भभुआ कार्यालय. जुलूस नहीं, तो वोट नहीं व चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाने के मामले में बैनर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस अग्रवाल फ्लेक्स प्रिंट के मालिक भभुआ वार्ड नंबर 17 के रहने वाले संदीप कुमार अग्रवाल व वहां काम करने वाले कर्मी वैभव कुमार अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं, पुलिस द्वारा प्रिंटिंग प्रेस के सीसीटीवी फुटेज व कंप्यूटर को खंगालने के बाद यह पता चला कि उक्त बैनर अग्रवाल फ्लेक्स प्रिंट में ही छपा था. सीसीटीवी फुटेज व उसके संचालक से पूछताछ के बाद बैनर छपवाने वाले लड़कों की भी पहचान कर ली गयी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. बैनर छपवाने व लगाने वालों में वार्ड नंबर 16 शक्ति नगर के रहने वाले रविंद्र राय के बेटे सचिन सिंह के अलावा अन्य 8-10 लड़के शामिल थे. शुक्रवार को उक्त मामले में डीएम सावन कुमार व एसपी ललित मोहन शर्मा द्वारा समाहरणालय में प्रेसवार्ता की गयी. प्रेसवार्ता में बताया गया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गुरुवार को उक्त बैनर लगाकर जहां एक तरफ अफवाह फैलाने की कोशिश की गयी, वहीं दूसरी तरफ बिना किसी कारण के लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी बाधित करने का प्रयास किया गया है. जिला प्रशासन ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए इस तरह का बैनर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के संचालक व उसके एक कमी को जहां गिरफ्तार किया है, वहीं इस तरह का बैनर छपवाने वाले लड़कों की भी पहचान कर ली गयी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. पकड़े गये प्रिंटिंग प्रेस के संचालक संदीप ने बताया है कि बुधवार की सुबह में वार्ड नंबर 16 का रहने वाला सचिन कुछ लड़कों के साथ आया था और उक्त बैनर का डिजाइन बनवाया और चला गया. शाम को एक लड़का आया और 170 रुपये भुगतान करके बैनर लेकर चला गया और बुधवार की रात में ही राजेंद्र सरोवर के पास उक्त बैनर को लगा दिया गया था. वहीं, संदीप द्वारा दिये गये बयान की पुष्टि उसके यहां लगे सीसीटीवी फुटेज से भी हो गयी है. पुलिस की सख्ती के बाद प्रिंटिंग प्रेस के संचालक ने खोला राज डीएम व एसपी ने बताया कि एसडीपीओ शिव शंकर कुमार व एसडीएम विजय कुमार व थानेदार मुकेश कुमार जब गुरुवार की शाम पोस्ट ऑफिस के पास अग्रवाल फ्लैक्स प्रिंट में छापेमारी करने पहुंचे, तो पता चला कि उसका संचालक संदीप पहले से ही कंप्यूटर का सीपीयू फॉर्मेट करने के लिए वहां से हटा दिया है और सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी निकाल लिया गया है और उसे फॉर्मेट करने के लिए दूसरी जगह ले गया है. पहले तो प्रिंटिंग प्रेस के संचालक द्वारा पुलिस को खूब बरगलाया गया, लेकिन जब पुलिस द्वारा गहरायी से पूछताछ की गयी, तो वह सीसीटीवी का डीवीआर छुपायी गयी जगह से ले आया. सीसीटीवी के फुटेज को जब खंगाला गया, तो उसमें लड़कों द्वारा प्रिंटिंग प्रेस में आकर उक्त बैनर को छपवाते हुए देखा गया, जिसके बाद प्रिंटिंग प्रेस के संचालक व उसके कर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही कंप्यूटर व सीसीटीवी का फुटेज भी पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया. = बैनर का पता लगाने गयी पुलिस को प्रिंटिंग प्रेस में मिली शराब उक्त बैनर का पता लगाने के लिए अग्रवाल प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी करने गयी पुलिस द्वारा जब ऊपरी तले व बीच के ताले की बारीकी से तलाशी ली गयी, तो वहां से तीन टेट्रा पैक शराब भी बरामद की गयी. इस तरह से संदीप कुमार अग्रवाल के ऊपर विवादित बैनर छापने के अलावा उत्पाद अधिनियम में भी अलग से केस दर्ज किया गया है. डीएम और एसपी ने बताया कि उक्त मामले में बैनर छपवाकर लगवाने वाले अन्य लड़कों के विषय में भी पता लगाया जा रहा है, उन्हें भी बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. इसके साथ ही डीएम और एसपी ने लोगो से आग्रह किया है कि वह किसी भी बहकावे न आयें. जुलूस पर किसी तरह का कोई रोक नहीं है, बल्कि सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए जुलूस निकालने के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है. अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है.
जुलूस नहीं, तो वोट नहीं मामले में प्रिंटिंग प्रेस का मालिक व कर्मी गिरफ्तार
कार्यालय. जुलूस नहीं, तो वोट नहीं व चुनाव बहिष्कार का बैनर लगाने के मामले में बैनर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस अग्रवाल फ्लेक्स प्रिंट के मालिक भभुआ वार्ड नंबर 17 के रहने वाले संदीप कुमार अग्रवाल व वहां काम करने वाले कर्मी वैभव कुमार अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है
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