एक सप्ताह में केवल तीन अधिकारियों ने किया स्कूल का निरीक्षण
विद्यालय निरीक्षण करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छोड़ दें, तो जिला प्रशासन के अधिकारी व अन्य विभाग के अधिकारी अब रुचि नहीं ले रहे हैं
भभुआ नगर. विद्यालय निरीक्षण करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छोड़ दें, तो जिला प्रशासन के अधिकारी व अन्य विभाग के अधिकारी अब रुचि नहीं ले रहे हैं, यानी कहें तो कागजों में ही रोस्टर के अनुसार विद्यालय निरीक्षण के लिए अधिकारियों की तैनाती की गयी है, लेकिन धरातल पर जांच गायब है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय निरीक्षण संबंधी प्रखंड स्तर से भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है. दरअसल, अपर मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में उप विकास आयुक्त द्वारा विगत तीन सितंबर को विद्यालय निरीक्षण संबंधित कार्य के लिए डेढ़ सौ अधिकारियों की तैनाती करते हुए आदेश जारी किया गया था. जारी आदेश में उप विकास आयुक्त द्वारा रोस्टर बनाते हुए एक अधिकारियों को कितने विद्यालय की जांच करनी हैं, विद्यालय के नाम के साथ सूची जारी की गयी थी. जारी सूची के अनुसार आदेश दिया गया था कि सभी पदाधिकारी रोस्टर के अनुसार आवंटित विद्यालयों की जांच करेंगे. विद्यालयों की जांच के बाद शिक्षा विभाग कार्यालय को इसकी रिपोर्ट देंगे. लेकिन, उप विकास आयुक्त के आदेश के बाद भी एक सप्ताह के अंदर केवल तीन पदाधिकारी को छोड़ दें, तो विद्यालय निरीक्षण के लिए लगाये गये 26 पदाधिकारियों में से एक भी पदाधिकारी द्वारा एक भी विद्यालय की जांच नहीं की गयी है. = विद्यालय निरीक्षक के दौरान 21 बिंदुओं पर करनी है जांच उप विकास आयुक्त ज्ञान प्रकाश द्वारा विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनात अधिकारियों को आदेश दिया है कि विद्यालय निरीक्षण के दौरान 21 बिंदुओं पर जांच कर विद्यालय निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट विभाग को देंगे. निरीक्षण के दौरान निरीक्षण पदाधिकारी यह अभी पता करेंगे कि पोषक क्षेत्र में कोई बच्चा ऐसा भी तो नहीं है, जिसका नामांकन अभी तक विद्यालय में नहीं हुआ है या निरीक्षण के दौरान अनामांकित छात्र पाये जाते हैं, तो प्रधानाध्यापक के माध्यम से संबंधित बच्चे का नामांकन करना सुनिश्चित करेंगे. निरीक्षण के दौरान देखेंगे कि जो बच्चा नियमित रूप से विद्यालय नहीं आता है, तो अभिभावक से मुलाकात कर नियमित रूप से छात्र को विद्यालय भेजना सुनिश्चित करेंगे. = विद्यालय निरीक्षण मामले में 34वें स्थान पर कैमूर विद्यालय निरीक्षण रैंकिंग रिपोर्ट में टॉप थ्री व फोर स्थान पर रहने वाला कैमूर जिला अब राज्य स्तर से जारी विद्यालय निरीक्षक संबंधित रैंकिंग रिपोर्ट में 34वें स्थान पर आ गया है. यानी कहा जाये तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनाती की गयी थी, तो जिला का प्रदर्शन रैंकिंग रिपोर्ट के अनुसार सही था. यहां अब जिला प्रशासन, कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग व आइसीडीएस के पदाधिकारी को तैनात किये जाने के बाद से विद्यालय निरीक्षण में काफी कमी आ गयी है. बोले अधिकारी– इस संबंध में जानकारी देते हुए उप विकास आयुक्त ज्ञान प्रकाश ने कहा कि विद्यालय निरीक्षण के लिए तैनात किये गये अधिकारियों से जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी है. जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है