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यात्रियों को वेटिंग व दलालों को मिलता है कन्फर्म टिकट

भभुआ रोड स्टेशन पर स्थित आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट के लिए हमेशा दलालों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां यात्रियों को तत्काल टिकट नहीं मिल पाता है. जबकि, दलालों को कन्फर्म टिकट मिल जाता है

मोहनिया शहर. होली पर्व बीतने के बाद लोग अपने-अपने काम पर लौट रहे हैं, ऐसे में ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है. वेटिंग टिकट के सहारे ही जैसे-तैसे महानगरों में लोग अपने काम पर वापस जा रहे हैं. मालूम हो कि भभुआ रोड स्टेशन पर स्थित आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट के लिए हमेशा दलालों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां यात्रियों को तत्काल टिकट नहीं मिल पाता है. जबकि, दलालों को कन्फर्म टिकट मिल जाता है. इसी क्रम में सूचना पाकर गुरुवार की सुबह नौ से लेकर 11 बजे तक प्रभात खबर टीम द्वारा भभुआ रोड स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर पहुंच पड़ताल की गयी. यहां देखने को मिला कि यात्रियों को चाह कर भी तत्काल टिकट नहीं मिल पा रहा था, क्योंकि काउंटर पर पहले से ही पर्ची भर कर भीड़ लगाये थे, ऐसे में कई यात्री वेटिंग टिकट ही लेकर संतोष कर चले गये. गुरुवार को करीब नौ बजे प्रभात खबर की टीम जब भभुआ रोड स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर पहुंची, तो आरक्षण काउंटर पर काफी कम भीड़ थी. यहां उपस्थित लोगों से पूछा गया कि तत्काल के लिए नंबर कहां लगेगा, तो बताया गया कि यह फार्म है जिसके नीचे आप फार्म भर कर रख दीजिये. यहां 15 से अधिक फार्म पहले से ही भर कर रखा हुआ था. इसे देख बगल में खड़े होकर देखते रहे. आरक्षण काउंटर पर खड़े चार से पांच लोग ऐसे मिले, जिनकी आपस में काफी जान पहचान थी. जैसे ही 10 बजने वाला था, तो एक व्यक्ति और आ गया जो काउंटर पर जाकर खड़ा हो गया, ऐसे में 10 बजे एसी के लिए तत्काल बुकिंग का लिंक आता है, जिसमें आम यात्री का एक भी टिकट नहीं हुआ. बगल में खड़े दलालों का दो से तीन टिकट हुआ, जिसे यात्री से महंगे दाम पर डील कर टिकट दे दिया गया. इसी के बीच कुछ ही देर बाद टिकट पर खड़े दलालों में एक व्यक्ति द्वारा काउंटर में बैठे साहब के लिए ठंडा पहुंचाया गया. इसी तरह 11 बजे स्लीपर के तत्काल के लिए लिंक आने के बाद दलाल दोनों काउंटर पर भीड़ लगा अपना टिकट करा सभी लोग आसानी से चलते बने. लेकिन, इस दौरान काउंटर सहित आस-पास एक भी जीआरपी व आरपीएफ पुलिस के जवान या अधिकारी नहीं दिखे, इस तरह सारे घटनाक्रम से यह साफ हो जा रहा है कि आरक्षण काउंटर पूरी तरह से दलालों के कब्जे में है. # 2000 में दिल्ली के लिए तत्काल टिकट गुरुवार को जब प्रभात खबर संवाददाता भभुआ रोड स्टेशन के आरक्षण काउंटर पर पहुंचा, तो वहां करीब पांच से छह दलाल सक्रिय थे, उसमें शामिल एक व्यक्ति को बुलाकर दिल्ली के लिए तत्काल टिकट की बात की, तो बताया गया कि यहां से दिल्ली के लिए करीब दो हजार खर्च पड़ेगा, जिसमें करीब 600 रुपये का टिकट होगा बाकी अलग से खर्च करना पड़ेगा. इसके साथ ही बताया गया कि मुगलसराय से चाहिए तो कुछ कम में भी टिकट बन जायेगा. ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि किस कदर आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट के लिए दलाल हावी हैं, जो एक साथ कई पर्ची लेकर पहुंच जाते हैं और तो और टिकट काउंटर पर ही डील पूरा कर ले रहे हैं, लेकिन आरपीएफ को इसकी भनक तक नहीं है. # आम यात्री लाइन में ही रह जाते खड़े भभुआ रोड रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर रात से ही दलालों का कब्जा हो जाता है, जहां फार्म भर काउंटर पर रख देते हैं. जबकि, आम आदमी चाह कर भी कुछ नहीं करा पाता है. इधर, होली पर्व बीतने के बाद घर से वापस काम पर लौट रहे लोगों को बिना दलाल के संपर्क किये तत्काल टिकट मिलना संभव नहीं लगता है. यहां आये दिन तत्काल टिकट को लेकर रिजर्वेशन काउंटर पर यात्रियों व दलालों के बीच नोक-झोंक होती रहती हैं. दलालों द्वारा रिजर्वेशन काउंटर को रात से ही अपने कब्जे में लेकर तय समय पर कटने वाली तत्काल टिकट आसानी से कटवा लेते हैं, जबकि आम यात्री लाइन में ही खड़े रह जाते हैं. # क्या कहते हैं यात्री —इस संबंध में यात्री दादर गांव निवासी दीपू कुमार ने बताया होली में घर आये थे, अब वापस जाना है, जिसे लेकर टिकट के लिए काउंटर पर पहुंचे तो तत्काल टिकट नहीं मिला. वेटिंग टिकट लेकर ही जा रहे हैं, हमें भभुआ रोड से अहमदाबाद के कलुआ तक जाना है, 122 वेटिंग मिला है. — इस संबंध में यात्री आकाश कुमार ने बताया हम चार दोस्तों को अहमदाबाद जाना है, लेकिन तत्काल टिकट नहीं मिला. इसके कारण वेटिंग टिकट लेकर जाने को मजबूर हैं. # बोले स्टेशन अधीक्षक इस संबंध में स्टेशन अधीक्षक भभुआ रोड आरपी सिंह ने बताया आरक्षण काउंटर के समय हमेशा रेल कर्मी मौजूद रहते हैं, किसी यात्री द्वारा अब तक शिकायत नहीं की गयी है, लिखित शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जायेगी. # बोले बुकिंग सुपरवाइजर इस संबंध में बुकिंग सुपरवाइजर एस के उपाध्याय ने बताया पहले से ही लोग नंबर लगा कर फार्म रख देते हैं, जिसके अनुसार बुकिंग की जाती है. भीड़ में कौन दलाल है कौन आम आदमी है, पहचान करना मुश्किल होता है. # बोले आरपीएफ प्रभारी इस संबंध में आरपीएफ प्रभारी बिक्रम देव सिंह से संपर्क कर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन सरकारी नंबर बंद मिला, तो निजी नंबर पर फोन रिसीव नहीं किया गया.

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