एक्जिट पोल फेल होने से लोगों में रही उत्सुकता
मंगलवार को सासाराम सुरक्षित सहित देशभर के लोकसभा सीटों के लिए करायी जा रही मतगणना के परिणाम जानने के लिए जहां सियासी दलों के प्रत्याशी व उनके समर्थक बेताब दिखे, तो वहीं आम जनता में भी यह जानने को उत्सुकता रही.
भभुआ सदर. मंगलवार को सासाराम सुरक्षित सहित देशभर के लोकसभा सीटों के लिए करायी जा रही मतगणना के परिणाम जानने के लिए जहां सियासी दलों के प्रत्याशी व उनके समर्थक बेताब दिखे, तो वहीं आम जनता में भी यह जानने को उत्सुकता रही. खासकर तीन दिनों से दिखाये जा रहे एक्जिट पोल के नतीजों के विपरीत परिणाम आते रहने के चलते लोग दिनभर टीवी और सोशल मीडिया से चिपके रहे. इधर, मंगलवार को सुबह से ही आम जनता में यह उत्सुकता रही कि उनका अगला सांसद कौन होगा. इधर, मंगलवार की सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होते ही भभुआ शहर के लोग अपने-अपने घरों में टीवी से चिपके रहे. खाना पीना छोड़कर लोग टीवी के सामने समाचार चैनलों को निहारते रहे. हर कोई परिणाम जानने को लेकर उनमें उत्सुक नजर आया और चुनाव की मतगणना का हाल जानने के लिए टीवी और मोबाइल बेहतर संसाधन बना. लोग हर काम छोड़कर टीवी के सामने जा बैठे. मनोरंजन वाले चैनलों की बजाय मंगलवार को लोगों ने केवल न्यूज चैनलों पर नजर गड़ाये रखीं. किस पार्टी की कितनी सीटें निकल रही हैं. इसको लेकर लोग एक-दूसरे से मोबाइल पर बातें करते रहे. इसके साथ ही जो लोग आवश्यक कामों से घर से बाहर आये या फिर कार्यालय आदि आये तो वह अपने मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए मतगणना का रुझान और परिणाम जानते रहे. ऑफिसों में भी लगभग यही हाल रहा. कर्मचारी काम काज निबटाने के बजाए एंड्रॉयड मोबाइल से चिपके रहे. शहर की दुकानों में लगे टीवी पर भी वहां बैठे लोग मतगणना का हाल देखते रहे. मोबाइल पर इस कदर मतगणना की जानकारी लेने की होड़ लगी रही कि कई बार नेटवर्क की समस्या भी खड़ी हो गयी. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी मतगणना स्थल मोहनिया पहुंचे और यहां मतगणना पूरी न होने तक डटे रहे. शहर के प्रमुख चौराहों पर सुबह से ही भीड़ नजर आयी. लोग परिणाम को लेकर बहस और चर्चाएं करते रहे. दुकानों के बाहर भी लोगों में बस चुनाव को लेकर ही बहस जारी रही. = फेसबुक भी बना सूचना का माध्यम मतगणना की पल-पल की रिपोर्ट नौजवानों ने फेसबुक पर भी शेयर की. युवा वर्ग चक्रवार प्रत्याशियों को मिले मत पोस्ट करते रहे. इतना ही नहीं कौन प्रत्याशी कितने वोटों से आगे है, इसका भी जिक्र होता रहा. कुछ ने तो आयोग की वेबसाइट से आंकड़े लेकर उसे फेसबुक पर पोस्ट करते रहे. अधिकतर युवाओं को फेसबुक पर ही मतगणना की जानकारी लेते-देते देखा गया.
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