विश्वविद्यालय के रोक के बाद भी होता रहा काॅलेज के खातों का संचालन
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा महाराणा प्रताप काॅलेज मोहनिया के खातों का संचालन पर रोक लगाये जाने के बाद भी खेल जारी है. अब जबकि हाइकोर्ट के निर्देश पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम रविवार को आ रही है
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भभुआ कार्यालय. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा महाराणा प्रताप काॅलेज मोहनिया के खातों का संचालन पर रोक लगाये जाने के बाद भी खेल जारी है. अब जबकि हाइकोर्ट के निर्देश पर राज्यपाल सचिवालय द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम रविवार को आ रही है, ऐसी स्थिति में यह मामला संवेदनशील हो गया है. श्रम संसाधन मंत्री तथा काॅलेज के शासी निकाय के जनप्रतिनिधि सदस्य संतोष कुमार सिंह ने राज्यपाल को साक्ष्य के साथ पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. मालूम हो कि कालेज में 75 करोड़ के कथित गबन के मामले में महाविद्यालय के खातों के संचालन पर 28 फरवरी, 2024 को रोक लगा दी गयी, तब से शिक्षकों का वेतन भुगतान बंद है. लेकिन, महाविद्यालय के अन्य कार्यों के लिए खाता संचालन नहीं रुक पाया है. मंत्री द्वारा दिये गये साक्ष्य में बैंक ऑफ बड़ौदा के दो खातों का साक्ष्य है. इनसे 29 जुलाई 2024 को बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता संख्या 00070100029524 से करीब तथा खाता नंंबर 00070100029525 से 13 जनवरी 25 को 44 हजार, 02 जनवरी 25 को 75 हजार व 50 हजार दूसरे खाते में डाले गये है. 31 दिसंबर 24 को भी आरटीजीएस के माध्यम से बार काउंसिल ऑफ इंडिया के खाते में तीन लाख रुपये ट्रांसफर किया गया है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि विश्वविद्यालय द्वारा खाता संचालन बंद किये जाने के निर्णय के खिलाफ जो लोग हाईकोर्ट में खाता संचालन खुलवाने के लिए याचिका दायर किये हैं, वहीं लोग बिना किसी सक्षम प्राधिकार से अनुमति लिए खाता का संचालन भी कर दिये. बता दें कि महाराणा प्रताप कालेज में लाॅ की पढ़ाई शुरु कराने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा रोक लगाये जाने के बावजूद खातों का संचालन कर दिया गया. सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि एक तरफ विश्वविद्यालय राजभवन को पत्र लिखकर यह स्वीकार कर रहा है कि महाराणा प्रताप कॉलेज में शासी निकाय के अध्यक्ष व सचिव का पद रिक्त है, वहीं दूसरी तरफ तथाकथित सचिव द्वारा एनओसी देने के लिए पत्र पर तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर उसे एनओसी प्रदान कर दिया गया है. इस संबंध में महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ शंभू नाथ सिंह ने बताया कि इस संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है.
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