भभुआ नगर. अब तक आपने सुना होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान रहते हैं, जहां आये दिन नीलगाय द्वारा किसानों की फसल को बर्बाद किया जाता रहा है. लेकिन, ताजा मामला ग्रामीण क्षेत्र का नहीं है, बल्कि शहर स्थित जिला मुख्यालय यानी समाहरणालय परिसर का है. यहां नीलगाय ने सामाजिक सुरक्षा कार्यालय, एनआइसी कार्यालय सहित कई कार्यालयों के दरवाजे व कार्यालय में लगे शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया है. वहीं, एकाएक कार्यालय में नीलगाय देख कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया और सभी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. दरअसल, मामला शनिवार की शाम 5:15 बजे की है, इस समय समाहरणालय परिसर स्थित अधिकतर कार्यालय बंद हो जाते हैं. लेकिन, पैक्स चुनाव को देखते हुए एनआइसी कार्यालय सहित अन्य कार्यालय खुले थे और कार्यालय में बैठकर अधिकारी व कर्मी कार्य कर रहे थे, तभी बड़ी तेजी से दौड़ते हुए अचानक एक नीलगाय समाहरणालय परिसर स्थित एनआइसी कार्यालय में प्रवेश कर गया, जहां एकाएक नीलगाय को कार्यालय में देख कर्मी व अधिकारी अपने होश खो बैठे और इधर-उधर भागने लगे. हालांकि, कर्मियों व अधिकारियों की आवाज सुनते ही नीलगाय कार्यालय में लगे शीशे व अन्य कागजातों को क्षतिग्रस्त करते हुए सीधे समाहरणालय परिसर के बरामदे में होते सामाजिक सुरक्षा निदेशक कार्यालय के पास पहुंच गयी. यहां कार्यालय में बैठकर सामाजिक सुरक्षा निदेशक अतुल कुमारी कार्य कर रही थी, जिन्होंने एकाएक नीलगाय को कार्यालय के बाहर देख दरवाजे को बंद कर दिया. हालांकि, सामाजिक सुरक्षा निदेशक द्वारा कार्यालय बंद करते-करते नीलगाय द्वारा दरवाजे पर जोरदार ठोकर मार गया, जिससे दरवाजा क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि, मौके पर मौजूद कर्मियों द्वारा शोरगुल करने के बाद नीलगाय समाहरणालय भवन के खाली परिसर की ओर भाग गयी, तब जाकर कर्मियों व अधिकारियों ने राहत की सांस ली. ग्रामीण क्षेत्र से भटक कर पहुंची नीलगाय शनिवार की शाम नीलगाय के आतंक से भयभीत कर्मियों व अधिकारियों का भय सोमवार को भी साफ दिखायी पड़ रहा था. क्योंकि, कभी कर्मी व अधिकारी सोचे भी नहीं होंगे कि कार्यालय में इस तरह अचानक नीलगाय आ जायेगी. शनिवार को शाम कार्यालय में प्रवेश कर नीलगाय द्वारा मचाये गये आतंक की आंखों देखी कहानी कर्मियों व अधिकारियों द्वारा कही सुनी जा रही थी. शहर के व्यस्ततम इलाके में समाहरणालय स्थित है, लेकिन लोगों का कहना है कि समाहरणालय परिसर के इर्द-गिर्द कभी भी नीलगाय नहीं देखी गयी है, यह ग्रामीण क्षेत्र से भटक कर आयी होगी. लाखों रुपये का हो सकता था नुकसान नीलगाय के एनआइसी कार्यालय में प्रवेश के दौरान गनीमत रही कि नीलगाय केवल कुछ फाइलों व कुर्सी को ही क्षतिग्रस्त कर कार्यालय में लगे शीशे को तोड़ते हुए भाग गयी, नहीं तो कार्यालय में लाखों रुपये के लगे कंप्यूटर तहस-नहस हो गये होते. अगर कर्मी व अधिकारी हिम्मत से कार्य नहीं लेते तो कई कंप्यूटर भी क्षतिग्रस्त हो गये होते.
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