Navratri 2024: भभुआ शहर. शहर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर लोगों ने सुबह शुभ मुहूर्त में घरों में कलश स्थापना कर मां शक्ति की विशेष आराधना कर सुख समृद्धि की कामना की. इसके साथ ही सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का काफी भीड़ उमड़ी पड़ी. भक्तों ने पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गयी. भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर फल, माता की चुनरी, नारियल और मिठाई का भोग लगाया व श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मन्नतें मांगी.
कल किस देवी की होगी पूजा
इस साल नवरात्र के पहले दिन सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई अद्भुत संजोग बन रहे हैं, नौ दिन तक घरों व मंदिरों में प्रतिदिन मां के विभिन्न रूपों की पूजा होगी. नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना के साथ उन्हें नौ दिनों तक विशेष चीजों का भोग लगा सकते हैं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और धन, सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती है. नवरात्र के दूसरे दिन माता के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना होगी.
कलश स्थापन व मां शैलपुत्री की आराधना के साथ शुरू हुआ शारदीय नवरात्र
मधुबनी जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में गुरुवार से कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई. वैदिक मंत्रोच्चार एवं दुर्गा सप्तशती के पाठ से जिले का माहौल आध्यात्मिक हो गया है. शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गयी. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि देवी शैलपुत्री की निष्ठापूर्वक की गयी आराधना कभी निष्फल नहीं होता है. उनकी अभयदानी वाली मुद्रा भक्तों का सदा कल्याण करती है. इसी भावना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह होते ही हाथों में फूल, फल, अक्षत, तिल, जौ, धूप, दीप, नैवेद्य से सजी डालियां लिये दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों की ओर जाते दिखे.
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मंदिरों व पूजा-पंडालों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने में पूजा समिति के सदस्यों को पसीने छूट रहे थे. शहर के सप्तेश्वरी स्थान, गंगासागर परिसर स्थित महाराज कामेश्वर सिंह रामेश्वरी लता दुर्गा मंदिर, आदर्शनगर दु्र्गा मंदिर, गिलेशन दुर्गा मंदिर, भौआड़ा स्थित दुर्गा मंदिर सहित 15 जगहों पर मां दुर्गा की आराधना की जा रही है. जहां सुबह से ही भक्तों का हुजूम उमड़ रही है. देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में पंडित दुर्गा सप्तशती का पाठ कर पुण्य के भागी बन रहे हैं.
जगह-जगह निकाली गयी कलश शोभायात्रा
शारदीय नवरात्र को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कुमारी कन्याओं व महिलाओं ने कलश शोभायात्रा निकाल संपूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक बना डाला. कलश शोभायात्रा में शामिल कन्याएं व महिलाओं की मां दुर्गा की जयकारे से माहौल पूरी तरह उत्सवी हो गया.
पूजा पंडाल व प्रतिमाओं को दिया जा रहा अंतिम रूप
शारदीय नवरात्र को लेकर शहर से लेकर गांव तक पूजा पंडालों व देवी दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मूर्तिकार देवी दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा को आकर्षक रूप देने में दिन-रात जुटे हुए हैं.