गिरोह के पांच सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. उनके द्वारा कैमूर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हथियार की बिक्री भी बीते दिनों में की गयी है. पुलिस उन लोगों को भी चिह्नित कर पकड़ने में जुट गयी है, जिन लोगों द्वारा उक्त गिरोह से हथियार की खरीदारी की गयी है.

मिनीगन फैक्ट्री से गिरफ्तार लोगोें में मुख्य कारीगर पटना के कादिरगंज थाना क्षेत्र के मनकी गांव निवासी कारू मिस्त्री का बेटा मुखलाल मिस्त्री, सोनहन थाना क्षेत्र के अमाढ़ी का रहने वाले केशवनाथ राम व उनके तीनों बेटे छोटे लाल राम, पिंटू राम व कुबेर राम शामिल हैं. उक्त जानकारी शुक्रवार को एसपी ललित मोहन शर्मा ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रेसवार्ता के दौरान दी.

रैली में जाने के दौरान कारीगर से हुई दोस्ती

दरअसल, कुबेर राम पिछले वर्ष एक रैली में पटना जा रहा था. उसी दौरान ट्रेन में रैली में ही जा रहे पटना के मुखलाल से दोस्ती हो गयी. दोनों के बीच में उसके बाद बातचीत होती रही. बातचीत के क्रम में कुबेर को यह जानकारी हुई कि मुखलाल हथियार बनाने का कारीगर है. इसके बाद कुबेर ने मुखलाल को प्रस्ताव दिया कि वह उसके गांव पर आकर हथियार बनाये और उन्हें कैमूर जिले सहित आसपास के जिलों में हथियार बेचने का काम करेगा. इस पर मुखलाल तैयार हो गया और कुबेर के गांव अमाढ़ी में उसकी एक झोपड़ी में हथियार बनाने का काम शुरू कर दिया.

इस काम में कुबेर के अलावा उसका भाई छोटे लाल, पिंटू व पिता केशवनाथ भी सहयोग कर रहे थे. पिछले महीनों में मुखलाल द्वारा बनाये गये हथियार को कई लोगों को कुबेर द्वारा बेचा भी गया. पुलिस को वहां से 27 खोखा भी मिला है, जिसके विषय में यह अनुमान लगाया गया कि बनाये गये हथियार से फायरिंग कर टेस्टिंग की जाती थी. जिसका खोखा वहां से मिला है.

तीन हजार में पिस्टल और पांच हजार में बेचते थे राइफल

पुलिस के पूछताछ में कुबेर और मुखलाल ने बताया है कि वे तीन हजार रुपये में पिस्टल व पांच हजार में राइफल बेचते थे. उनके द्वारा जिले में किन-किन लोगों को हथियार बेचा गया है, उनका भी नाम पुलिस को बताया गया है. मिलने वाले तीन हजार पिस्टल और पांच हजार राइफल में मुखलाल दो हजार रुपये पिस्टल में मजदूरी और तीन हजार रुपये राइफल के मजदूरी में लेता था.

हालांकि, गिरफ्तार लोगों से अभी भी कई और तथ्य उजागर होने की संभावना है. पूछताछ में उक्त गिरोह द्वारा कई तथ्य छिपाये जाने की आशंका है, जिसका की विस्तार से पूछताछ में उद्भेदन हो सकता है. अमाढ़ी गांव से हथियार बनाने की सामग्री में लेथ मशीन, आरी, अर्द्धनिर्मित बैरल, खंती, घिरनी, हेक्साब्लेड सहित कई तरह के सामान बरामद किये गये हैं.

पुलिस कर्मियों को किया जायेगा पुरस्कृत

एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि हथियार बनाने की सूचना पर भभुआ एसडीपीओ शिवशंकर कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. इसमें डीआइयू के प्रभारी अशोक चौधरी, डीआइयू के सब इंस्पेक्टर टिंकू कुमार, सोनहन थानेदार राहुल कुमार दिनकर, पीटीसी संजय कुमार शामिल थे. उक्त सभी लोगों द्वारा मिनीगन फैक्टरी का सफल उद्भेदन किया गया है. इसके बाद उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा.

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