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फिर हेरोइन की राजधानी बनते जा रहा मोहनिया

एक बार फिर धीरे9धीरे मोहनिया हेरोइन की राजधानी बनता जा रहा है. जिस तरह से शुक्रवार को यूपी के मिर्जापुर पुलिस ने मोहनिया स्टूवरगंज के दो तस्करों को ढाई करोड़ के आधा किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है

भभुआ कार्यालय. एक बार फिर धीरे9धीरे मोहनिया हेरोइन की राजधानी बनता जा रहा है. जिस तरह से शुक्रवार को यूपी के मिर्जापुर पुलिस ने मोहनिया स्टूवरगंज के दो तस्करों को ढाई करोड़ के आधा किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है. पकड़े गये दोनों तस्कर मोहनिया स्टूवरगंज के रहनेवाले मोहम्मद शराफत व मोहम्मद हसन मियां है. उनसे पूछताछ में जो तथ्य सामने आया है कि उनके द्वारा बनारस के आसपास यूपी के कई जिलों में मोहनिया से हेरोइन की सप्लाइ की जाती थी, वह बात यह बता रहा है कि मोहनिया शहर एक बार फिर हेरोइन की राजधानी बनता जा रहा है. 90 के दशक में मोहनिया को हेरोइन की राजधानी कहा जाता था. क्योंकि, मोहनिया शहर राज्य में हेरोइन का केंद्र हो गया था. बिहार व यूपी में मोहनिया शहर की पहचान हेरोइन से होती थी. मोहनिया शहर पर उस समय लगा हेरोइन का दाग आज भी पूरी तरह से मिट नहीं पाया है. हेरोइन के कारण कई घरों के चिराग काल के गाल में समा गये और कई अमीरों का घर कंगाल हो गया. हेरोइन का उस वक्त इस कदर आतंक था कि लोग अपने बच्चों को मोहनिया में नहीं रखना चाहते हैं. 2010 के बाद जब हेरोइन पर सबने मिलकर सख्ती से कार्रवाई की, तो वह धंधा धीरे-धीरे समाप्त सा हो गया था. लेकिन, अब एक बार फिर बेहिसाब मुनाफा के चक्कर में यह अवैध धंधा इस कदर धीरे- धीरे रफ्तार पकड़ता जा रहा है कि ऐसा लग रहा है कि मोहनिया एक बार फिर हेरोइन की राजधानी बन जायेगा. – कैमूर पुलिस को भनक तक नहीं लगना कार्यशैली पर उठ रहा सवाल सबसे बड़ी बात यह है कि यूपी पुलिस को यह जानकारी हो जाती है कि मोहनिया के तस्कर बनारस सहित आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर हेरोइन की सप्लाइ कर रहे हैं. यही नहीं वे अपने सूचना तंत्रों के माध्यम से तस्करों का पता लगाकर गिरफ्तार भी कर लेते हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि स्टूवरगंज से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित मोहनिया थाना का इसकी भनक तक नहीं लगी. जब, मोहनिया थाना के थानेदार से हेरोइन तस्करों के बाबत पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उनके हेरोइन के धंधे में संलिप्त होने की जानकारी नहीं है और ना ही उनका अभी तक कोई रिकॉर्ड मिला है. यह स्पष्ट रूप से बता रहा है कि हेरोइन को लेकर कैमूर पुलिस कितनी गंभीरता से काम कर रही है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ मिर्जापुर में हेरोइन के पकड़े जाने के बाद मोहनिया में हेरोइन का कारोबार बड़ा रूप लेने की जानकारी पुलिस को हुई है. बल्कि आम लोगों के जुबां पर यह चर्चा है कि मोहनिया सहित आसपास के इलाकों में हेरोइन का धंधा अभी परवान पर है और पुलिस की सुस्ती के कारण इसके धंधेबाज अब मोहनिया के अलावा अब यहां से पुराने तर्ज पर अन्य जिलों में भी हेरोइन की सप्लाइ कर रहे हैं. कैमूर पुलिस का सूचना तंत्र इतना कमजोर हो चुका है कि हेरोइन के बड़े-बड़े माफिया मोहनिया शहर में ही मौजूद हैं और इसकी जानकारी यूपी पुलिस के अन्य एजेंसियों को हो जा रही है और कैमूर पुलिस को इसके बाबत कोई जानकारी ही नहीं हैं. कैमूर पुलिस का अभी तक हेरोइन को लेकर कार्रवाई पर नजर डालें तो जिस रफ्तार से हेरोइन के तस्कर इस अवैध धंधे को रफ्तार दे रहे हैं. उसकी तुलना में कैमूर पुलिस काफी सुस्त नजर आ रही है. इसका नतीजा है कि इस हेरोइन के कारोबार में अब हत्या से लेकर दूसरे राज्यों में यहीं से तस्करी होने लगी है, जो कैमूर पुलिस द्वारा की जा रही हेरोइन पर कार्रवाई को बताने के लिए काफी है. अगर कैमूर पुलिस द्वारा हेरोइन पर तत्काल योजना बनाकर पुख्ता कार्रवाई नहीं की गयी, तो 90 के दशक के तरह मोहनिया को हेरोइन की राजधानी बनने में देर नहीं लगेगा. – हेरोइन के ही विवाद में मुर्गा फार्म संचालक की हुई थी हत्या ऐसा नहीं है कि हेरोइन का अवैध धंधा कैमूर में अपना असर नहीं दिखा रहा है. महज तीन महीने पहले रामगढ़ के भेड़हरिया में हेरोइन के विवाद में ही एक मुर्गा फार्म संचालक की हत्या हुई थी. पुलिस की जांच में यह बात सामने आया था कि होली के समय हेरोइन मंगाया गया था और हेरोइन की खरीद बिक्री से हुए पैसे के विवाद में मुर्गा फार्म संचालक की हत्या की गयी है. इस तरह से कैमूर जिले में हेरोइन के विवाद में हत्या भी शुरू हो चुकी है. वहीं, पिछले साल 10 अप्रैल को दुर्गावती पुलिस ने जीटी रोड पर आधा किलो हेरोइन गाजीपुर ले जाते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया था कि उन्हें सासाराम के पास जीटी रोड पर आकर तस्करों द्वारा आधा किलो हेरोइन दिया गया और उस हेरोइन को गाजीपुर ले जा रहे थे. उक्त सभी घटनाएं यह बताने के लिए काफी है कि हेरोइन के धंधे में अब इस कदर रफ्तार पकड़ लिया है कि कैमूर ही नहीं आसपास के जिलों को भी अपने आगोश में ले रहा है. इस हेरोइन के नशे के जरिये इसके कारोबारी युवा पीढ़ी के साथ साथ उनके घरों को लूटने में लग गये हैं. – हेरोइन के बड़े तस्कर कैमूर पुलिस के पहुंच से दूर हेरोइन की छोटी मोटी मात्रा कैमूर पुलिस द्वारा आये दिन पकड़ी जा रही है, लेकिन इसके बड़े तस्कर आज भी कैमूर पुलिस के पहुंच से दूर हैं. शायद कैमूर पुलिस हेरोइन के इस अवैध धंधे को गंभीरता से नहीं ले रही है. इसका नतीजा है कि अब मोहनिया के बड़े हेरोइन तस्कर मोहनिया के अलावा बनारस, मिर्जापुर, गाजीपुर, इलाहाबाद तक अपनी पहुंच बना चुके हैं. पुलिस द्वारा इन हेरोइन के तस्करों पर समय रहते पुख्ता कार्रवाई नहीं की गयी, तो मोहनिया के साथ कैमूर जिले को हेरोइन के धंधेबाज बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. – क्या कहते हैं एसपी एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि हेरोइन को लेकर पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की गयी है. दुर्गावती सहित कई जगहों पर हेरोइन को बरामद किया गया है. अब इसे और गंभीरता से लेते हुए टीम बनाकर बहुत जल्द पुख्ता कार्रवाई की जायेगी.

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