Kaimur News : भभुआ कार्यालय. सदर अस्पताल भभुआ में चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है और इस चरमरायी व्यवस्था पर किसी का कोई ध्यान भी नहीं है. इसका नतीजा है कि आये दिन स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण इलाज के लिए आये मरीजों की मौत हो जा रही है. शनिवार को इसी तरह बुखार से पीड़ित चैनपुर थाना क्षेत्र के भदारी गांव के रहने वाले 25 वर्षीय युवक प्रिंस पांडे की सदर अस्पताल में मौत हो गयी. उक्त युवक को सदर अस्पताल की चौथी मंजिल पर वार्ड में भर्ती किया गया था. शनिवार की दोपहर से युवक की तबीयत काफी बिगड़ने लगी, उसके परिजन वहां मौजूद नर्स व ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक को उसे वार्ड में चलकर देख लेने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन मरीज वार्ड में तड़पता रहा, लेकिन कोई चिकित्सक उसे देखने के लिए नहीं गया और ना ही चौथी मंजिल से नर्स चिकित्सक को यह बताने आयी कि मरीज की हालत गंभीर है, वह चलकर देख लें. इसका नतीजा हुआ कि रात में बुखार से पीड़ित उक्त युवक की मौत हो गयी, जब उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रहा था, तब इसकी सूचना चिकित्सक को दी गयी. इसके बाद चिकित्सक आये तो उन्होंने बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है.
Kaimur News : अस्पताल में मरीजों के इलाज की खोल दी कलई
बुखार से पीड़ित उक्त 25 वर्षीय युवक की मौत सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज की पूरी कलई ही खोल रही है. उक्त युवक के पिता उदय पांडे ने बताया कि 25 वर्षीय प्रिंस को पिछले 6-7 दिनों से बुखार आ रहा था. शनिवार की सुबह दो बजे बुखार व पूरे शरीर में दर्द सहित अन्य शिकायत पर उसे हम लेकर सदर अस्पताल आये थे. इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक द्वारा प्रिंस पांडे को भर्ती कर लिया गया. शनिवार की दोपहर में ग्राउंड फ्लोर के इमरजेंसी से प्रिंस को चौथी मंजिल पर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. दोपहर के बाद प्रिंस की स्थिति बिगड़ने लगी. प्रिंस के पिता-माता व पत्नी वहां ड्यूटी में तैनात नर्स व ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सा के पास जाकर उसकी पीड़ा को बता रहे थे, मरीज तड़प रहा है उसे चलकर देख लें. लेकिन कोई भी चिकित्सा उसे देखने के लिए चौथी फ्लोर पर नहीं गया और ना ही नर्स चौथी फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर को आकर उक्त युवक की बिगड़ती स्थिति के बारे में बताया. मरीज के परिजन चौथी फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर तक लगातार दौड़ लगाते रहे, लेकिन उनकी पीड़ा को कोई सुनने वाला नहीं था. धीरे-धीरे उक्त युवक की स्थिति बिगड़ती चली गयी. मरीज के परिजन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को उल्टी, दस्त, सांस लेने में तकलीफ पेट में दर्द की शिकायत कर रहे थे, लेकिन चौथी फ्लोर पर वार्ड में जाकर मरीज की स्थिति देखने का जहमत चिकित्सक द्वारा नहीं उठाया गया और आखिरकार उक्त युवक की स्थिति बिगड़ती चली गयी और रात में उसकी मौत हो गयी. चिकित्सा वार्ड में तब पहुंचे जब उक्त मरीज की मौत हो चुकी थी.
Kaimur News : 18 घंटे में मरीज की नहीं करायी गयी कोई जांच
उक्त युवक 18 घंटे से बुखार, उल्टी, दस्त, सांस लेने में तकलीफ सहित अन्य शिकायत लेकर भर्ती हुआ था, लेकिन इन 18 घंटे में चिकित्सकों द्वारा उक्त मरीज की कोई जांच नहीं करायी गयी, बल्कि ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद इमरजेंसी से उसे चौथी फ्लोर पर वार्ड में भेज दिया गया. इसका नतीजा रहा कि ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद इमरजेंसी के डॉक्टर चौथी फ्लोर पर एक भी बार उसे देखने के लिए नहीं गये और ना ही उसकी कोई जांच करायी गयी. स्वास्थ्य कर्मी उसकी तकलीफ से बेखबर रहे, जिसका नतीजा रहा कि वह अस्पताल के बेड पर दम तोड़ दिया.
Kaimur News : चौथी मंजिल पर वार्ड में मरीजों को देखने नहीं जाते चिकित्सक
दरअसल, शनिवार की रात 25 वर्षीय युवक प्रिंस पांडे की मौत ने सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था की पूरी पोल खोल कर रख दी है. अस्पताल के अन्य मरीजों द्वारा बताया गया कि चौथी मंजिल पर वार्ड में इलाजरत मरीजों को देखने का जिम्मा ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक की है, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक चौथी फ्लोर पर वार्ड में मरीजों को देखने के लिए नहीं आते हैं और नहीं चौथी फ्लोर से नर्स ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी में डॉक्टर के पास जाना चाहती है. मरीज के परिजन ही चौथी फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर तक दौड़ लगाते रहते हैं और उनके द्वारा बताने के आधार पर बगैर मरीज को देख चिकित्सक दवा लिख देते हैं. इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों का कहना रहता है कि वह आखिर इमरजेंसी में मरीजों को छोड़कर कैसे चौथी फ्लोर पर वार्ड में जाएं, यही स्थिति प्रिंस पांडे के साथ भी हुई.वार्ड में प्रिंस पांडे की स्थिति दोपहर से ही बिगड़ती चली गयी, मरीज के परिजन लगातार नर्स व चिकित्सक से स्थिति बिगड़ने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. इसका नतीजा हुआ कि वार्ड में ही प्रिंस पांडे की मौत हो गयी. अगर किसी चिकित्सक ने गंभीर स्थिति में देखा होता, तो उसे निश्चित रूप से इमरजेंसी में लता. लेकिन, किसी ने उसे देखा ही नहीं और नर्स द्वारा इसकी सूचना चिकित्सक को नहीं दी गयी. इसका नतीजा रहा कि वह चौथी फ्लोर पर वार्ड में ही दम तोड़ दिया. प्रिंस पांडे के परिजन वही तड़प-तड़प कर रोते रहे, उनका जवान बेटा दुनिया छोड़ चुका था.
Kaimur News : जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित
प्रिंस के पिता उदय पांडे ने बताया कि उसकी शादी महज छह महीने पहले हुई थी. प्रिंस की पत्नी मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल था. प्रिंस के पिता ने बताया कि वह किसी तरह से गरीबी में अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. नौजवान बेटे की मौत ने हमारी कमर ही तोड़ कर रख दी. गांव के भोले भाले प्रिंस के पिता कि अभी समझ में नहीं आ रहा था कि वह आखिर करें तो क्या करें. घटना के बाद उनके परिवार सिर्फ रोये जा रहा था. उक्त मामले की जानकारी जब डीएम सावन कुमार को मिली, तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन को मामले में जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है. डीएम के निर्देश पर तत्काल सिविल सर्जन डॉक्टर मीना कुमारी द्वारा उक्त मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित किया गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि जांच टीम की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.