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Health Centers : पीएचसी व सीएचसी में नहीं करा रहे नॉर्मल डिलिवरी, कर रहे सदर अस्पताल रेफर

Health Centers : जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नॉर्मल डिलीवरी भी नहीं हो पा रही है, वहां के चिकित्सक व कर्मियों द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के केस को भी सदर अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है.

Health Centers : भभुआ सदर. जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नॉर्मल डिलीवरी भी नहीं हो पा रही है, वहां के चिकित्सक व कर्मियों द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के केस को भी सदर अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है. जबकि, जिले के पीएचसी व सीएचसी में 24 घंटे प्रसव के लिए नर्सों व चिकित्सकों की तैनाती की गयी है.

पीएचसी में नॉर्मल डिलिवरी से लेकर अन्य मरीजों के भी इलाज की व्यवस्था उपलब्ध हैं, साथ ही सरकार की तरफ से इसे लेकर दावा भी किया जाता रहा है, लेकिन कैमूर जिले के पीएचसी व सीएचसी से जो आंकड़े सामने आये हैं वह यह बता रहा है कि पीएचसी व सीएचसी में बैठे कमी नॉर्मल डिलिवरी के मामले को भी सदर अस्पताल में रेफर कर दे रहे हैं.

मंगलवार को जब डीएम सावन कुमार द्वारा पहली बार सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, चिकित्सक, एएनएम व जीएनएम सहित अन्य कर्मियों के साथ बैठक की गयी, तो यह पाया गया कि सदर अस्पताल में करीब 400 की संख्या में प्रति महीने नॉर्मल डिलीवरी हो रहा है.

यहां 400 नॉर्मल डिलिवरी में 187 ऐसे नॉर्मल डिलीवरी शामिल हैं, जिन्हें पीएचसी व सीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया गया है. डीएम इस आंकड़े को देखकर चौंक गये और उन्होंने कहा कि जब पीएचसी व सीएचसी पर नॉर्मल डिलिवरी के लिए नर्स सहित चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था है, तब किन परिस्थितियों में उनके द्वारा नॉर्मल डिलीवरी के केस को भी सदर अस्पताल रेफर किया जा रहा है.

इसका सीधा मतलब कि पीएचसी और सीएचसी में कार्यरत कर्मी नॉर्मल डिलीवरी कराने में भी रुचि नहीं ले रहे हैं और इससे बचने के लिए वह सीधे रेफर कर दे रहे हैं, यह एक गंभीर मामला है. वहीं, सबसे ज्यादा चैनपुर प्रखंड द्वारा 50 नॉर्मल डिलिवरी के मामले सदर अस्पताल में जुलाई महीने में रेफर किये गये थे, इसके बाद कुदरा से 24 मामला रेफर करने का सामने आया.

डीएम ने इन आंकड़ों को देखकर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि पीएचसी व सीएचसी पर कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है, जिसका नतीजा है कि सदर अस्पताल पर नॉर्मल डिलीवरी का अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है. इसे गंभीरता से लेकर सिविल सर्जन व डीपीएम को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया है.

Health Centers : दो महीने में आंख की एक भी सर्जरी नहीं

सदर अस्पताल में ओपीडी, इमरजेंसी व सर्जरी की जब समीक्षा डीएम द्वारा की जा रही थी, तो इस उन्होंने पाया कि पिछले दो महीने से सदर अस्पताल में आंख की एक भी सर्जरी नहीं हुई है. डीएम ने कहा कि जब सदर अस्पताल में आंख के विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात है, तो फिर आखिर किन परिस्थितियों में आंख की सर्जरी बिल्कुल नहीं हो रही है.

इसका मतलब है कि इस मामले में सदर अस्पताल के स्तर से घोर लापरवाही बढ़ती जा रही है. डीएम ने कहा कि सप्ताह में न्यूनतम दो दिन निर्धारित करें कि उस दिन सर्जरी की जायेगी और इसे लेकर जिले में प्रचार प्रसार करें, उन दो दिनों में जिले भर के लोगों का नंबर वाइज सर्जरी करना सुनिश्चित करें. आंख के विशेषज्ञ चिकित्सक व सर्जन होने के बावजूद एक भी सर्जरी का नहीं होना घोर लापरवाही का मामला है.

Health Centers : इमरजेंसी के चिकित्सकों का ओपीडी में भी ली जाये ड्यूटी

समीक्षा के दौरान डीएम ने पाया कि जो चिकित्सा इमरजेंसी कर रहे हैं, वह ओपीडी नहीं करते हैं और ओपीडी में आयुष व होम्योपैथिक के चिकित्सकों द्वारा मरीज का इलाज किया जा रहा है. डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह को निर्देश दिया है कि इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों की भी ओपीडी में ड्यूटी करना सुनिश्चित करें.

इसके साथ ही जो सर्जन है वह निश्चित रूप से महीने में सर्जरी का काम करें, अगर सर्जरी जीरो रहता है तो इस लापरवाही माना जायेगा. डीएम ने समीक्षा में पाया कि महिला चिकित्सक द्वारा एएनसी देखा जा रहा है, उन्होंने कहा कि आखिर सीएचओ व अन्य कर्मी क्या करते हैं, इसका मतलब है कि उनके स्तर पर कोई काम नहीं किया जा रहा है. इसका नतीजा है कि सीनियर महिला चिकित्सक एएनसी कर रही हैं.

Health Centers : प्रखंडों से डॉक्टरों की करें प्रतिनियुक्ति

डीएम ने जब पूछा कि आखिर चौथे फ्लोर पर नियमित रूप से मरीजों को देखने के लिए कोई डॉक्टर क्यों नहीं जाता है और चिकित्सकों द्वारा राउंड क्यों नहीं लिया जाता है, तो बताया गया कि चिकित्सकों की कमी होने के कारण अस्पताल उपाधीक्षक द्वारा स्वयं राउंड लिया जा रहा है.

इस पर डीएम ने कहा कि जहां भी चिकित्सक की कमी है उसको दूर करने के लिए प्रखंडों से चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति सदर अस्पताल में करना सुनिश्चित करें, लेकिन इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बैठक में सिविल सर्जन डॉ मीना कुमारी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह, डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल सहित अन्य चिकित्सक व कर्मी मौजूद रहे.

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