भभुआ सदर. जिले के पशु पालकों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही वैसे पशु पालकों को कृषि के सामान ही किसान क्रेडिट का फायदा मिलने लगेगा, जो पैसे के अभाव में पशुपालन करने में असमर्थ हैं. दरअसल, बिहार सरकार द्वारा पशु व मत्स्य पालन को भी कृषि का दर्जा दिया गया है. इसके चलते गव्य विकास व मत्स्य विभाग में अब कृषि की तर्ज पर ही पशु व मत्स्य पालन के लिए किसानों को किसान क्रेडिट की सुविधा दी जायेगी. गौरतलब है कि आर्थिक तंगी की वजह से कई पशु पालक मवेशियों व मत्स्य पालक मछलियों के चारे को सही से चारा नहीं दे पाते हैं, जिससे उसमें समुचित विकास नहीं होने की वजह से उन्हें कम मुनाफा हो रहा है. लेकिन अब कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा मिलने से पशु पालकों को अपने दुधारू पशुओं सहित अन्य पशुओं व मत्स्य पालकों को मछलियों के चारे के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. इससे उसकी आमदनी बढ़ने से उसकी आर्थिक स्थिति में बदलाव होगा. गव्य व मत्स्य प्रबंधन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड में ऋण की राशि की बाध्यता नहीं है. = कैसे मिलेगा पशुपालन के लिए ऋण मिली जानकारी के अनुसार, इसमें 50 हजार न्यूनतम व यूनिट के मुताबिक ऋण दिये जाने का प्रावधान लागू किया गया है. इसके लिए उन्हें सात फीसदी ब्याज देना होगा. इसके अलावा जो लाभार्थी समय से ऋण की राशि का भुगतान करेंगे, उन्हें ब्याज दर पर तीन फीसदी का अनुदान दिया जायेगा. ऐसे में उन्हें ऋण की राशि का चार फीसदी ब्याज ही भरना होगा. जबकि, 90 दिनों तक ऋण की राशि जमा नहीं करने पर उसे एनपीए घोषित कर दिया जायेगा, जिनसे सख्ती से ऋण की राशि वसूल की जायेगी. = ऐसे कर सकते हैं योजना के लिए आवेदन पशु व मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा बिहार राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के दुधारू मवेशी, बकरी व मत्स्य पालकों को दी जायेगी. इसके लिए पशु पालक अपना आवेदन जिला गव्य विकास कार्यालय या फिर अपने निकटतम पशु चिकित्सालय में कर सकते हैं. जबकि, मत्स्य पालक अपना आवेदन जिला मत्सय कार्यालय में जमा कर सकते हैं, जहां से आवेदन उनके संबंधित बैंकों को भेज दिया जायेगा. इसके बाद प्रक्रिया के तहत किसानों को इसका लाभ मिलेगा और किसानों के आय में भी सुधार होगा.
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