नाबालिग बच्चों से करायी जा रही सफाई
मगढ़ नगर पंचायत में साफ-सफाई की कमान इन दिनों नाबालिग किशोरों के हाथ में है, जहां पढ़ने की उम्र में किशोर के हाथों में कलम की जगह अहले सुबह माता-पिता के साथ हाथों में झाडू लिए सड़कों की साफ सफाई सहित सड़क किनारे लगे कूडा को डस्टबिन में इकट्ठा करते देखे जा रहे हैं
रामगढ़. रामगढ़ नगर पंचायत में साफ-सफाई की कमान इन दिनों नाबालिग किशोरों के हाथ में है, जहां पढ़ने की उम्र में किशोर के हाथों में कलम की जगह अहले सुबह माता-पिता के साथ हाथों में झाडू लिए सड़कों की साफ सफाई सहित सड़क किनारे लगे कूडा को डस्टबिन में इकट्ठा करते देखे जा रहे हैं, जिन्हें कोई देखने वाला शायद कोई नहीं है. वहीं, नगर पंचायत के 13 वार्डों में साफ सफाई के लिए प्रत्येक माह लगभग नौ लाख रुपये का भुगतान विभाग द्वारा एनजीओ को किया जाता है. नगर को स्वच्छ रखने के लिए एनजीओ द्वारा लगभग 40 सफाई कर्मी काम करते हैं, ऐसे में नाबालिगों के हाथ में झाडू के होने से इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या नगर की साफ सफाई करने वाले 40 सफाई कर्मी धरातल पर कभी काम भी करते हैं या केवल कागजों पर ही रुपये का भुगतान किया जा रहा, जो जांच का विषय है. – नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी नहीं बदली व्यवस्था प्रत्येक माह नौ लाख खर्च होने के बाद भी बाजार के हृदय स्थली कहे जाने वाले दुर्गा चौक, वार्ड सात स्थित प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के सामने मुख्य सड़क पर गंदे पानी का जलजमाव, प्रखंड कार्यालय के मुख्य के गेट के पास यूरिनल करते लोग व पुराने प्रखंड कार्यालय परिसर में भरे पानी के बीच गंदगी के अंबार से उठती दुर्गंध से नगर पंचायत का दर्जा मिलने के तीन वर्ष बाद भी लोगों को निजात नहीं मिली है. आज भी दुर्गा चौक से महज पांच मीटर आगे बढ़ने पर प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के समीप दिन के उजाले में लोग यूरिनल करते मिल जायेंगे, जिसकी दुर्गंध उक्त रास्ते से गुजरने वाले हर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी है. वहीं, प्रखंड कार्यालय के ठीक सामने पुराने प्रखंड कार्यालय परिसर में जल निकासी नहीं होने के कारण बरसात का पानी महीनों जमा रहने व उसमें गंदगी के कारण उठने वाली दुर्गंध प्रत्येक दिन चकबंदी व अंचल कार्यालय पहुंचने वाले प्रखंड की 12 पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों का जीना मुहाल कर रही है. यही हाल वर्षों से मुख्य सड़क से कन्या मध्य विद्यालय होते आदर्श बालिका प्लस टू विद्यालय जाने के दौरान प्लस टू विद्यालय के ठीक सामने मुख्य सड़क पर नाले के पसरे पानी का है, जिससे उठ रही दुर्गंध विद्यालय जाने वाली छात्राओं का जीना मुहाल करती है. # 20 दिनों पहले इओ ने लिया था जायजा 20 दिन पहले ग्रामीणों की शिकायत पर नगर पंचायत के इओ राहुल कुमार द्वारा आदर्श बालिका प्लस टू विद्यालय के सामने मुख्य सड़क पर जलजमाव व वार्ड सात में लगभग एक वर्ष पूर्व लगाये गये प्याऊ से निकल रहे दूषित जल का जायजा लिया था. तब ग्रामीणों द्वारा इओ से वर्षों की ज्वलंत समस्या से निजात दिलाने की मांग की गयी थी. इओ ने भी बहुत जल्द प्याऊ के लिए दूसरे जगह पर नयी बोरिंग करा नया सबमर्सिबल लगाने व वार्ड सात में बनने वाले नाले के तकनीकी पेच को दूर कर जल्द ही नाला निर्माण कार्य शुरू करने का वायदा किया था, किंतु 20 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो प्याऊ से वार्ड के लोगों को शुद्ध जल मिला और ना ही विद्यालय के सामने पसरे गंदे पानी से छात्राओं को निजात मिली. # क्या कहते हैं लोग —इस संबंध में बालिका प्लस टू की शिक्षिका रिंकी शर्मा ने कहा नगर पंचायत में साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है. जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा रहता है. समय से कचरे का उठाव नहीं होता. जलजमाव की समस्या से भी लोगों को काफी परेशान होती है. आदर्श बालिका प्लस टू उच्च माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ से होकर जाने वाली सड़क की भी स्थिति काफी दयनीय है वर्षों से जलजमाव की स्थिति बनी है. बरसात के समय आसपास के लोग, राहगीरों, छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, स्कूल आती जाती छात्राएं उसमें गिर भी जाती हैं. लेकिन, नगर प्रशासन द्वारा विद्यालय की इस स्थिति को वर्षों से अनदेखा किया जा रहा है. — इस संबंध में वार्ड सात के रहने वाले शिक्षक कमलेश शर्मा ने कहा नगर पंचायत का दर्जा मिले लगभग तीन वर्ष हो चुके, दर्जा मिला तो यहां के लोगों को बड़ी खुशी हुई कि चलो अब नगर पंचायत होने से यहां गंदगी से छुटकारा मिल जायेगा, लेकिन हर महीने लाखों रुपये खर्च के होने के बाद भी गंदगी व कूड़े का ढेर बिखरा हुआ है. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक पदाधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. दो स्कूल कन्या मध्य विद्यालय व आदर्श बालिका होने के बाद भी मुख्य सड़क पर 12 महीने गंदे पानी के जलजमाव से झील जैसा नजारा दिखायी देता है. वार्ड में एक पुराना तालाब भी है, जिसमें गांव व बाजार का गंदा पानी जाता है, जिससे तालाब की स्थिति ऐसी हो गयी है कि बाहर से देखने पर पता ही नहीं चलता है कि यहां तालाब भी है. सड़क व नाली गंदगी से बजबजा रहे हैं. कूड़ा करकट इधर-उधर बिखरा रहता है. आज तक घरों में डस्टबिन भी नहीं दिया गया व कूड़ा कहां फेंका जाये इसके लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. कभी-कभार सफाई कर्मचारी आते हैं और खानापूर्ति करके चले जाते हैं. क्या कहते हैं इओ उक्त संबंध में नगर पंचायत के इओ राहुल कुमार ने कहा नाबालिगों से काम करवाना गंभीर अपराध है, इसकी जांच करायी जायेगी. मामला सही पाये जाने पर दोषियों पर कार्रवाई होगी.
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