पुल की समस्या पर जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान, बना चुनावी मुद्दा

खंड के दक्षिणी इलाके के लोगों की डेढ़ दशक पूर्व से रामपुर-कुदरा के पास दुर्गावती नदी पर पुल की मांग राजनीति की भेंट चढ़ गयी है, जो इस लोकसभा चुनाव में यहां के प्रत्याशियों के लिए मुख्य चुनावी मुद्दा बना रहेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2024 9:05 PM

कुदरा. प्रखंड के दक्षिणी इलाके के लोगों की डेढ़ दशक पूर्व से रामपुर-कुदरा के पास दुर्गावती नदी पर पुल की मांग राजनीति की भेंट चढ़ गयी है, जो इस लोकसभा चुनाव में यहां के प्रत्याशियों के लिए मुख्य चुनावी मुद्दा बना रहेगा. जबकि, यहां के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों व सरकार के अधिकारियों के आश्वासन को भी अब सफेद झूठ मानने लगे हैं. क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीण रामपुर में पुल के लिए वर्षों से सरकार व प्रतिनिधियों के आश्वासन को दरकिनार कर आखिरकार आपस में चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों के श्रमदान से अस्थायी पुल का निर्माण कर लिया है. श्रमदान से बने इस पुल से सैकड़ों लोग प्रतिदिन कुदरा प्रखंड मुख्यालय, रेलवे स्टेशन, इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र व बाजार आदि अन्य जगह आते-जाते हैं. गौरतलब है कि कुदरा रामपुर के पास दुर्गावती नदी में पुल निर्माण के लिए पिछले विधानसभा चुनाव के समय चुनाव प्रचार में कुदरा निशान सिंह स्टेडियम में चुनावी सभा में आये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में यहां के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया था, यहां तक की काले झंडे भी दिखाये गये. उस समय पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन कर रहे आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया था और प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था. दरअसल, पुल निर्माण के लिए यहां के ग्रामीणों ने एक फरमान जारी किया था, कि ”””” पुल नहीं तो वोट नहीं ”””” शहर में कई जगह वोट बहिष्कार के बैनर भी लगाये गये थे. उस समय वोट बहिष्कार की सूचना पर रामपुर गांव आये तत्कालीन जिलाधिकारी अरबिंद कुमार सिंह ग्रामीणों को चुनाव के बाद पुल निर्माण का आश्वासन देकर चले गये. इसके बाद पुल निर्माण को लेकर बिहार सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक व पुल निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा स्थल जांच की गयी थाी लेकिन इन सबों की जांच फाइलों में ही दफन हो कर रह गये. हालांकि यहां के ग्रामीणों ने सरकार द्वारा पुल निर्माण को राजनीति की भेंट चढ़ा मानकर चंदे व श्रमदान के माध्यम से अस्थायी पुल का निर्माण कर लोगों की सुविधा के लिए एक मिसाल कायम करने का कार्य किया, जो यहां के जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है. मालूम हो कि कुदरा रामपुर के पास दुर्गावती नदी में पुल यहां के ग्रामीणों के लिए अति आवश्यक है. यह सड़क कुदरा सहित जिले के तीन प्रखंडों रामपुर, चेनारी, भगवानपुर व दुर्गावती जलाशय परियोजना को सीधे जोड़ती है. यहां पुल बनने से सैकड़ों गांवों के किसानों व व्यवसायियों के लिए लालापुर व्यवसायिक मंडी में शीघ्र पहुंचने का यह एक मात्र नजदीकी मार्ग होगा. वहीं, प्रखंड मुख्यालय, रेलवे स्टेशन स्वास्थ्य केंद्र व बाजार आने वाले लोगों के लिए कम दूरी का रास्ता सुलभ हो जायेगा. – बरसात के दिनों में होती है सबसे विकट समस्या सबसे विकट समस्या यहां के ग्रामीणों के लिए बरसात के समय होती है. श्रमदान से बनाया गया पुल बरसात के दिनों में डूब जाता है, इससे कुदरा व रामपुर का संपर्क टूट जाता है. बारिश होने पर नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगता है, इसके कारण पुल पानी में डूब जाता है और मात्र दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित कुदरा मुख्यालय जाने के लिए ग्रामीणों को 10 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाने पर विवश होना पड़ता है. वहीं, बरसात के दिनों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राए व बीमार मरीजों के इलाज की समस्या भी ग्रामीणों को काफी परेशान करती है. – कहते हैं ग्रामीण – ग्रामीण जदूनंदन सिंह ने बताया कि डेढ़ दशक पूर्व से ही ग्रामीणों की मांग है कि दक्षिण इलाके के गांवों की सुविधा के लिए रामपुर में पुल निर्माण हो, ताकि सभी सुविधा मिले और यहां के किसान अपनी उपज व सब्जी लेकर आसानी से बाजार में पहुंच सकें. यहां राजनीति की भेंट चढ़ चुकी यह पुल चुनाव में प्रमुख मुद्दा बना रहेगा. – ग्रामीण कमला साह कहते हैं रामपुर में पुल बनने से गांव का काफी विकास होगा, लोग स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर भी बनेंगे. साथ ही युवा वर्ग गांव में व्यवसाय करके अपना व परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. – ग्रामीण ब्रजकिशोर चौधरी कहते हैं कि यहां के लोगों के लिए पुल आवश्यक है. पुल के अभाव में यहां के सब्जी उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. सब्जी को मंडी में पहुंचाने में ज्यादा समय बर्बाद करना पड़ता है. जबकि, सब्जी एक कच्चा सौदा है इसे जितना जल्द मंडी में किसान पहुंचा दें, उतना ही ज्यादा फायदा होता है. – ग्रामीण राजू सिंह ने बताया कि मेरा व्यवसाय टेंपो चलवाना है. पुल के अभाव में सारे यात्री को नदी के इस पार रामपुर में ही उतार देना पड़ता है. इससे सवारियों को भी कुदरा बाजार जाने के लिए भीषण गर्मी में भी काफी दूर पैदल ही चलना पड़ता है. वहीं लोगों ने बताया कि कुदरा रामपुर का पुल इस चुनाव में क्षेत्र के लोगों के लिये मुख्य चुनावी मुद्दा बना रहेगा.

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