कंपकंपा देनेवाली ठंड की चपेट में आने लगे बूढ़े व बच्चे

तीन-चार दिन से अचानक कंपकंपी बढ़ाने वाली ठंड ने जनजीवन को अस्त व्यस्त करते हुए लोगों खासकर, बूढ़े व बच्चे के सेहत पर वार करना प्रारंभ कर दिया है. लोग सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित होने लगे हैं

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 8:52 PM

भभुआ सदर. तीन-चार दिन से अचानक कंपकंपी बढ़ाने वाली ठंड ने जनजीवन को अस्त व्यस्त करते हुए लोगों खासकर, बूढ़े व बच्चे के सेहत पर वार करना प्रारंभ कर दिया है. लोग सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित होने लगे हैं. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, वह चाहे सरकारी अस्पताल हो या निजी क्लिनिक, हर जगह ऐसे मरीज बढ़ गये हैं. इस परिस्थिति में डॉक्टर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. वे कहते हैं कि इस मौसम में सावधान रहकर ही खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है और खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इस ठंड भरे मौसम में जब अधिकतम पारा भी 20 डिग्री से नीचे आ गया हो, तो ऐसी स्थिति में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से अचानक बढ़ी ठंड ने लोगों की दिनचर्या बदल कर रख दी है. आलम यह है कि वह चाहे बच्चे हो या बूढ़े या फिर जवान सभी जबरदस्त ठंड की चपेट में हैं. सदर अस्पताल के डॉक्टर डॉ अभिलाष चंद्रा ने बताया कि वैसे तो यह सीजन स्वास्थ्य के लिहाज से हेल्दी होता है, लेकिन जो लोग ऐसे मौसम में लापरवाही बरतते हैं उनके लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है. खासकर ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को इस समय अपना खास बचाव करना चाहिए. डॉ चंद्रा कहते हैं ठंड के मौसम में बीपी के मरीजों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है, यहां तक कि उनको हार्ट अटैक आने का डर रहता है, ऐसे में उन्हें इससे बचकर रहना चाहिए. वहीं, डायबिटीज के मरीजों की भी दिक्कतें बढ़ जाती हैं, उनकी परेशानी भी इस मौसम में बढ़ जाती है. इस मौसम में इन सभी को सावधान रहने की जरूरत है. इसके अलावा लोगों में सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत तो इस मौसम में आम बात हो ही जाती है. इधर, ठंड में बढ़ोतरी होने पर छोटे-छोटे बच्चों व बुजुर्गों पर पूरी निगाह रखने की जरूरत है. अचानक तापमान में गिरावट आने से बच्चों व बुजुर्गों को कंपकंपी के साथ ठंड लगने की शिकायत बढ़ जाती है. इस समय खांसी-सर्दी के साथ बुखार की भी संभावना बढ़ जाती है, इसलिए बच्चों को सरसों का तेल गर्म करके मालिश करने व गर्म कपड़े से पूरी तरह ढक कर रखना ही इसका मुख्य बचाव है. बाहर निकलने से पहले पूरे शरीर को ऊनी कपड़ों से ढंक लें व नाक-कान व मुंह को ऊनी वस्त्र या मफलर आदि से सुरक्षित कर लें. ऐसा करने से ठंड लगने की संभावना कम हो जाती है. वहीं, ठंड के मौसम में सभी लोग गुनगुने पानी का उपयोग करें व जरूरत पड़ने पर गर्म पानी से ही स्नान करें. ठंड की शिकायत होने पर तत्काल किसी चिकित्सक से संपर्क करें, इसमें विलंब करना जानलेवा भी हो सकता है.

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