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अब इओ के खिलाफ मुख्य पार्षद ने दिया सनहा के लिए आवेदन

स्थानीय नगर पंचायत के इओ और मुख्य पार्षद के बीच उपजे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब मुख्य पार्षद द्वारा मोहनिया थाने में इओ के खिलाफ सनहा के लिए आवेदन दिया गया है.

मोहनिया शहर. स्थानीय नगर पंचायत के इओ और मुख्य पार्षद के बीच उपजे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब मुख्य पार्षद द्वारा मोहनिया थाने में इओ के खिलाफ सनहा के लिए आवेदन दिया गया है. ऐसे में अब दोनों के बीच उपजे विवाद से शहर के विकास कार्य बाधित होगा. ऐसे में मुख्य पार्षद हासमति देवी द्वारा इओ के तबादला होने के बाद ही कार्यालय में आने का जो संकल्प लिया गया, जिससे यह साफ दिख रहा है कि मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के बीच विवाद घटने के बजाय बढ़ते ही जा रहा है. दोनों के बीच चल रहे विवाद से शहर का विकास कार्य बाधित होगा. गौरतलब है कि पिछले कई दिन से चल रहे मोहनिया इओ और मुख्य पार्षद के बीच विवाद पिछले चार दिन से खुलकर लोगों के सामने आ गया है. यहां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इसमें अब इओ के खिलाफ मुख्य पार्षद द्वारा नगर पंचायत गेट पर धरना देने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही विभाग के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक इओ के मनमाने कार्य की शिकायत करेगी. इधर, दोनों के बीच उपजे विवाद के बाद अब लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा हो रही है. लोगों का कहना है कि जनता विकास कार्य के लिए मुख्य पार्षद को चुन कर भेजा है, न की आपस में विवाद करने के लिए. देखना अब यह लाजमी होगा कि इओ और मुख्य पार्षद के बीच उपजे विवाद का अंत कैसे और कब होता है. #मुख्य पार्षद के पुत्र से शुरू हुआ था विवाद# मोहनिया नगर पंचायत की मुख्य पार्षद हासमति देवी के पुत्र इंद्रजीत राम से विवाद शुरू हुआ था, जो अब मुख्य पार्षद तक पहुंच गया है. मालूम हो कि मुख्य पार्षद के पुत्र इंद्रजीत राम के खिलाफ इओ सुधांशु कुमार द्वारा मोहनिया थाने में सनहा कराया गया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्य पार्षद हासमति देवी के पुत्र इंद्रजीत राम प्रतिनिधि बन कर मुख्य पार्षद के कक्ष में आकर बैठते हैं. इसके साथ ही कर्मियों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग व कार्य में बाधा पहुचाते हैं. इसके साथ ही एससी/एसटी केस करने की भी धमकी देते हैं. इओ के आवेदन पर मोहनिया थाने में सनहा दर्ज किया गया था. इसके साथ ही मुख्य पार्षद को इओ द्वारा पत्र लिख कर उनके पुत्र इंद्रजीत राम को चेंबर में बैठने से मना भी किया गया था. इसको लेकर मुख्य पार्षद द्वारा अपने पुत्र के बचाव में इओ पर भी कई आरोप लगा गुरुवार को जिलाधिकारी से शिकायत की है. #पूर्व इओ से भी हुआ था विवाद# मोहनिया नगर पंचायत में इओ और मुख्य पार्षद के बीच विवाद का इस कार्यकाल में कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी तत्कालीन इओ शशिभूषण मिश्रा के साथ भी मुख्य पार्षद से विवाद हुआ था. उसमें व्ययी बाजार के टेंडर के दौरान विवाद हुआ था. लेकिन कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच आपसी सहमति से विवाद खत्म हो गया था. लेकिन, इस बार मुख्य पार्षद और इओ से उपजे विवाद कहा तक जाकर खत्म होगा, इसका लोगों को इंतजार है. # सनहा आवेदन में कई तरह के लगाये आरोप मोहनिया नगर पंचायत के इओ और मुख्य पार्षद के बीच शुरू हुए विवाद के बाद मुख्य पार्षद द्वारा संकल्प लिया गया है जब तक इओ का तबादला नहीं होगा, तब तक कार्यालय नहीं आयेंगे. ऐसे में जब कार्यालय मुख्य पार्षद नहीं आयेगी, तो बोर्ड की बैठक सहित कई शहर के विकास कार्य कैसे होगा. इधर, इओ द्वारा मुख्य पार्षद के पुत्र पर दिये गये सनहा के बाद अब मुख्य पार्षद हासमति देवी द्वारा इओ के खिलाफ मोहनिया थाने में गुरुवार को सनहा के लिए आवेदन दिया गया. इसमें इओ पर कई तरह के आरोप लगाया गया है. #क्या कहती हैं मुख्यपार्षद# इस संबंध में मुख्य पार्षद हासमति देवी बताया इओ से विवाद की कोई बात नहीं है. केवल मनमाने तरीके से कार्य करने के लिए विवाद शुरू किया गया है. इस मामले को लेकर हम कोर्ट में भी जायेंगे. जबकि, जनता हमें विकास के कार्य के लिए भेजी है, लेकिन इओ द्वारा मनमानी कर विकास कार्य बाधित किया जा रहा है. इस मामले को लेकर विभाग के मंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत करुंगी. जब तक इओ का तबादला नहीं हो जाता है, तब तक कार्यालय नहीं आयूंगी. #क्या कहते हैं इओ# इस संबंध में इओ सुधांशु कुमार न बताया हमारा मुख्य पार्षद से कोई विवाद नहीं है. मुख्य पार्षद के पुत्र इंद्रजीत राम द्वारा उनके चेंबर में आकर अपने आप को प्रतिनिधि बन कर्मियों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग व धमकी देने को लेकर केवल मुख्य पार्षद से पत्र भेज शिकायत की गयी थी. उनके बचाव में इस तरह की आरोप लगा रही है. यदि अपने पुत्र को कार्यालय में बैठना है तो विभाग से लिखित दिलवा दे. मुख्य पार्षद से कोई विवाद नहीं है. वह केवल बैठक के समय ही कार्यालय आती हैं. जहां तक शहर के विकास कार्य बाधित की बात है तो कोई कार्य बाधित नहीं होगा. पहले से ही कई योजना का बोर्ड में स्वीकृति प्राप्त है, जिसका कार्य कराया जा रहा है.

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