भभुआ कार्यालय. सूबे में हो रही हत्याओं को लेकर सरकार काफी गंभीर है और इसे लेकर पिछले दिन मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिलों की स्थिति के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपराध हत्या, लूट के मामलों की समीक्षा भी की गयी थी. अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष कैमूर जिले में हत्या के मामलों में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है, जहां पिछले वर्ष 2023 में जिले में पूरे सालभर में 40 हत्याएं हुई थीं. वहीं, इस वर्ष जून तक मात्र छह महीने में ही 34 हत्याएं हो चुकी हैं, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेढ़ गुना से भी अधिक हत्या के मामलों में वृद्धि दर्ज की गयी है, जो कि जिले में पुलिस की कार्यशैली पर स्पष्ट रूप से सवाल खड़े कर रहे हैं. इसके साथ ही डकैती और गृहभेदन में भी बढ़ोतरी हुई है. हत्या के आंकड़ों में इस वर्ष जिस तरह से वृद्धि दर्ज की गयी है, वह भी पुलिस के लिए समीक्षा का विषय है कि आखिर किस कारण से अचानक इस वर्ष जिले में हत्या के मामलों में इतनी तेज वृद्धि हुई है. अगर हम 2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में पूरे साल में महज 22 हत्याएं हुई थी, जबकि इस वर्ष में छह महीने में ही 34 हत्याएं हो चुकी हैं. 2022 के हत्या के आंकड़े से हम अगर 2024 की तुलना करते हैं, तो जून महीने तक 2022 की तुलना में 2024 में हत्या के मामलों में तीन गुना वृद्धि हुई है. = डकैती और गृहभेदन के मामले भी बड़े हत्या के अलावा अगर हम डकैती और लूट के मामलों पर भी नजर डालें, तो 2023 में डकैती का एक मामला दर्ज किया गया था, जबकि इस वर्ष 2024 में जून तक ही डकैती का एक मामला दर्ज किया जा चुका है. वहीं, जुलाई में भी आठ जुलाई को मोहनिया थाना क्षेत्र के बघिनी गांव में एक गोदाम से गेहूं की डकैती कर ली गयी है. इसके अलावा गृहभेदन के मामले में भी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. 2023 पूरे सालभर में गृह भेदन के 85 मामले दर्ज हुए थे, लेकिन इस वर्ष जून महीने तक ही गृहभेदन के 59 मामले दर्ज हो चुके हैं. अगर हम 2022 के आंकड़ों से तुलना करें तो 2022 में डकैती का एक भी मामला जिले में घटित नहीं हुआ था. 2024 में अभी तक दो घटनाएं घटित हो चुकी है, इस तरह गृहभेदन की बात करें तो 2022 में मात्र 61 घटनाएं घटित हुई थी, जबकि इस वर्ष जून तक आंकड़ा 59 तक पहुंच चुका है. = पुलिस की सुस्ती से अपराधियों के मनोबल बढ़े एक तरफ यहां जिस तेजी के साथ घटनाएं घटित हो रही है, वहीं दूसरी तरफ उनका त्वरित उद्भेदन नहीं होना भी कैमूर पुलिस की कार्यशैली पर खास सवाल खड़ा कर रहा है. मोहनिया के बघिनी में एक गोदाम से 286 बोरा गेहूं की डकैती कर ली गयी, जहां आज एक महीने से अधिक उक्त घटना के घटित हुए हो चुके हैं लेकिन उक्त मामले का उद्भेदन नहीं किया जा सका है. जबकि, उक्त गिरोह द्वारा पहले भी इस तरह से गोदाम से डकैती की घटना को अंजाम दिया जा चुका है. उक्त घटना के बाद भगवानपुर के एक गोदाम से अनाज चोरी का भी मामला घटित हुआ है, उक्त दोनों मामलों का अभी तक पुलिस द्वारा उद्भेदन नहीं किया जा सका है. इसके अलावा मोहनिया में अभी पांच दिनों पूर्व ही एक व्यवसायी से पांच लाख 50 हजार रुपये दिनदहाड़े हथियार के बल पर अपराधियों द्वारा लूट लिया गया, उक्त मामले का भी अभी तक खुलासा नहीं किया जा सका है. दोनों ही डकैती और लूट के मामले में पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली है. इससे लूट व डकैती के मामलों का उद्भेदन नहीं होने के करण लुटेरे व डकैती करने वाले गिरोह भी बैक टू बैक लूट व डकैती की घटनाओं को अंजाम देते आ रहे हैं, ऐसे में कैमूर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है कि हत्या, डकैती, लूट की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जल्द से जल्द घटित घटनाओं का उद्भेदन करे व अपराधियों पर लगाम लगाये. = चोरी के मामलों में आयी कमी वही, आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 की तुलना में 2024 में चोरी के मामलों में कमी दर्ज की गयी है. 2023 में चोरी की 501 घटनाएं घटित हुई थी, लेकिन इस वर्ष छह महीने में 225 मामले ही चोरी की हुई हैं. ऐसे में चोरी के मामलों में कमी दर्ज की गयी है. इसी तरह से लूट का मामला पिछले साल की तुलना में लगभग बराबर है. पिछले साल पूरे वर्ष में लूट का 18 मामला घटित हुआ था, इस वर्ष भी छह महीने में नौ मामले लूट के घटित हुए हैं. इस तरह से लूट का मामला पिछले साल की तुलना में बराबर है. आंकड़ों पर नजर डालें तो कैमूर पुलिस के लिए इस वर्ष हत्याओं पर लगाम लगाना व डकैती व लूट की घटनाओं का खुलासा करना अभी भी सबसे बड़ी चुनौती के रूप में दिख रही है.
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