अधौरा में टावर लगने के बाद भी नेटवर्क की समस्या बरकरार
अधौरा पहाड़ी क्षेत्र में मोबाइल टावर लगने के बाद भी ग्रामीण अभी भी नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे हैं. जबकि, लगाये गये मोबाइल टावर आज भी शोभा के वस्तु बने हैं
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भभुआ शहर. एक तरफ भारत को डिजिटल बनाने की कवायद जारी है. वहीं, दूसरे तरफ चुनाव में किये गये वादे के चार साल बीत जाने के बाद भी अधौरा पहाड़ी क्षेत्र के ग्रामीण पूर्ण रूप से डिजिटल दुनिया का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. अधौरा पहाड़ी क्षेत्र में मोबाइल टावर लगने के बाद भी ग्रामीण अभी भी नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे हैं. जबकि, लगाये गये मोबाइल टावर आज भी शोभा के वस्तु बने हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में मोबाइल की घंटी आज भी नहीं बजती है. अगर कभी किसी से बात करनी होती है तो कहीं ऊंचे स्थान पर जाना होता है. यहां पिछले विधानसभा चुनाव के समय नेताओं द्वारा तरह तरह के सपने दिखाये गये थे, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों को भी डिजिटल बनाने का वादा जोर शोर से किया गया था. यहां चुनाव के कुछ वर्ष बाद मोबाइल टावर तो लगा दिया गये, लेकिन कार्य नहीं करता है. इससे सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गये हैं. जबकि, टावर लगने से किसी किसी गांव में कभी कभार वाट्सअप के जरिये बात हो पाती है, लेकिन वॉयस कॉल करने के लिए पिछले दिनों की तरह ऊंची पहाड़ी पर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने अपने परेशानियों को बयां करते हुए कहा कि नेटवर्क नहीं रहने से कई तरह की परेशानियां आती हैं. स्वास्थ्य संबंधी या अन्य कोई घटना होने पर तत्काल सूचना से ग्रामीण वंचित रह जाते हैं. जबकि, सरकार द्वारा सारी सुविधा को डिजिटल से जोड़ दिया गया है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण लोगों को आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नेटवर्क की समस्या होने से पढ़ने करने वाले छात्र ऑनलाइन क्लास से भी वंचित रह पर जाते हैं. कहते हैं ग्रामीण – ताला गांव निवासी राधेश्याम सिंह ने बताया हम सभी ग्रामीण नेटवर्क कर्फ्यू से जूझते आ रहे हैं और आज भी जूझ रहे हैं. सुविधा के लिए टावर तो लगाया गया, लेकिन आज भी नेटवर्क को लेकर समस्या बरकरार है. इससे वॉयस कॉलिंग नहीं हो पाता है. – बड़कागांव निवासी शिव शंकर सिंह ने बताया नेटवर्क नहीं रहने से सारी सरकारी सुविधाओं का हमें पता तक नहीं चल पाता है, जिससे ग्रामीण सरकार द्वारा मिलने वाली कई सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. – लोंदा गांव निवासी करमू सिंह खरवार ने बताया कि विधानसभा चुनाव में किये गये वादे के अनुरूप टावर तो लगवा दिया गया, लेकिन टावर का सुचारू ढंग से काम नहीं करना ग्रामीणों के लिए आज भी परेशानियों का सबब बना हुआ है.
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