गर्मी के साथ बिजली की आंख मिचौनी से शहर की आधी आबादी त्रस्त
प्रचंड गर्मी और उमस शहर के लोगों के नींद उड़ाये हुए है. इधर, बढ़ती उमस और गर्मी के बीच आधे शहर में लोकल फॉल्ट और रिपेयरिंग के नाम पर खूब बिजली काटी जा रही है.
भभुआ सदर. प्रचंड गर्मी और उमस शहर के लोगों के नींद उड़ाये हुए है. इधर, बढ़ती उमस और गर्मी के बीच आधे शहर में लोकल फॉल्ट और रिपेयरिंग के नाम पर खूब बिजली काटी जा रही है. शनिवार की रात फीडर तीन शहर के एकता चौक से लेकर पूरब मुहल्ला सहित आसपास के इलाकों में नियमित अंतराल पर बिजली कटती रही, जिसके चलते लोग परेशान रहे. पश्चिम बाजार के संजय जायसवाल, प्रमोद मिश्र, प्रहलाद राम, अनिल तिवारी, विनोद प्रजापति आदि का कहना था कि, यह समस्या एक दिन की नहीं है. बल्कि गर्मी में आंख मिचौनी से बिजली के आने व जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है. विद्युत केंद्र के दिये नंबर पर तैनात कर्मचारी व जिम्मेदार से शिकायत करने पर लोकल फॉल्ट की जानकारी देकर जल्द आपूर्ति बहाल करने का कोरा आश्वासन भर दिया जाता रहा, जबकि उस पर अमल नहीं होता. लोगों का कहना है कि गर्मी अपने चरम पर है उसमें शहरवासियों को विभाग की नाइंसाफी तकलीफ दे रही है. गौरतलब है कि एसबीपीडीसीएल ने शहरी क्षेत्र में विद्युत सप्लाइ के लिए चार फीडर बनाये हैं, जिसमें फीडर नंबर तीन से आधे शहर में बिजली की सप्लाइ की जाती है. लेकिन लोड अधिक होने के चलते फीडर संख्या तीन में हरेक दिन लोकल फॉल्ट आते रहते है और सप्लाइ ब्रेकडाउन हो जा रही है. दरअसल, इस बार भयंकर गर्मी व उमस और अब तक बारिश के नहीं होने से शहर सहित जिले की गतिविधियों पर विराम सा लगा हुआ नजर आ रहा है. बादलों के रहने के बाद भी तेज धूप और उमस ने रविवार को भी दिनभर लोगों को परेशान किया. = बार बार बिजली कटने से आंखों में ही कट जा रही रात इधर, इस महीने अब तक बारिश नहीं होने और लगातार पुरवा हवा चलने से उमस और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इधर, हर दिन बिजली की लगातार आंख मिचौनी ने बेचैनी और बढ़ा दी हैं. वार्ड संख्या 15 के रहनेवाले जुबैर अंसारी, मुन्ना खान, पप्पू, अशोक, विजय राम आदि का कहना था कि इतना गर्मी पड़ते अपने होश में नहीं देखा था. उमस ने इतना बेहाल कर दिया है कि दिन तो इधर उधर में कट जा रहा है, लेकिन रात काटना मुश्किल हो जा रहा है. ऊपर से रात में बार-बार कट रही बिजली तो और रुला रही है. स्थिति ये हो जा रही है कि नींद पूरी नही होने से काम भी पूरा नहीं हो रहा है. = बादलों से अधिकतम तापमान में कमी, लेकिन उमस बरकरार अधिकतम तापमान में कमी आने और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी से उमस और बढ़ गयी है. मौसम विज्ञानी के अनुसार फिलहाल इससे अभी निजात मिलने वाली नहीं है. कम से कम अगले एक सप्ताह तक ऐसे ही मौसम रहने के अनुमान हैं. रविवार को बादलों की चहलकदमी और धूप में ताकत न होने के बावजूद नमी से उसका साथ हीट इंडेक्स को बढ़ा दे रहा है, जिससे कम तापमान पर भी भीषण उमस भरी गर्मी का अहसास हो रहा है. विभाग के रिकार्ड में अधिकतम तापमान तो 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, लेकिन हीट इंडेक्स के चलते गर्मी का अहसास पहले ही की तरह 43 डिग्री सेल्सियस का हुआ. बढ़े हीट इंडेक्स का नतीजा यह रहा कि सुबह और रात भी गर्म रही, जिसके चलते न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. न्यूनतम और अधिकतम तापमान में महज 9 डिग्री सेल्सियस का अंतर होने की वजह से 24 घंटे में किसी भी पल लोगों को गर्मी राहत नहीं सकी. वातावरण में नमी की अधिकता का अंदाजा आर्द्रता के प्रतिशत से लगाया जा सकता है. रविवार को न्यूनतम आद्रता 70 प्रतिशत से नीचे नहीं आ सकी, अधिकतम आद्रता का प्रतिशत भी 90 प्रतिशत रहा. = क्या कहते हैं लोग – रजनी देवी ने कहा रात के समय बार बार बिजली कटने से काफी परेशानी हो रही है. दिन तो इधर-उधर बैठकर कट जा रहा है, लेकिन रात के समय भी बिजली नहीं रह रही है. डीएम साहेब को इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है. –जैकी रावत ने कहा बिजली तो रहती है लेकिन हरेक एक घंटे पर कटती रह रही है. अब बिजली कटने और उमस व गर्मी से रात आंखों में कट जा रही है. शिकायत करने पर विभाग लोकल फॉल्ट बता अपना पल्ला झाड़ लेता है. – लालजी चौरसिया ने कहा शहर में कटौती से लोग परेशान हैं, यह हर साल का ढर्रा हो गया है, अब जरूरत सख्त कदम उठाने की है. हर इलाके की जिम्मेदारी तय हो व उपकरण और व्यवस्था ऐसी हो कि फॉल्ट कम से कम हों. फॉल्ट हो भी तो मरम्मत की डेडलाइन तय की जाये, तय वक्त पर मरम्मत न करवा पाने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाये. = गर्मी की वजह से लोकल फॉल्ट की समस्या सहायक अभियंता शहरी प्रदीप कुमार प्रजापति ने बताया कि इन दिनों गर्मी की वजह से लोकल फॉल्ट की समस्या अधिक आ रही है. इस कारण शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में समय-समय पर विद्युत कटौती करनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि भभुआ शहरी क्षेत्र में सामान्य स्थिति में 10 मेगावाट विद्युत की दरकार रहती है.
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